कृषि मंत्री ने किया आम महोत्सव-सह-प्रतियोगिता 2022 का उद्घाटन

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 पटना:  कृषि मंत्री बिहार अमरेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा ज्ञान भवन, गाँधी मैदान, पटना में 25 से 26 जून तक आयोजित दो दिवसीय आम महोत्सव-सह-प्रतियोगिता, 2022 का उद्घाटन किया गया।

माननीय मंत्री ने इस कार्यक्रम में अपने सम्बोधन में कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृषकों के बीच आपसी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा कराकर राज्य में आम फसल की खेती तथा गुणवत्तायुक्त आम के उत्पादन को बढ़ावा देना, आम की नयी किस्मों एवं तकनीकों से बागवानों को अवगत कराने के साथ-साथ आम के निर्यात तथा मूल्य संवर्धन के बारे में बागवानों एवं आमजनों को जानकारी देना है। कृषकों में उत्साहवर्धन करने हेतु उद्यान निदेशालय द्वारा प्रतिवर्ष इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजन कराया जाता है।

उन्होंने कहा कि आम महोत्सव, 2022 में राज्य के विभिन्न जिलों के कृषकों एवं उद्यमियों के द्वारा आम एवं इसके उत्पाद के करीब 2,558 प्रदर्शाें के साथ भाग लिया गया है। पटना, भागलपुर, मुंगेर, सीतामढ़ी, वैशाली, समस्तीपुर, कटिहार, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, रोहतास, सारण, शेखपुरा, शिवहर, सिवान, सुपौल, दरभंगा, बेगूसराय, अरवल, अररिया, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, नालन्दा, पूर्णिया आदि जिलों से अधिक-से-अधिक प्रदर्शाें का निबंधन हुआ है। इस प्रदर्शनी में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, डाॅ॰ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर, भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आई॰आई॰एच॰आर॰), बैंगलोर के द्वारा विभिन्न प्रजाति के आमों के प्रभेदों का प्रदर्शन किया जा रहा है। इस आम महोत्सव में बिहार के अधिकांश जिलों के आम के विभिन्न-विभिन्न प्रकार के प्रभदों का प्रदर्शन किया गया है लेकिन राज्य में आम के और भी स्वादिष्ट आम के प्रभेद किसानों द्वारा उपजाया जाता है। इस तरह के आयोजन से और भी किसान प्रोत्साहित होगे और अपने प्रादर्शों के साथ आगामी आयोजन में भाग लेगें।

उन्होंने आगे बताया कि इस प्रदर्शनी में आम प्रेमियों को आम फल के मध्यकालीन किस्में जैसे- लंगड़ा, कृष्णभोग, दशहरी एवं अन्य, देर से पकने वाली किस्में जैसे- फजली, सुकुल, सीपिया, चैसा एवं अन्य, संकर किस्में यथा- आम्रपाली, मल्लिका, सिंधु, पूसा अरूणिमा, अम्बिका, महमूद बहार, प्रभा शंकर एवं अन्य और बीजू आम किस्में तथा आम के विभिन्न मूल्यवर्धित प्रसंस्कृत उत्पाद देखने को मिलेंगे। इस महोत्सव को दिलचस्प बनाने के लिए आम नक्काशी प्रतियोगिता, आम खाओ प्रतियोगिता एवं आम फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन विशेषकर युवाओं एवं बच्चों के लिए किया गया है।

श्री सिंह ने कहा कि बिहार में उत्पादित आम के विभिन्न प्रजातियों में भागलपुर के जर्दालू आम को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में जी॰आई॰ टैग प्रदान किया गया है, जो इस प्रभेद के विशिष्टताओं को दर्शाता है। बिहार में 1.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आम के बाग स्थापित है, जिसमें करीब 15.50 लाख मेट्रिक टन आम का उत्पादन होता है। इस वर्ष एपीडा के सहयोग से भागलपुर से 4.5 टन जैविक जर्दालू आम का निर्यात बहरीन, बेल्जियम एवं इंगलैंड में किया गया है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री पहले गुजराज में उत्पादित केसर आम को पसंद करते है, परन्तु जबसे उन्होंने बिहार का जर्दालू आम खाया है, तब से उनके पसंदीदा आम में जर्दालू आम भी शामिल हो गया है। आज इंगलैंड के प्रधानमंत्री भी बिहार के जर्दालू आम के स्वाद से परिचित है।

उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में आम उत्पादक कृषकों के आमों की बिक्री तथा आम से निर्मित्त विभिन्न खाद्य सामग्री की प्रदर्शनी एवं बिक्री भी स्टाॅल के माध्यम से किया जायेगा। राज्य में उत्पादित आमों के खरीद-बिक्री हेतु क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का भी आयोजन किया जा रहा है। प्रादर्शाें का मूल्यांकन, मूल्यांकन समिति के द्वारा किया जायेगा। इस कार्यक्रम के दूसरे दिन यानि कल प्रतिभागियों के बीच पुरस्कार वितरण किया जायेगा। सभी श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कृषकों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में क्रमशः 5,000 रूपये, 4,000 रूपये एवं 3,000 रूपये के साथ-साथ प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जायेगा। इसके अतिरिक्त राज्य के एक किसान, जो सबसे ज्यादा पुरस्कार प्राप्त करेंगे, उन्हें 10,000 रूपये का विशिष्ट पुरस्कार के रूप में आम शिरोमणि एवं सर्वश्रेष्ठ आम किसान की उपाधि भी प्रदान की जायेगी।

सचिव, कृषि विभाग डाॅ॰ एन॰ सरवण कुमार ने कहा कि इस तरह के आयोजन से बिहार में आम उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन तथा प्रस्संकरण एवं विपणन में जुड़े उद्यमियों को एक मंच मिला। इस महोत्सव में कृषि और प्रस्संकृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के साथ-साथ आम के विपणन एवं प्रस्संकरण से जुड़े उद्यमियों और किसानों ने बिहार में आम के उत्पादन, प्रस्संकरण में अपने विचार रखे, जिसे आगे विभाग द्वारा रणनीति बनाने में सहयोग मिलेगा।

इस अवसर पर उद्यान निदेशक  नन्द किशोर, संयुक्त निदेशक, उद्यान आभांशु सी॰ जैन विभागीय पदाधिकारीगण सहित बड़ी संख्या में आम उत्पादक किसानगण एवं दर्शक मौजूद थे।

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