आरा कार्यालय
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के सम्बद्ध डिग्री कॉलेज तपेश्वर सिंह इंदु महिला महाविद्यालय आरा के सैकड़ो शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत पुराने कैम्पस स्थित विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर धरना दिया और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की.
कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के तत्वावधान में आंदोलन पर उतरे सैकड़ो शिक्षकों और कर्मियों ने कॉलेज की तदर्थ समिति की पिछली बैठक में लिए गए निर्णय का अनुमोदन करने, अविलम्ब शासी निकाय का गठन कराने पिछले छः माह के बकाये वेतन का भुगतान करने और राज्य सरकार द्वारा मिलने वाले अनुदान की कई सत्रों की बकाया राशि का जल्द से जल्द वितरण कराने की मांग कर रहे थे.शिक्षकों एवं कर्मचारियों के विश्वविद्यालय मुख्यालय पहुँचने और पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आंदोलन की शुरुआत होते ही कुलपति डॉ. शैलेन्द्र कुमार चतुर्वेदी ने तपेश्वर सिंह इंदु महिला महाविद्यालय आरा के शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं के के एक शिष्टमंडल को बातचीत करने और समस्याओं के समाधान के लिए अपने कार्यालय कक्ष में आमंत्रित किया.
कुलपति के बुलावे पर कॉलेज की शिक्षक प्रतिनिधि प्रो. डॉ. सियामती राय,प्रो. डॉ. निभा परमार,प्रो. डॉ.अंजू कुमारी,प्रो. डॉ.शिव शक्ति कुमार,प्रो. डॉ.लालती कुमारी और सुनील कुमार सिंह कुलपति के कार्यालय कक्ष में पहुंचे जहां शिष्टमंडल ने अपनी मांगे रखी. कुलपति ने सभी मांगो को गंभीरतापूर्वक सुना और कहा कि तीन दिनों के भीतर कॉलेज के तदर्थ समिति के लिए गए निर्णय का अनुमोदन कर दिया जायेगा. इस निर्णय के अनुमोदन के बाद खाता संचालन शुरू हो जायेगा और शिक्षकों एवं कर्मियों के पिछले छः माह के बकाये वेतन का भुगतान हो जायेगा. कुलपति डॉ. चतुर्वेदी ने शिष्टमंडल को आश्वस्त किया कि जल्द ही कॉलेज की शासी निकाय का गठन भी करा दिया जायेगा और राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली अनुदान की कई सत्रों की बकाया राशि को कॉलेज के शासी निकाय को वितरित करने का अधिकार प्रदान करते हुए अनुदान की राशि कॉलेज केमहिला महाविद्यालय आरा के शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं के के एक शिष्टमंडल को बातचीत करने और समस्याओं के समाधान के लिए अपने कार्यालय कक्ष में आमंत्रित किया.
कुलपति के बुलावे पर कॉलेज की शिक्षक प्रतिनिधि प्रो. डॉ. सियामती राय,प्रो. डॉ. निभा परमार,प्रो. डॉ.अंजू कुमारी,प्रो. डॉ.शिव शक्ति कुमार,प्रो. डॉ.लालती कुमारी और सुनील कुमार सिंह कुलपति के कार्यालय कक्ष में पहुंचे जहां शिष्टमंडल ने अपनी मांगे रखी. कुलपति ने सभी मांगो को गंभीरतापूर्वक सुना और कहा कि तीन दिनों के भीतर कॉलेज के तदर्थ समिति के लिए गए निर्णय का अनुमोदन कर दिया जायेगा. इस निर्णय के अनुमोदन के बाद खाता संचालन शुरू हो जायेगा और शिक्षकों एवं कर्मियों के पिछले छः माह के बकाये वेतन का भुगतान हो जायेगा. कुलपति डॉ. चतुर्वेदी ने शिष्टमंडल को आश्वस्त किया कि जल्द ही कॉलेज की शासी निकाय का गठन भी करा दिया जायेगा और राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली अनुदान की कई सत्रों की बकाया राशि को कॉलेज के शासी निकाय को वितरित करने का अधिकार प्रदान करते हुए अनुदान की राशि कॉलेज के खाते में भेज दी जाएगी.कुलपति ने शिक्षकों के शिष्टमंडल को भरोसा दिलाया कि शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के हित और कॉलेज के शैक्षणिक विकास में उनका हमेशा सकारात्मक सहयोग मिलता रहेगा.
वीकेएसयू के पुराने कैम्पस स्थित प्रशासनिक भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर धरना पर बैठने वाले शिक्षकों एवं कर्मियों में प्रो. डॉ.इन्द्राणी सिंह,प्रो. डॉ.विभा सिंह,प्रो. डॉ.रागिनी कुमारी, प्रो. डॉ.धर्मेन्द्र कुमार,प्रो. डॉ.आमिया रंजन,प्रो. डॉ.संदीप कुमार,प्रो. डॉ.शिला सिंह,प्रो. डॉ.उर्मिला सिंह,प्रो. डॉ.कुमारी माया,प्रो. मनोज कुमार, प्रो. सुरेश सिंह, प्रो.सीमा कुमारी, रीता सिंह, अखिलेश सिंह, दिलीप कुमार सिंह, राकेश कुमार, सुरेन्द्र कुमार, शैलेश कुमार सिंह, प्रवीण सिंह, उमा शंकर सिंह,अशोक सिंह समेत सैकड़ो लोग प्रमुख रूप से शामिल थे.
खाते में भेज दी जाएगी.कुलपति ने शिक्षकों के शिष्टमंडल को भरोसा दिलाया कि शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के हित और कॉलेज के शैक्षणिक विकास में उनका हमेशा सकारात्मक सहयोग मिलता रहेगा.
वीकेएसयू के पुराने कैम्पस स्थित प्रशासनिक भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर धरना पर बैठने वाले शिक्षकों एवं कर्मियों में प्रो. डॉ.इन्द्राणी सिंह,प्रो. डॉ.विभा सिंह,प्रो. डॉ.रागिनी कुमारी, प्रो. डॉ.धर्मेन्द्र कुमार,प्रो. डॉ.आमिया रंजन,प्रो. डॉ.संदीप कुमार,प्रो. डॉ.शिला सिंह,प्रो. डॉ.उर्मिला सिंह,प्रो. डॉ.कुमारी माया,प्रो. मनोज कुमार, प्रो. सुरेश सिंह, प्रो.सीमा कुमारी, रीता सिंह, अखिलेश सिंह, दिलीप कुमार सिंह, राकेश कुमार, सुरेन्द्र कुमार, शैलेश कुमार सिंह, प्रवीण सिंह, उमा शंकर सिंह,अशोक सिंह समेत सैकड़ो लोग प्रमुख रूप से शामिल थे.