पांचवी और आठवीं कक्षा उत्तीर्ण बच्चों का राज्य के प्राथमिक और मध्य विद्यालय में नामांकन से परहेज बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था का द्योतक- विजय कुमार सिन्हा

देश

विद्यालय में विधायिका के अधिकार और निगरानी को कमजोर करने से शैक्षणिक माहौल बिहार में ध्वस्त,

प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक विद्यालयों में विधायकों के अधिकारों में कमी करना सरकार के राजतंत्र की मानसिकता,

बढ़ते हत्या अपहरण और अपराध की घटनाओं के कारण बच्चों के साथ अभिभावक कर रहे हैं राज्य के बाहर पलायन।

पटना,31 जुलाई 2023

भाजपा विधानमंडल दल के नेता श्री विजय कुमार सिन्हा ने पांचवी कक्षा उत्तीर्ण 4 लाख 38 हजार और आठवीं कक्षा उत्तीर्ण 4 लाख 29 हजार बच्चों के द्वारा क्रमशः छठी एवं नवमी में नामांकन नहीं लिए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था को दर्शाता है।

श्री सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन की सरकार राज्य की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव का दंभ भर रही है लेकिन इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के द्वारा नामांकन से परहेज करना इनकी वास्तविकता को उजागर करता है। जदयू के थिंक टैंक कहे जाने वाले दो बड़े नेता भी शिक्षा विभाग को संभाल चुके है लेकिन स्थिति नही बदली है। अब तो चरवाहा विद्यालय के जनक के दल के शिक्षा मंत्री हैं जो काफी दिनों से कार्यालय भी नहीं जा रहे हैं।

श्री सिन्हा ने कहा कि पिछले 33 वर्षों से बड़े भाई और छोटे भाई के दल के पास ही शिक्षा विभाग रहा है। इतने दिनों में ना तो यह विद्यालय का निर्माण कर पाए हैं ना ही निर्मित विद्यालयों में आधारभूत संरचना उपलब्ध करा पाएं है। छात्र पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं। लड़कियों के विद्यालय में भी शौचालय की व्यवस्था नहीं है। 2010-2015 की अवधि में महालेखाकार बिहार ने प्रतिवेदन दिया था कि जिन विद्यालयों में बिजली का कनेक्शन नहीं था उनके लिए भी कंप्यूटर की खरीद कर ली गई। अभी विभागीय अपर मुख्य सचिव द्वारा बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के कर्मियों के वेतन में 10% कटौती का आदेश दिया गया है। इनके द्वारा बनाए जा रहे विद्यालय भवनों और चहारदीवारी में लूट खसोट मची है।

श्री सिन्हा ने कहा कि इन विद्यालयों के प्रबंध समितियों में विधायकों के वित्तीय अधिकार में कमी कर दिए जाने के कारण भ्रष्टाचार बढ़ गया है। अब इनकी निगरानी भी नहीं हो पा रही है।यह सरकार के राजतन्त्र की मानसिकता को दर्शाता है।शिक्षा विभाग के कर्मी विद्यालयों की राशि का अपनी मर्जी से व्यय कर कमीशन के चक्कर में लगे हैं। विधायिका को कमजोर करने की साजिश सरकार के इशारे पर चल रही है।

श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य में बढ़ते हत्या अपहरण और अपराध की घटनाओं के कारण अभिभावक बच्चों को लेकर पलायन कर रहे हैं। वे राज्य के बाहर अपने बच्चों का नामांकन करा रहे हैं। स्थिति काफी चिंताजनक है। मंत्री और विभागीय अपर सचिव में तनातनी के कारण शिक्षा व्यवस्था और चौपट हो रही है।

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