बिहार में चंद्र ग्रहण का समय, किन राशियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव

धर्म ज्योतिष

पटनाः  कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को भरनी नक्षत्र में मेष राशि में चंद्र ग्रहण लगेगा। यह साल का अंतिम चंद्रग्रहण होगा। बिहार में यह ग्रहण शाम 4:59 से 6:20 तक दिखे देखा जा सकेगा। इससे 9 घंटे पहले सूतक लग जाएगा इस अवधि में मंदिरों का के पट बंद रहेंगे और भगवान का दर्शन पूजन विधि रहेगा। भारतीय सनातन धर्म परंपरा में चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है। भारतीय ऋषियों ने चंद्रमा सूर्य ग्रहण को खगोलीय वैज्ञानिक कारण सदियों पहले से प्रमाणित किए हैं जो आज भी प्रत्यक्ष हैं। खगोलीय घटना के साथ धर्म से भी जुड़ा है चंद्र ग्रहण में ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। सूतक के समय देवताओं का स्पर्श पूजन आदि निषेध माना गया है। इसीलिए सूतक के समय मंदिरों के द्वार बंद रहेंगे सभी खाद्य पदार्थ पर लोग तुलसी या कुछ रखकर पवित्र करेंगे। ग्रहण के समय जब ध्यान भागवत श्री कृष्ण भागवत संकीर्तन होम आदि करने से अनंत फल प्राप्ति होती है। इसीलिए सभी लोग ग्रहण काल में अपने अपने इष्टदेव का स्मरण पूजन संकीर्तन जप आदि करेंगे। ज्योति वेद विज्ञान संस्थान पटना के निदेशक डॉक्टर राजनाथ झा के अनुसार जिन राशियों का ग्रहण में कुल प्रभाव है, वे ग्रहण ना देखें। जिन राशि के जातकों के लिए शुभ कारक है वे ग्रहण देख सकते हैं।

पटना में चंद्र ग्रहण शाम 5 बजकर 5 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगा। दरभंगा  में यह चंद्रग्रहण शाम 4 बजकर 59 पर प्रारंभ होगा और 6 बजकर 20 पर समाप्त होगा। इसी प्रकार गया में 5 बजकर 3 मिनट से, मुजफ्फरपुर में 4 बजकर 59 मिनट से, भागलपुर में 4 बजकर 53 मिनट से चंद्र ग्रहण आरंभ होगा। वहीं मोक्ष काल 6।20 मिनट पर बताया गया है।

ग्रहण के समय अपने-अपने ईष्ट देव का स्मरण करने से ग्रहण के कुप्रभाव से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, कार्तिक महीने में दो ग्रहण सूर्य ग्रहण सूर्य ग्रहण और चंद्र अब लगने वाले चंद्र ग्रहण चंद्र ग्रहण बिहार के लिए राजनीतिक दृष्टिकोण से उछल का कार्य करेगा। शासकीय व्यक्तियों को परेशानी रहेगी और संघर्षों का सामना करना पड़ेगा।

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। साथ ही उनके सिर से लेकर पांव तक एक धागा से नाप कर कोने में रखना चाहिए। वहीं, स्नान दान जप होम भागवत नाम कीर्तन गोदान आदि करना शुभ माना जाता है। विभिन्न राशियों पर पड़नेवाला प्रभाव निम्न है। मेष राशि-विश्वासघात, हानि। मिथुन- लाभ। कर्क-सुख। सिंह-आर्य कन्या कष्ट। तुला-स्त्री पीड़ा। वृश्चिक-सुख। धनु- चिंता। मकर-परेशानी। कुंभ-धन लाभ, मीन-क्षति

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