गोपालगंज जिला के बरौली ब्लॉक के मिल्की, रूपानछप गांव में फाइलेरिया यानी हाथीपांव एवं हाइड्रोसिल में सूजन से कैसे बचाव कर सकते हैं। इस पर पीसीआई के आरएमसी बच्चू आलम की ओर से संपूर्ण जानकारी दी गई जैसे फाइलेरिया एक अपंगता लाने वाली बीमारी है जो संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है, इस का लक्षण चार स्थान पर आता है, पैर, हाइड्रोसिल, हाथ ओर स्थान इसका लक्षण पांच से 15 साल लगता है ,यह एक पैरासाइट डिजिट है जो कि धागे के समान दिखाई देने वाले निमेटोड कीड़ों के शरीर में प्रवेश करने की वजह से होती है। निमेटोड कीड़े परजीवी मच्छरों की प्रजातियों वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टी याब्रुगिया मलयी)और खून चूसने वाले कीटों के जरिए इंसान के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इन निमेटोड कीड़ों में फिलेरी वुचरेरिअ बैंक्रोफ्टी ब्रूगिआ मलाई और ब्रूगिआ टिमोरि शामिल है। फाइलेरिया मुख्य रूप से वुचरेरिअ बैंक्रोफ्टी परजीवी कीड़े की वजह से होता है। इस फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में एक बार स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार कि ओर से एमडीए यानी सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम आयोजित किया जाता है , जिसके तहत ड्रग एडिमिंस्टेटर यानी आशा दीदी, सेविका दीदी के दारा दो साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिला एवं असाध्य रोग को छोड़ कर फाइलेरिया से बचाव की दवा अपने सामने खिलाने का काम करेंगी। डायथाइलकार्बामाज़िन (डीईसी)मेक्टिज़न और एल्बेंडाज़ोल की गोली। यह भी बताया गया की फाइलेरिया से बचाव की दवा खाली पेट नहीं खाना हैं पीसीआई के डीसी तरुण कुमार ठाकुर ने जिले के चयनित स्थलों पर हो रहे नाइट ब्लड सर्वे की जानकारी ग्रामीणों को दी। नाइट ब्लड सर्वे रात में ही क्यों किया जा रहा है इसकी वजह भी बताई। इस कार्यक्रम में आशा फैसिलेटर सीमा देवी, बैजनाती देवी, सीसी जीविका अमित कुमार, सौरभ कुमार, अनिता कुमारी, एमआरपी सरोज देवी, तबसूम खातून, सीता कुमारी, संजू देवी उपस्थित रहे।