राजस्थान सरकार के साथ मुस्लिम समाज के मजहबी_ सियासी नेतृत्व को भी चेतना होगा:लक्ष्मी सिन्हा

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बिहार (पटना सिटी) राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश संगठन सचिव महिला प्रकोष्ठ श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि उदयपुर में नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने पर युवक कन्हैया लाल की बेरहमी से हत्या के बाद हत्यारों ने चाकू_तलवार लहरा कर वीडियो बनाकर चुनौती दी। यह खुलेआम आतंक है। इस घटना को मैं निंदा करती हूं और केंद्र सरकार से कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग करती हूं। उस दरिंदों को ऐसी सजा मिले जो नंजीर बने। इस पर राजनीतिक ना हो।

श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि दर्जी कन्हैया लाल की जिस विभत्स तरीके से गला काटकर हत्या कर दी गई, वह हैवानियत की प्रराकाष्ठा है। इस तरह की बर्बरता तो सीरिया और अफगानिस्तान में देखने को मिलती है। कन्हैयालाल को निर्मलता से मरने वालों का दुस्साहस इससे समझ आता है की उन्होंने न केवल रोंगटे खड़ा कर देने वाले अपने पैशाचिक कृत्य का वीडियो बनाया, बल्कि बाद में एक और वीडियो जारी कर अपनी करतूत को सही ठहराते हुए प्रधानमंत्री को भी धमकाया। ऐसा एक मजहबी उन्माद से भरा कोई खूंखार आतंकी ही कर सकता है।

कन्हैया लाल की दिल दहलाने वाली हत्या को आतंकी घटना के रूप में ही लिया जाना चाहिए। इस मामले में राजस्थान सरकार के साथ केंद्र सरकार को भी सक्रिय होना चाहिए, ताकि देश में कहीं पर भी संप्रदायिक तनाव न फैलने पाए। इसके लिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हत्यारों को जितनी जल्दी संभव हो, कठोरतम सजा दी जाए। यह सजा ऐसी हो,जो उन्माद से भरे उन सब तत्वों के लिए सबक बने, श्रीमती सिन्हा ने कहा कि जो सिर तन से जुदा करने को अपना मजहबी कृत्य समझने लगे हैं।

उदयपुर की घिनौनी घटना यही बताती है कि सिर तन से जुदा,, महज एक नारा भर नहीं, बल्कि कबीलाई युग बाली एक धृणित मानसिकता है। आज के युग में ऐसी बर्बर मानसिकता के लिए कोई जगह नहीं हो सकती। सभ्य समाज को खौफजदा करने वाली उदयपुर की घटना के लिए कहीं न कहीं वे सब भी जिम्मेदार हैं, जिन्होंने पैगंबर मोहम्मद साहब पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद सड़कों पर उतर कर सिर तन से जुदा करने के नारे के साथ उत्पाद बचाया। इस उत्पात का इसलिए कोई औचित्य नहीं था, क्योंकि नूपुर शर्मा ने अपने बयान को लेकर स्पष्टीकरण जारी करने के साथ माफी मांग ली थी और उन्हें भाजपा ने निलंबित भी कर दिया था।

श्रीमती सिन्हा ने कहा कि इसके अलावा पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी थी। उदयपुर की पाशविक घटना के बाद राजस्थान सरकार फिर से कटघरे में खड़ी दिखाई दे रही है। उसे इस पर सचमुच गंभीरता दिखानी होगी कि राज्य में बार-बार मजहबी उन्मादजनित घटनाएं क्यों हो रही है? राजस्थान सरकार के साथ मुस्लिम समाज के मजहबी सियासी नेतृत्व को भी चेतना होगा। उसे सभ्य समाज को शर्मिंदा करने वाली इस घटना की निंदा भत्सना करने के साथ उन कारणों की तह तक भी जाना होगा, जिनके चलते इस्लामिक स्टेट के आतंकियों जैसे खूंखार और जहरीले तत्व उनके बीच पनप रहे हैं। इन कारणों की पहचान करना ही पर्याप्त नहीं, उनका निवारण भी करना होगा।

श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि अगर किसी को किसी के शब्दों से आपत्ति है तो उसके लिए न्यायिक प्रक्रिया है हमें उस का सहारा लेना चाहिए मेरी लोगों से अपील है कि शांति बनाए रखें ।शांति सद्भाव बिगड़ने से उन लोगों का लाभ होता है जो हमें परेशान देखना चाहते हैं।

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