दीपावली पर पूरब दिशा या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व के बीच की दिशा) में एक छोटा चौकी रखें। लाल या गुलाबी रंग का वस्त्र उस पर बिछाएं। पहले भगवान श्री गणेश जी की मूर्ति रखें। फिर उनके दाहिने और माता लक्ष्मी जी को विराजमान करें। गुलाबी या श्वेत रंग का वस्त्र धारण करने के पश्चात आप गुलाबी या लाल रंग के आसन पर स्वयं बैठे। उसके बाद अपने चारों और जल का छिड़काव कर लें। फिर संकल्प करते हुए पूजन प्रारंभ करें। एक मुखी घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें। देवी महालक्ष्मी और भगवान श्री गणेश को पुष्प एवं मिठाइयां श्रद्धा भाव से चढ़ाएं।
इसके बाद सर्वप्रथम श्री गणेश जी और फिर मां लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप करें। अंत में आरती करें और शंख बजाएं। घर में दीपक जलाने से पहले थाल में पांच दीपक रखकर पुष्प आदि अर्पित करें। इसके बाद घर के प्रत्येक हिस्से में दीपक रखना शुरू करें। घर के अलावा कुएं या जल के स्रोत के स्थान के पास और मंदिर में दीपक जलाएं। दीपावली का पूजन लाल, पीले, गुलाबी या चमकदार रंग के वस्त्र धारण करके करें। काले, भूरे या नीले रंग से परहेज करें।
रुका हुआ धन पाने का उपाय
दिवाली की रात्रि देवी महालक्ष्मी जी को गुलाब का एक पुष्प एवं कुछ सिक्के चढ़ाएं। अगले दिन सुबह सारे सिक्कों को किसी गरीब को दान कर दें। गुलाब का फूल अपनी तिजोरी या जहां पर आप पैसे रखते हों वहां पर रख लें। धीरे-धीरे आपका अटका हुआ धन मिलने लगेगा।