चंद्रशेखर जी के जीवन चरित्र को हर युवा राजनेता को अपने जीवन में सार्थक करने का प्रयास करना चाहिएः धीरज कुमार सिंह उर्फ लवजी

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जगदीशपुरः देश के 8वें प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह की जयंती पर कुंवर वाहिनी के प्रधान कार्यालय में उनकी तस्वीर पर कुंवर वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष धीरज कुमार सिंह उर्फ लव जी पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस मौके पर संबोधित करते हुए धीरज कुमार सिंह उर्फ लव जी ने कहा कि देश की समस्याओं को बहुत कम भारतीय राजनेता समझ पाते है और उसका समाधान निकाल पाने में सफल हो पाते हैं। ऐसे ही एक विजयी राजनीतिज्ञ चंद्रशेखर हैं। यह वी.पी.सिंह  के बाद देश के 8वें प्रधानमंत्री बने थे। चंद्रशेखर के कार्यकाल को देश की राजनीती में असरदार कार्य के लिए याद किया जाता है। चंद्रशेखर जी को छात्र जीवन से ही राजनीति में दिलचस्पी थी। उस दौरान देश प्रेम ही इनका जीवन था। चंद्रशेखर जी का मानना था कि युवा को शक्ति मानने वाला ही देश को एक स्वस्थ्य प्रगति की ओर ले जाता है। चंद्रशेखर देश के पहले ऐसे पीएम थे, जिनके पास पहले कोई सरकारी पद नहीं था। यानि की वह सीधे प्रधानमंत्री बने थे। यूपी का बलिया जिला उनका गढ़ था। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि वह इस संसदीय सीट से 8 बार चुनकर संसद पहुंचे थे। चंद्रशेखर का राजनैतिक जीवन एक आइने की तरह रहा। सबसे पहले उन्होंने समाजवादी आंदोलनों से जुड़कर पिछड़े वर्गों के लोगों के लिए बहुत कार्य किये। पिछड़ा वर्ग उस समय का एक अहम मुद्दा हुआ करता था। दलितों को सामान्य जीवन दिलाने के लिए चंद्रशेखर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा वह अन्य सामाजिक धर्मों की भावनाओं को भी भली भांति समझते थे। कांग्रेस के बाहरी समर्थन से चंद्रशेखर ने जनता दल सरकार का नेतृत्व किया था। उत्तरप्रदेश के इब्राहिमपट्टी गांव में 17 अप्रैल 1927 को चंद्रशेखर सिंह का जन्म हुआ था। चंद्रशेखर एक कृषक राजपूत परिवार से ताल्लुक रखते थे। 8 जुलाई 2007 को 80 साल की उम्र में चंद्रशेखर जी ने अंतिम सांस ली।

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