रिपोर्टर: सिद्धार्थ मिश्रा
महानंदा-गंगा-कोसी नदियों से घिरा है कटिहार
कटिहारः नेपाल की सीमा से लगते बिहार के जिलों में लगातार जोरदार बारिश हो रही है। तराई वाले इलाकों में अनवरत मूसलाधार बारिश होने के कारण नेपाल से बिहार की सीमा में प्रवेश करने वाली नदियां उफनाने लगी हैं। बड़ी नदियों के जलस्तेर में भी लगातार वृद्धि हो रही है। खासकर महानंदा नदी का जलस्त र काफी बढ़ गया है। इससे महाप्रलय की आहट अभी से दिखाई पड़ने लगी है। महानंदा के उफनाने से कटिहार के कई गांवों में बाढ़ का खतरा उत्परन्नं हो गया है। जमीन का कटाव शुरू होने के साथ ही कुछ सड़कें भी बाढ़ के पानी में डूब गया था।
कटिहार के आजमनगर और प्राणपुर प्रखंड के निचले इलाकों में बाढ़ के खतरे को स्प ष्ट तौर पर महसूस किया जा सकता है। दोनों प्रखंडों के निचले इलाके जलमग्न हो चुके हैं। खेतों की ओर जाने वाली सड़क भी डूब गई है। दूसरी तरफ, महानंदा के उफनाने से कई इलाकों में जमीन का कटाव भी शुरू हो गया है। इससे बड़ी आबादी पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। जिला प्रशासन राहत और बचाव कार्य के साथ-सथ अन्यख चीजों पर नजरें बनाए हुए है। उन्होंाने बताया कि अभी तक पूरे जिले से परेशान करने वाली कोई सूचना नहीं मिली है।
बाढ़ के लिहाज से रेडियम कहे जाने वाले कटिहार में अभी से ही बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। दरअसल, कटिहार का इलाका महानंदा, कोसी और गंगा नदी से घिरा हुआ है, ऐसे में जिला वासियों के लिए बाढ़ नियति बन गई है। एक बार फिर महानंदा नदी महाप्रलय का आभास कराने लगी है। कटिहार के दो प्रखंड आजमनगर और प्राणपुर के निचले इलाकों में खेतों तक जाने वाली सड़क डूब गई है। हर दिन तेजी से बढ़ता जलस्तर निचले इलाके में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों की तरफ रुख करने के लिए मजबूर कर रहा है। आजमनगर प्रखंड के बैरिया, इमाम नगर शिव मंदिर टोला, कंहारिया, रतनपुर बिलदारी और प्राणपुर प्रखंड के ग्रामदेवती, गजहर गांव के निचले इलाके में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। दूसरी तरफ कोसी और गंगा नदी अब तक स्थिर है। गंगा नदी के पास स्थित अमदाबाद प्रखंड के कई इलाकों में कटाव तेज हो गया है, जिससे लोग विस्थापित होने लगे हैं।