नीतीश कुमार की इथेनॉल नीति युवाओं के लिए रोजगार के राह खोलेगी : प्रो. रणबीर नंदन

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पटना: जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधान पार्षद प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी रोजगार के नए अवसर पैदा करने की कोशिश लगातार कर रहे हैं और इसमें सफल भी रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने लगातार युवाओं को एक बेहतर मौका देने की योजना पर काम किया है। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किया है। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किए गए हैं। अब युवाओं के लिए रोजगार के अतिरिक्त अवसर पैदा किए जा रहे हैं। इस दिशा में ग्रीनफील्ड ग्रेन आधारित इथेनॉल प्लांट काफी कारगर साबित होगा।
प्रो. नंदन ने कहा कि नीतीश कुमार जी ने वर्ष 2021 में इथेनॉल पॉलिसी का निर्माण किया। माननीय मुख्यमंत्री जी इसकी बात वर्ष 2005 में बिहार में सरकार बनाने के बाद से कर रहे थे। उन्होंने वर्ष 2007 में केंद्र को प्रस्ताव भी भेजा था, लेकिन उस समय इस पर सहमति नहीं जताई गई। नई पॉलिसी के आधार पर देश का पहला ग्रीनफील्ड ग्रेन आधारित इथेनॉल प्लांट का निर्माण शुरू किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री ने इसे पूर्णिया में लगवाने की योजना की आधारशिला रखी। 105 करोड़ की लागत से बनने वाले प्लांट से कोसी और सीमांचल के किसानों और लोगों को काफी फायदा होगा।
प्रो. नंदन ने कहा कि युवाओं को रोजगार के यहां अवसर मिलेंगे। साथ ही, किसानों को भी अपनी फसल का बेहतर दाम मिलेगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में विकास होगा। प्रो. नंदन ने कहा कि इस इथेनॉल प्लांट से सालाना 172 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के प्रयास से ही प्रदेश को 18 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पादन का कोटा मिला था, जो अब बढ़ाकर 36 करोड़ लीटर किया गया है। पेट्रोल में इथेनॉल का इस्तेमाल 20 फीसदी तक किए जाने से भी इसकी मांग बढ़ेगी। मांग बढ़ेगी तो उत्पादन इकाइयों को भी बढ़ाया जाएगा।
प्रो. नंदन ने कहा कि प्रदेश में रोजगार के अवसर को पैदा करने के लिए औद्योगिक विकास की रणनीति पर नीतीश कुमार जी लगातार काम कर रहे हैं। बिहार जैसे कृषि आधारित राज्य में इससे संबंधित उद्योग को ही बढ़ावा दिया जाना जरूरी है। इसलिए, दूरदर्शी सोच रखने वाले नेता नीतीश कुमार ने 2007 में ही केंद्र को इथेनॉल नीति में संशोधन का प्रस्ताव दिए थे। उस समय उनके प्रस्ताव को केंद्र की ओर से नहीं माना गया। जब केंद्र ने उनके प्रस्ताव को माना तो अब बिहार में कई इथेनॉल प्लांट को खोलकर सरकार बड़े स्तर पर काम करती दिखेगी।

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