दिल्लीः भारत 30 नवंबर 2023 तक एक वर्ष के लिए जी-20 की अध्यक्षता करेगा। यह फोरम जी-20 के सदस्य देशों, अतिथि देशों और भारत द्वारा आमंत्रित अंतरराष्ट्रीय संगठनों को एक मंच पर लायेगा। शेरपा ट्रैक के माध्यम से, प्राथमिकताओं पर चर्चा करने और सिफारिशें करने के लिए भारत की अध्यक्षता में 13 कार्य समूहों और दो कार्य-व्यापार समूह की बैठक होगी। पर्यावरण, जलवायु और वहनीयता, शेरपा ट्रैक के तहत कार्य समूहों में से एक है।
पर्यावरण और जलवायु निरंतरता कार्य समूह (ईसीएसडब्लूजी) की चार बैठकें निर्धारित हैं, जिनकी मेजबानी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय करेगा। ईसीएसडब्ल्यूजी में चर्चा ‘तटीय स्थिरता के साथ नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने’, ‘क्षरित भूमि और पारिस्थितिक तंत्र की बहाली’ तथा ‘जैव विविधता में वृद्धि’ और ‘चक्रिय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने’ पर केंद्रित होगी।
भारत की अध्यक्षता में जी-20 की पहली जी-20 पर्यावरण बैठक 09-11 फरवरी के दौरान बेंगलुरु में ताज वेस्ट एंड में आयोजित होगी। बेंगलुरु में पहली बैठक के लिए अग्रणी, मैसूरु चिड़ियाघर ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के सहयोग से 18 और 19 जनवरी 2023 को भारत के चिड़ियाघर निदेशकों के लिए दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। मैसूरु चिड़ियाघर, भारत में सबसे अच्छे प्रबंधित चिड़ियाघरों में से एक है, जो चिड़ियाघर प्रबंधन में उत्कृष्ट व्यवहारों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आयोजन-स्थल के रूप में चुना गया। यह चिड़ियाघर के जानवरों को गोद लेने की अनूठी अवधारणा के साथ भारत के दो आत्मनिर्भर चिड़ियाघरों में से एक है। सम्मेलन मुख्य रूप से “मास्टर प्लानिंग और प्रजातियों के प्रबंधन एवं संरक्षण के लिए राष्ट्रीय क्षमता का निर्माण” पर केंद्रित था। इस सम्मेलन में 25 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 59 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसका उद्घाटन मैसुरु नगर निगम के महापौर द्वारा किया गया था और संरक्षण व्यवहारों पर ध्यान आकर्षित करने में सफल रहा।
तैयारी और बेहतर समन्वय के लिए, सुश्री लीना नंदन, सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और सुश्री वंदिता शर्मा, मुख्य सचिव, कर्नाटक सरकार के बीच 21 जनवरी 2023 को बेंगलुरु में एक बैठक आयोजित की गई। ब्रांडिंग, सुरक्षा, स्थल प्रबंधन, कर्नाटक की परंपराओं को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों आदि और अन्य लॉजिस्टिक्स व्यवस्थाओं आदि से संबंधित पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। सुश्री नंदन ने राज्य सरकार से बैठक के लिए प्रमुख स्थानों पर ब्रांडिंग स्थान प्रदान करने का अनुरोध किया। केंद्रीय सचिव ने बेंगलुरू और इसके हरे-भरे वातावरण की सराहना करते हुए मुख्य सचिव से बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान के लिए जी-20 प्रतिनिधियों के दौरे की सुविधा प्रदान करने का भी अनुरोध किया। मुख्य सचिव ने बेंगलुरु में आयोजित होने वाली पर्यावरण पर जी-20 की पहली बैठक को सफल बनाने के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
