रूस -यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के लिए प्रतिबद्ध है भारत

आलेख

-मनेज कुमार श्रीवास्तव

रूस-यूक्रेन के बीच लगभग ढाई साल पहले शुरू हुआ युद्ध अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है बल्कि उसकी लौ बढ़ते ही जा रहा है। युद्ध के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेन्सकी के बीच अब तक एक बार भी बैठक नहीं हुई है।दोनों ओर से एक-दो बार बातचीत का दौर मंत्री स्तर पर शुरू हुआ लेकिन नाकाम रहा।युक्रेन और रूस दोनों को इस युद्ध की कीमत भी चुकानी पड़ी है।
अब दुनिया के बाकी देश भी दोनों के बीच हो रहे युद्ध का खत्म होना चाहते हैं।भारत की भी यही चाहत है।इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब मोर्च सम्हाल लिया है।पहले यूक्रेन में राष्ट्रपति जेलेन्सकी से मुलाकात की और अब रूस के राष्ट्रपति पुतिन से दूरभाष पर बात की।यह बताने के लिए काफी है कि पीएम मोदी जंग रुकवाने की मुहिम में लग गये हैं।उनके प्रयास से युद्धरत दोनों नेताओं जेलेन्सकी और पुतिन को आमने-सामने बातचीत के लिए एक मेज पर लाने की सम्भावना बहुत है।
दोनों शीर्ष नेताओं की बातचीत पर जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने बताया है कि दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर विचारों का आदान-प्रदान किया।प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन की अपनी हालिया यात्रा के अनुभवों को भी साझा किया।उन्होंने दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी हितधारकों के बीच संवाद और कूटनीति के महत्व के बारे में बात की।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से भी दूरभाष पर बात की और ये बात उनके यूक्रेन यात्रा के तुरंत बाद आया था।राष्ट्रपति बाइडन से बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन में शांति और स्थिरता लेन की वकालत की थी।भारत रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग के समाधान को लेकर काफी चिंतित है। पीएम मोदी ने यह स्पष्ट किया था कि वह यूक्रेन में शांति स्थिरता को पूर्ण समर्थन देगा।मोदी की इस मुहिम को दुनिया भी काफी सराहना कर रही है।
पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति से यूक्रेन के हालातों पर चर्चा किये।बातचीत के दौरान मोदी ने पुतिन को बताया कि इस युद्ध पर भारत शांतिपूर्ण समाधान को लेकर प्रतिबद्ध है।इसके अलावे दोनों नेताओं के बीच रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने को लेकर भी बातें हुई।रविवार को रूस ने यूक्रेन पर कई मिसाइल दागी थी।इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मंगलवार को फोन पर बात की।
विदेश मंत्रालय मुताबिक दोनों नेताओं के बीच रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर बातचीत हुई।इस दौरान पीएम ने इस युद्ध पर ब्लादिमीर पुतिन की प्रतिक्रिया जानने का प्रयास किया।मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ब्राइडन को यूक्रेन की अपनी हालिया यात्रा के बारे में जानकारी दी साथ ही संघर्ष को समाप्त कर्नाड कद लिए बातचीत और कूटनीति के पक्ष में भारत की निरंतर स्थिति को दोहराया।पिछले सप्ताह पीएम मोदी पोलैंड और यूक्रेन दौरे पर थे।इसके अलावा मोदी और ब्राइडन के बीच की क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई।जिसमें बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के हालात और यूक्रेन की स्थिति सबसे अहम रही।
पीएम मोदी ने अलग-अलग मंचो से इस बात को दोहराया है कि संघर्ष का समाधान बातचीत के जरिए ही निकाला न सकता है।यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लादिमीर जेलेन्सकी ने यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत के नाम का प्रस्ताव दिया है।यूक्रेन यात्रा के दौरान जेलेन्सकी ने पीएम मोदी के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था।जेलेन्सकी चाहते हैं कि शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत करे।जेलेन्सकी क् यह बयान कूटनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।रूस-यूक्रेन के बीच पीएम मोदी ने कूटनीतिक पहल की है।
यूक्रेन राष्ट्रपति जेलेन्सकी एवं रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से बातचीत कर पीएम मोदी ने शांति के लिए प्रयास शुरू किए हैं।मोदी जी की इस मुहिम को दुनिया भी सराहना कर रही है यूक्रेन की यात्रा के बाद मोदी ने पुतिन और ब्राइडन से बातचीत की।

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