दशकों से चले आ रहे अयोध्या विवाद के इतिहास का बहुत बड़ा अध्याय आज सुप्रीम कोर्ट में लिखा गया. सुप्रीम कोर्ट के रुम नंबर 1 में CJI की अगुवाई में 5 जजों की स्पेशल बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह माना है कि बाबरी मस्जिद का निर्माण खाली जमीन पर नहीं हुआ था. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को दूसरे जगह पर जमीन देने का आदेश दिया है.सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष जमीन पर अपना दावा साबित नहीं कर पाया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंग्रेजों के वक्त नमाज के कोई सबूत नहीं हैं. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ढांचे को गिराना कानून व्यवस्था का उल्लंघन. कोर्ट ने यह माना कि हिन्दू अंग्रेजों से पहले वहां पूजा किया करते थे.सीता रसोई और राम चबूतरा के सबूत मिले. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 18वीं सदी तक भी नमाज का कोई सबूत नहीं मिला. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिमों को अलग जमीन देना का आदेश दिया गया है.
एएसाई की रिपोर्ट के मुताबिक खुदाई में जो ढांचा मिला हो मस्जिद का नहीं था.इसके साथ ही एएसआई की रिपोर्ट में ईदगाह और मस्जिद का जिक्र नहीं है. इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने कहा कि 1949 में 2 मूर्तियां रखी गईं थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर गिराकर मस्जिद बनाने का जिक्र नहीं मिला है. एएसआई की रिपोर्ट के मुताबिक गुंबद के नीचे मंदिर के अवशेष मिले हैं.
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