दिल्लीः जल शक्ति मंत्रालय, नई दिल्ली, द्वारा “महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम-2013” की दसवीं वर्षगाँठ पर “श्रम शक्ति भवन, नई दिल्ली,” में आयोजित कार्यशाला में ममतामयी प्रियदर्शनी को भी मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था।
इस अतिमहत्वपूर्ण कार्यशाला की अध्यक्षता “ICC committee” की डायरेक्टर, ISC अधिकारी सौम्या पी0 कुमार जी ने की। कार्यक्रम का संचालन प्रखर वक्ता नीलम मदान जी ने किया। इस कार्यशाला के दौरान श्रम शक्ति भवन में यहां के समस्त महीला-पुरुष अधिकारी गण के साथ Indian Industries Association – IIA, Delhi, की तरफ से मृगेंद्र कुमार जी उपस्थित रहे।
इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्य अतिथि ममतामयी प्रियदर्शनी ने कहा- जब महिलाएं एक तरफ हर क्षेत्र में पुरुषो से कंधा से कंधा मिलाकर सफलता के शिखर छू रही हैं और देश की आर्थिक उन्नति में अपना योगदान दे रही हैं, वहीं दूसरी तरफ कई महिलाएं अपने कार्यस्थल पर किसी न किसी रूप में यौन उत्पीडन का शिकार हो कुंठित हो रही हैं। ऐसे में हम सभी, चाहे वो पुरुष हों या नारी, नीति निर्धारक हों या समाज के जागरूक लोग, सबका ये फर्ज बनता है कि हम कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षापूर्ण वातावरण दें और उनके कार्यों का सम्मान करें, जिससे वो बिना किसी भय या संकोच के देश के उत्थान में अपना शत-प्रतिशत योगदान दे सकें। तभी स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है।