वॉशिंगटनः नासा ने कहा कि सबसे लोकप्रिय गलत धारणा ये है कि अंतरिक्ष में कोई ध्वनि नहीं है, क्योंकि अंतरिक्ष पूरी तरह निर्वात है और यहां ध्वनि तरंगों को आगे बढ़ने के लिए कोई माध्यम नहीं है. लेकिन दूरी तरफ एक आकाश गंगा समूह में प्रचुर मात्रा में गैस है जिसमें वह हजारों गैलेक्सी को अपने अंदर समा सकती है, ये ध्वनि तरंगों को आगे बढ़ने देते हैं. नासा ने ब्लैक होल की आवाज को चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी से पकड़े थे.
ब्लैक होल हमारे अंतरिक्ष में ऐसी जगह है, जहां बहुत ही ज्यादा गुरुत्वाकर्षण बल मौजूद है. इनकी ऊर्जा इतनी है कि कोई भी चीज इसके आरपार नहीं जा सकती है. यहां तक कि प्रकाश भी इनसे होकर नहीं जा सकता है. यहां भौतिक विज्ञान का कोई भी नियम काम नहीं करता है. अब एक सैटेलाइट ने ब्लैकहोल की आवाज को रिकॉर्ड किया है. नासा ने अब इसे इंसानी कानों को सुनने के हिसाब से प्रोसेस करके जारी किया है.
इस तरंग को इंसानों के सुनने के लिए ध्वनि तरंग में बदला जा सकता है. एक मनुष्य 57 ऑक्टेव को नहीं सुन सकते. अब एक नई मशीन के जरिए इन तरंगों में नए नोट्स जोड़े गए हैं, जिनसे एक बेहतर साउंड मिला है.
नासा ने अंतरिक्ष में एलियंस से संपर्क करने के लिए एक नया तरीका खोजा है. नासा ने अंतरिक्ष में इंसानों की नग्न तस्वीरें भेजने का फैसला किया है. ये एक अपडेट बाइनरी कोड मैसेज का हिस्सा है जिसका इस्तेमाल अंतरिक्ष में एलियंस से संपर्क साधने के लिए किया जाएगा. रेडियो वेव के जरिए इसे अंतरिक्ष में छोड़ा जाएगा.
जिस ब्लैक होल की ये आवाज है वह पृथ्वी से 20 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है. ये 1.1 करोड़ प्रकाश वर्ष की चौड़ाई में फैले पर्सियस आकाशगंगा समूह के केंद्र का हिस्सा है. 2003 से ही ये ब्लैकहोल ध्वनि से जुड़ा हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि खगोलविदों ने पाया कि ब्लैक होल से निकली दबाव तरंगों ने क्लस्टर की गैसों को गर्म कर दिया.