आरके सिन्हा, आखिर आप किसी के मिट्टी के बने हैं?

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  • मुरली मनोहर श्रीवास्तव

आर के सिन्हा एक भाव हैं, आप एक मार्ग हैं, आप बुद्धिजीवि और श्रमजीवी की मिसाल हैं। आपके अंदर बच्चों सा कोमल हृदय, मां की ममता और पिता जैसा प्यार है। आप कभी किसी को छोटा नहीं समझे। आपकी मुस्कुराहट बरबस लोगों को अपनी ओर खींचती है, अपनत्व का एहसास कराती है। अनेक बच्चे-बच्चियों को पितातुल्य प्यार देने वाले आर के सिन्हा जिनके दरवाजे से आजतक कोई खाली नहीं लौटा।
मैं बात कर रहा हूं आर के सिन्हा यानि रविंद्र किशोर सिन्हा जी की जिन्होंने एक पत्रकार बनकर जिंदगी की शुरुआत की थी और आज ढाई लाख से अधिक परिवारों के मुखिया की भूमिका निभा रहे हैं। मैंने जब आपके ऊपर किताब लिखना शुरु किया तो कई अनछूए पहलू से रुबरु हो पाया, फिर भी लगता है कि आपके व्यक्तित्व को आखिर कैसे एक पुस्तक में समेट पाउंगा।
आप एक पत्रकार हैं, आप एक किसान हैं, आप विश्व के मानचित्र पर बड़े व्यवसायी और युवाओं को रोजगार मुहैया कराने वाले प्रगतिशील व्यक्तित्व हैं। उम्र 6 दशक से ज्यादा गुजर गई, लेकिन आज भी युवाओं की तरह सुबह की शुरुआत अपनी दिनचर्या के अलावे अखबारों के लिए आलेख लेखन से शुरु होती है। उसके बाद शुरु होती है अपने से जुड़े उन तमाम लोगों की चिंताएं, जिसे हल करने के लिए लगातार मेहनत करते रहते हैं। एशिया महादेश की सबसे बड़ी सिक्युरिटी एजेंसी एस0आई0एस0 है तो आदि चित्रगुप्त फाइनान्स बैंक अपनी 47 शाखाओं के साथ लाखों महिलाओं को अपने व्यवसाय करने के लिए आर्थिक लाभ देते हैं। मिट्टी से हरदम जुड़े रहने वाले आर के सिन्हा आर्गेनिक खेती खुद करवाते हैं तो शुद्ध गायों का दूध लोगों तक मुहैया कराते हैं। आपको किस क्षेत्र में झांककर देखूं, आपने इस ग्लैमर की दुनिया में भी पारंपरिक परिधानों के साथ-साथ पारंपरिक भोजन और भोजन के लिए पारम्परिक बर्तन का उपयोग कर नई पीढ़ी को राह दिखाने का काम करते हैं।
चौंक जाता हूं यह सोचकर कि जिस व्यक्ति की पूरी दुनिया में दोस्तों, व्यवसाय से जुड़े लोगों की सर्किल है उस भीड़ से हम जैसे अदना सा व्यक्तियों को आखिर कैसे अपना समय देते हैं। आपकी याद्दाशत क्षमता का तो मैं कायल हूं। चाहे अखबारों के लिए आलेख लिख रहे हों या फिर किसी सभा में अपने उद्बोधन से संबोधित कर रहे हों, मैने कभी नहीं किसी पन्ने को पलटते हुए देखा है। आपकी ईमानदार कोशिश का ही तो नतीजा है कि जिस क्षेत्र में आपने कदम रखा लाइन वहीं से शुरु हो गई। चाहे वो सिक्युरिटी एजेंसी हो, बैंक हो, आर्गेनिक खेती हैं, दूग्ध उत्पादन हो, मीडिया सेक्टर हो, छात्रों के भविष्य को संवारने के लिए निःशुल्क अवसर ट्रस्ट के माध्यम से बच्चों को पढ़ाकर आईआईटियन बनाना हो, आपकी विशेषताओं में शामिल है। राजनीति की बात करें तो आपने भाजपा के संस्थापक सदस्य होने के बावजदू भी कभी दल के आगे अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगा, लिहाजा पार्टी ने आपको राज्यसभा सांसद बनाकर दायित्व भी सौंपा था। एक बात और है कि आपकी कंपनी में कार्यरत कई ऐसे मुलाजिम भी हैं जिन्हें नौकरी के साथ अपने करियर को राजनीति या अन्य क्षेत्रों में उज्ज्वल करने से भी कभी नहीं रोका। आखिर आप किसी मिट्टी के बने हैं, यह समझ पाना मेरे इस जन्म में संभव तो नहीं है, मगर इतना मेरे लिए फक्र की बात है कि भले ही जेब में मेरे पैसे हों न हों मगर आपके दिए हौसले से आज कलमकार हूं तो दूसरी तरफ आपके स्नेह और आशीर्वाद मेरे लिए बहुत बड़ा वरदान है।

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