‘शास्त्री जी’ की जन्मस्थली से “जन जागरण रथ यात्रा”शुरु कर आर.के.सिन्हा समाज को करेंगे एकजुट

देश
  • 5 लाख से अधिक परिवारों के अभिभावक की भूमिका निभा रहे हैं आर.के.सिन्हा
  • मुरली मनोहर श्रीवास्तव

1965 का वो दौर जब भारत-पाकिस्तान युद्ध था, देश को एकजुट और आत्मनिर्भर बनने की सख्त ज़रूरत थी। उस समय, एक तरफ देश के जवान सीमा पर लड़ रहे थे, तो दूसरी तरफ किसान देश की खाद्य सुरक्षा के लिए काम कर रहे थे। उस वक्त के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने नारा दिया था- ‘जय जवान, जय किसान’। लाल बहादुर शास्त्री भारत के वो महान नेता थे जिनके जीवन को सादगी की मिसाल के रूप में याद किया जाता है और आज उनका दिया नारा देश के बच्चे-बच्चे की जुबां पर है।

आर.के.सिन्हा के नेतृत्व में बैठक करते समाज के अन्य प्रबुद्ध वर्ग, दिल्ली

दो अक्टूबर को दो हस्तियों का जन्मदिवस है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी की। इस देश को कायस्थ समाज ने बहुत कुछ दिया, जो सर्वविदित है। उन्हीं में से एक हैं एसआईएस के समूह चेयरमैन, पूर्व राज्यसभा सांसद हर दिल अजीज डॉ.आर.के.सिन्हा। इनके जीवन भले ही संघर्ष में बीते हों, मगर आज लगभग 5 लाख परिवारों के अभिभावक बने हुए हैं। इन्होंने कायस्थों को एकजुट करने और उनको जागरुक करने के लिए राष्ट्रीय संगत-पंगत “जन जागरण रथ यात्रा” की शुरुआत 2 अक्टूबर को वाराणसी से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी जन्म दिवस पर उनकी जन्मस्थली से कर रहे हैं जो समाज के लिए प्रेरणा है। कायस्थ शिरोमणी आर के सिन्हा द्वारा समाज को एकत्रित करने के लिए और उनके सहयोग में हमेशा खड़ा रहने का ही नतीजा है कि समाज बहुत हद तक अपने स्तर को ऊंचा कर पाने में सामर्थ्य हुआ है।

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की योजना आर के सिन्हा के नेतृत्व में दिल्ली में तैयार की गई, जिसमें कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चाएं हुई और उसको इंप्लिमेंट करने के लिए कार्य भी किया जा रहा है। रथ यात्रा की शुरुआत वाराणसी से हो रही है। हमें याद है कि कि 22 सितंबर को देहरादून में आर के सिन्हा ने अपने जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम के मौके पर संबोधित करते हुए कहा था कि हम अपने पूर्वजों की भूमि पर जाएंगे, उनको नमन करेंगे, आगे वाली पीढ़ी को याद दिलाएंगे की हमारे पूर्वजों ने समाज में अपना क्या योगदान दिया है। आज उनकी बतौलत हम सर उठाकर समाज में चल रहे हैं। देश के विभिन्न राज्यों में यात्रा के माध्यम से पांच माह में हर इलाके के समाज के महान सपूतों की जन्मस्थली पर जाएगी टीम ताकि उनके परिजनों और हमारे समाज को लगे की हम सब एक हैं हमारा उद्देश्य किसी को हानि पहुंचाना नहीं है बल्कि एक दूसरे को भी साथ लेकर चलना हमारी नियती रही है।

शास्त्री जी 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग 18 माह  भारत के प्रधानमन्त्री रहे। इस प्रमुख पद पर उनका कार्यकाल अद्वितीय माना जाता है। शास्त्री जी ने काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि प्राप्त की। देश की स्वतन्त्रता के उपरांत शास्त्रीजी को उत्तर प्रदेश के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। गोविंद बल्लभ पंत के मन्त्रिमण्डल में उन्हें पुलिस एवं परिवहन मन्त्रालय सौंपा गया। परिवहन मन्त्री के कार्यकाल में उन्होंने प्रथम बार महिला संवाहकों (कण्डक्टर्स) की नियुक्ति की थी। पुलिस मंत्री होने के बाद उन्होंने भीड़ को नियन्त्रण में रखने के लिये लाठी की जगह पानी की बौछार का प्रयोग प्रारम्भ कराया। 1951 में, जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में वह अखिल भारत कांग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त किये गये। उन्होंने 1952, 1957 व 1962 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से जिताने के लिये बहुत परिश्रम किया।

जवाहरलाल नेहरू का उनके प्रधानमन्त्री के कार्यकाल के दौरान 27 मई, 1964 को देहावसान हो जाने के बाद साफ सुथरी छवि के कारण शास्त्रीजी को 1964 में देश का प्रधानमन्त्री बनाया गया। उन्होंने 9 जून 1964 को भारत के प्रधानमंत्री का पद भार ग्रहण किया। उनके कार्यकाल में 1965 का भारत पाक युद्ध शुरू हो गया। इससे तीन वर्ष पूर्व चीन का युद्ध भारत हार चुका था। शास्त्रीजी ने अप्रत्याशित रूप से हुए इस युद्ध में राष्ट्र को उत्तम नेतृत्व प्रदान किया और पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी। इसकी कल्पना पाकिस्तान ने कभी सपने में भी नहीं की थी। ताशकंद में पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री अयूब खान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में ही रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिये मरणोपरान्त भारत रत्‍न से सम्मानित किया गया लाल बहादुर शास्त्री एक महान व्यक्ति थे। आर के सिन्हा का मानना है कि संगत-पंगत “जन जागरण रथ यात्रा” की शुरुआत ऐसे महान युगद्रष्टा के जन्मदिन पर कर करने से समाज और देश के हित में होगा।

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