एड्स नियंत्रण को लेकर हो रहे प्रयास होंगे और तेजः मंगल पांडेय

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केंद्र व राज्य सरकार की कुशल नीतियों ने लाया बदलाव

पटना। बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति रजत जयंती वर्ष में एड्स जागरुकता के क्षेत्र में राज्य के अंदर कुछ ऐसा कार्य करेगी, जो देशभर में नजीर पेश करेगा। शीघ्र ही स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारी इसके लिए रणनीति बनाएंगे और उस दिशा में सार्थक पहल कर कार्य प्रारंभ करेंगे। आज जिस प्रकार से एड्स नियंत्रण समिति ने जन-जागरुकता से लेकर केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को मूर्त रूप प्रदान किया है, वह एड्स संक्रमितों को नया जीवन दे रहा है। उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने समिति के 25 वें स्थापना दिवस समारोह पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहीं।

श्री पांडेय ने कहा कि आज इस समारोह में जिन 85 लांग टर्म एचआईवी सर्वाइवर को सम्मान प्रदान किया जा रहा है। वह एड्स संक्रमितों व आम जनमानस के लिए भी एक प्रेरणा है। इन सभी ने बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन व सामाजिक सहभागिता में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। स्वास्थ्य विभाग विभिन्न स्तरों पर अलग-अलग संस्थाओं के सहयोग से एड्स की जागरुकता के लिए कार्य करता आ रहा है। इससे एड्स संक्रमित को भरपूर मदद मिलती है और स्वस्थ एवं सम्मानित जिंदगी भी जीते हैं। आज जिस प्रकार से केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से एक बदलाव आया है, वह संक्रमितों के लिए मददगार साबित हो रहा है। पूर्व में जहां लोग इस संक्रमण से घबराते थे और संकुचित रहते थे, वहीं आज कई पीड़ित नियमित दवा का सेवन कर आम लोगों की तरह जिंदगी बिता रहे हैं। जिस प्रकार से कार्य हुआ है, उसमें समाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक रूप से मदद प्रदान की जा रही है। एड्स नियंत्रण समिति अपने 25 वें वर्ष में और जोश के साथ सेवा करे, जिससे पीड़ितों को और बेहतर इलाज की सुविधा प्रदान हो। पहले इस बीमारी से लोग खौफ खाते थें और जिंदगी जीने की आस ही छोड़ देते थे, मगर धीरे-धीरे परिस्थितियां बदली हैं। आज बदले परिवेश में लोगों मे एक आशा की किरण का संचार विभाग की उपलब्धि है।

श्री पांडेय ने कहा कि आज यहां मौजूद 30 वर्ष से संक्रमित लोगों ने यह साबित कर दिया है कि किसी भी लड़ाई को मजबूती से लड़ कर हराया जा सकता है। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर जागरुकता होनी चाहिए, जिससे हम इस बीमारी की रोकथाम कर सकें। राज्य के अंदर विभिन्न केंद्रों पर दवाइयां उपलब्ध करायी जा रही है। आर्थिक स्तर पर संक्रमितों को मदद पहुंचायी जा रही है। राज्य में कुल 28 एआरटी सेंटर्स और 31 दवा वितरण केंद्र से जहां संक्रमितों की जांच और उन्हें दवा मिल रही है, वहीं शताब्दी योजना के तहत पुरुष एवं महिला संक्रमितों को 1500 रुपये एवं 18 वर्ष से कम उम्र एवं बच्चों को एक हजार की राशि परवरिश योजना के तहत प्रतिमाह दी जा रही है। विभिन्न समुदाय उनकी जीविका के लिए मदद कर रहे हैं। इन सभी प्रयासों से आज राज्य में एड्स नियंत्रण की दिशा में कार्य हो रहे हैं। आने वाले समय में और बेहतर परिणाम होंगे। अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने विभाग के कर्मियों को आगे भी और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम को राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय सिंह, सोसाइटी के परियोजना निदेशक अंशुल अग्रवाल, यूनिसेफ के प्रतिनिधि शिवेन्द्र पांड्या ने भी संबोधित किया। मौके पर राज्य प्रोग्रामिंग अफसर एन के गुप्ता, मनोज कुमार सिन्हा व स्वास्थ्य विभाग के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

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