केंद्रीय सचिव ने मुख्य सचिव के साथ अपनी चर्चा के दौरान, कर्नाटक राज्य वन विभाग द्वारा सार्वजनिक सेवाओं के तेजी से वितरण और प्राकृतिक संसाधनों की वास्तविक समय की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए तैयार किए गए नवीन सूचना प्रौद्योगिकी समाधानों पर प्रकाश डाला और उनकी सराहना की। एक प्रमुख पहल ई-परिहार है। यह एक ऑनलाइन आवेदन है, जो मानव-पशु संघर्ष के मामलों में मुआवजे के दावों के निस्तारण और स्वीकृति में मदद करता है; इस प्रकार, दावों के निस्तारण में पारदर्शिता और दक्षता आई है। इसी तरह, ई-गस्तु एक एंड्रॉइड आधारित प्लेटफॉर्म है। यह वन विभाग के फ्रंटलाइन कर्मचारियों द्वारा किए गए वन गश्ती/क्षेत्र गतिविधियों को दर्ज करता है, जिसे नियमित आधार पर सैटेलाइट इमेजरी पर पर्यवेक्षक अधिकारियों द्वारा देखा जा सकता है। इसी तरह, ई-टिम्बर सुविधा सरकारी टिम्बर डिपो में लगभग वास्तविक समय में लकड़ी के स्टॉक की उपलब्धता बताती है और सरकारी टिम्बर डिपो में लकड़ी/अन्य वन उपज के लिए ई-नीलामी की सुविधा प्रदान करती है। कर्नाटक वन विभाग द्वारा विकसित भू-स्थानिक वन सूचना प्रणाली एक अनूठा मंच है, जो रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीक का उपयोग करता है। यह राज्य में सभी अधिसूचित वन भूमि का स्थानिक डेटाबेस प्रदान करता है, जो वन भूमि अधिसूचनाओं, गांव के नक्शे, वन मानचित्रों तक पहुंच प्रदान करता है। वन अग्नि प्रबंधन प्रणाली वन अग्नि की योजना, शमन और विश्लेषण के लिए एक व्यापक समाधान है, जो वन अग्नि जोखिम क्षेत्र मानचित्रण, आग लगने के प्रित संवेदनशील इलाकों का मानचित्रण, जले हुए क्षेत्र का मूल्यांकन पकरता है। इसके साथ ही सक्रिय वन अग्नि सजगता के प्रसार के लिए एक मजबूत प्रणाली के साथ यह सुनिश्चित करता है कि सभी आग की घटनाओं का समयबद्ध तरीके से हल किया जाये और इन घटनाओं को कम किया जाये
जी-20 के प्रतिनिधियों का बेंगलुरु में कालकेरे अर्बोरेटम और बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान का दौरा करने का कार्यक्रम है। कालकेरे में, प्रतिनिधियों को कर्नाटक राज्य के चार प्रमुख वन पारिस्थितिक तंत्रों को देखने और अनुभव करने का अवसर मिलेगा। राज्य वन विभाग इन पारिस्थितिक तंत्रों में अपनाए गए वन बहाली मॉडल और इन क्षेत्रों में वन्यजीव जैव विविधता के सफल कायाकल्प का भी प्रदर्शन करेगा। बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान प्रतिनिधियों के लिये अत्याधुनिक तितली पार्क और वन्यजीव सफारी पेश करेगा। कर्नाटक वन विभाग, प्रमुख इको-पर्यटन मॉडल, जंगल लॉज रिजॉर्ट को भी पेश करेगा, जो विश्व स्तर पर प्रकृति प्रेमियों में बेहद लोकप्रिय हैं।
आयुक्त पर्यटन ने कहा है कि आयोजन स्थल पर मंडपों के माध्यम से कर्नाटक हस्तशिल्प और वस्त्रों की समृद्ध विरासत का प्रदर्शन किया जाएगा। संस्कृति सचिव ने कहा कि नादेश्वरम द्वारा कर्नाटक का कलात्मक चित्रण, अयाना डांस कंपनी द्वारा प्रदर्शन और सुमुख राव द्वारा बांसुरी वादन की योजना बनाई गई है। ये कार्यक्रम कर्नाटक की समृद्ध सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत को प्रदर्शित करेंगे। इसके जरिये यह सुनिश्चित किया जायेगा कि प्रतिनिधि अपने साथ कर्नाटक का अनुभव लेकर लौटें। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव ने इन पहलों की सराहना की और कहा कि इन्हें अपनाने तथा दोहराने के लिए सभी जी-20 देशों के साथ साझा किया जाएगा।