बी पी एस सी, एस एस सी, सिपाही भर्ती परीक्षा सहित 90%परीक्षाओं के हो रहे हैं पेपर लीक,
पेपर लीक के दोषियों को मिली सजा पर सरकार जारी करे श्वेत पत्र,
2010 से अबतक सरकारी संस्थाओं में आउटसोर्सिंग द्वारा बहाली की हो सी बी आई से जांच,
पटना,9दिसम्बर 2023
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने 2010 से अभी तक सरकारी कार्यालय औऱ संस्थाओं में आउटसोर्सिंग के द्वारा नियमित पदों पर स्थायी बहाली की सी बी आई जाँच की मांग की है।
श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार में बोर्ड परीक्षा से लेकर नौकरी तक की परीक्षाओं में90%परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं।2012 में दो बार एस एस सी,2017 में एस एस सी,14 मार्च औऱ21 मार्च2021 बिहार पुलिस भर्ती परीक्षा,27 फरबरी 2022 को उत्पाद पुलिस परीक्षा,28 फरबरी2022 को फायरमैन की परीक्षा,2017,2019 औऱ2022 में बिहार दारोगा की परीक्षा,24 दिसम्बर 2022 को बिहार कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा,9 मई 2022 को 67वी बी पी एस सी पी टी परीक्षा औऱ 1अक्टूबर 2023 को सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ है।इसी प्रकार बिहार बोर्ड का 1 फरबरी2023 को 12 वी का गणित पेपर औऱ 4 फरबरी 2023 को 12वी का इंग्लिश पेपर लीक हुआ था।इससे साबित होता है कि नौकरी अथवा शैक्षणिक परीक्षाओं में बैठने वाले बिहार के युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है।
श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार राज्य विजली बोर्ड, बिहार विधानसभा सहित अनेक सरकारी संस्थाओं में सी बी टी(कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) के माध्यम से आउटसोर्सिंग एजेंसियों के द्वारा बहाली की गई है।कुछ ऐजेंसी पूर्ब से अन्य राज्यों में काली सूची में थी फिर भी उन्हें बहाली का काम दिया गया।यहाँ सेटिंग के द्वारा विभागीय प्रमुख के मेल से नौकरी बेचने का खेल हुआ।सी बी आई को जांच देने पर असलियत सामने आ जायगा।
श्री सिन्हा ने कहा कि2012 से अबतक के परीक्षा घोटालों में शामिल आरोपी, अभियुक्तों औऱ साजिश कर्ता के वर्तमान स्थिति पर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।इनमें किनको सजा मिली औऱ कौन जेल से बाहर हैं भी अंकित हो।
श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य में शिक्षा माफिया, अधिकारी और नेताओं का बड़ा नेटवर्क है जो पैसा लेकर सरकारी नौकरियों को वेचने के काम में लगे हैं।उगाही की राशि ये नीचे से लेकर सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाते हैं।भाजपा के शासन में आने पर इसकी पूरी जांच होगी और भ्रष्टाचारी जेल के अंदर भेजे जाएंगे।