अपने पुराने साथी सुशील मोदी के सवाल पर CM नीतीश ने क्यों कहा- ‘नो कमेंट’

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बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी महागठबंधन सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने तेलंगाना के सीएम केसीआर और सीएम नीतीश की बैठक को कॉमेडी कहा था. इसपर नीतीश कुमार ने सुशील मोदी को करारा जवाब दिया है.

पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार) ने भाजपा सांसद सुशील मोदी पर निशाना सधाते हुए उनके द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया है. सुशील मोदी ने कहा था कि तेलंगाना के सीएम केसीआर ने सीएम नीतीश को प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में स्वीकार नहीं किया. इस बात पर तेलंगाना के सीएम ने मुहर नहीं लगायी. इस पर नीतीश कुमार से जब सवाल किया गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए इसका जवाब दिया.

बोले सीएम नीतीश- ‘सुशील मोदी पर नो कमेंट’: सीएम नीतीश ने कहा कि सुशील मोदी क्या बोलते हैं उसपर कोई प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है. उनको उनकी पार्टी ने इज्जत नहीं दिया इसलिए कोशिश कर रहे हैं कि कुछ मिल जाए. उनके किसी भी चीज पर कोई कमेंट नहीं करेंगे. बेचारे को कुछ मिल जाए.क्या कहा था सुशील मोदी ने: सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने योजनबद्ध तरीके से केसीआर (CM Nitish Kumar Meeting With Telangana CM) को बुलाया था. उन्होंने सोचा था कि केसीआर बिहार आएंगे तो उनके नाम पर संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर मुहर लगाएंगे. लेकिन केसीआर ने साफ इंकार कर दिया. यही कारण के है कि बार-बार नीतीश जी प्रेस कांफ्रेंस के बीच से उठ कर जाने लगे.

बार-बार उठ रहे थे नीतीश : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पत्रकारों के सवाल पर जवाब दे रहे थे तो पीएम पद के लिए नीतीश कुमार की उम्मीदवारी को लेकर बार-बार सवाल पूछे जाने पर नीतीश कुमार खड़ा हो गए. तेलंगाना के मुख्यमंत्री उन्हें बैठने का आग्रह करते रहे लेकिन नीतीश कुमार बोले कि चलिए छोड़िए हो गया अब. हालांकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर के आग्रह पर फिर से बैठे नीतीश जरूर लेकिन एक बार फिर से खड़ा हो गये जबकि सवाल-जवाब का सिलसिला चल ही रहा था.

कार्तिकेय कुमार के इस्तीफे पर नीतीश की प्रतिक्रिया: वहीं सीएम नीतीश ने कार्तिकेय कुमार के इस्तीफे पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जानकारी के आधार पर उनपर कार्रवाई की गई है. कल ही जो होना था हो गया. दानापुर व्यवहार न्यायालय से कार्तिकेय को बेल नहीं मिली है. अब उनको जमानत के लिए पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा. ऐसे में अब किसी भी वक्त उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. कोर्ट के फैसले से ठीक पहले बुधवार देर शाम उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था.

दानापुर व्यवहार न्यायालय से जमानत याचिका खारिज: गुरुवार को अपहरण के एक मामले में दानापुर व्यवहार न्यायालय के एडीजे-3 में सत्यनारायण शेवहारे के कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. जज ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद शाम 4 बजे तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. कोर्ट ने 4 बजे के बाद फैसला सुनाया, जिसमें उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दी गई. अपहरण के इस मामले में आरोपी होने के कारण पूर्व मंत्री कार्तिकेय कुमार महज 15 दिनों में ही नीतीश कैबिनेट से बाहर हो गये. हालांकि लगातार विवादों के बीच सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार सुबह को उनका विभाग बदला था, लेकिन विभाग बदले जाने के बाद कार्तिकेय कुमार ने मंत्रिमंडल से त्याग पत्र दे दिया.

कार्तिकेय सिंह पर लगे थे आरोप : नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिलते ही कार्तिकेय कुमार विवादों में घिर गए थे. उनके ऊपर आरोप लगा था कि उनके खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है. 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था, इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट जारी किया. इस मामले में कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. इसको लेकर विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहा था कि जिनके खिलाफ खुद गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा चुका हो, उसे विधि विभाग का मंत्री कैसे बनाया जा सकता है.

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