डॉ. सुरेन्द्र सागर
बक्सर में जिले के सम्पूर्ण एवं सर्वांगीण विकास की गंगा बहाने वाले जिलाधिकारी अमन समीर के सारण जिले में जिलाधिकारी के पद पर स्थानांतरण के बाद एक बार फिर इस जिले को विकास की व्यापक सोंच और अनुभव रखने वाले मृदुभाषी अंशुल अग्रवाल की जिलाधिकारी के पद पर सरकार ने तैनाती की है।अंशुल अग्रवाल सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं को ससमय धरातल पर उतारकर जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने वाले अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं।
बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी संभालने वाले अंशुल अग्रवाल बक्सर के ठीक बगल के जिले भोजपुर में उप विकास आयुक्त रह चुके हैं।
भोजपुर में उप विकास आयुक्त रहते उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को लोगो तक पहुंचाने के लिए बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। यही वजह रहा कि इनके पूर्व में उप विकास आयुक्त रहते जिस तरह शशांक शुभंकर गरीबो,युवाओ,समाजसेवियों,जनप्रतिनिधियों के बीच लोकप्रिय हुए थे ठीक वैसे ही अंशुल अग्रवाल को भी जिले में काफी लोकप्रियता मिली थी।
अंशुल अग्रवाल का जब भोजपुर से स्थानांतरण हुआ और जब उन्हें बिहार शरीफ नालंदा का नगर आयुक्त बनाकर भेजा गया था तब जिले के लोगों को भारी निराशा हुई थी।लोग नही चाहते थे कि अंशुल अग्रवाल फिलहाल भोजपुर से स्थानांतरित होकर कही और जाय।
अमन समीर
बक्सर जिले के 28 वें जिलाधिकारी के रूप में बिहार सरकार ने अंशुल अग्रवाल को जिले की कमान सौंपी है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2016 बैच के अधिकारी अंशुल अग्रवाल मूल तौर से राजस्थान के कोटा शहर के रहने वाले हैं।उनके पिता कोटा के बड़े व्यवसायी हैं।
उन्होंने आइआइटी मुंबई से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक तक की पढ़ाई की है। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित 2015 की संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में 47वां स्थान हासिल किया था।
वर्ष 2012 में बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने एक साल तक निजी कंपनी में नौकरी भी की थी । इसमें उनका मन नहीं लगा और इसके बाद वे यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। इनकी पत्नी अलंकृता पांडेय भी 2016 बैच की आइएएस अधिकारी हैं।
वह 21 फरवरी 2020 से जिले में बतौर डीएम पदस्थापित अमन समीर की जगह लेंगे। समीर को सरकार ने अब सारण जिले का डीएम बना दिया है।
दूसरी तरफ बक्सर का जिलाधिकारी रहते डीएम अमन समीर ने जिले के विकास के लिए कई कार्य किये।बक्सर हाट,साइंस सेंटर,स्टेशन से रामरेखा घाट तक सड़क किनारे से अतिक्रमण हटाकर सड़क का चौड़ीकरण,गंगा घाटों पर रिवर फ्रंट बनाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजने,मनरेगा में बेहतर उपलब्धि हासिल करते हुए बक्सर को टॉप पर ले जाने जैसी कई कार्यों से उन्होंने बक्सर वासियों का भरोसा जीत लिया।
बक्सर से उनके स्थानांतरण से एक तरफ बक्सरवासी निराश हैं तो बक्सर में अंशुल अग्रवाल जैसे जिलाधिकारी मिलने से उनके बीच खुशी की लहर भी है।