डॉ. सुरेन्द्र सागर
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय और इसके अंतर्गत आने वाले सभी अंगीभूत, सम्बद्ध और बीएड कॉलेजो का नैक मूल्यांकन कराने को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विवि के सभागार और शहर के एमएम महिला कॉलेज के सभागार में अलग अलग सत्रों के तहत शुक्रवार को सम्पन्न हो गया।
बिहार सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर आयोजित इस कार्यशाला में नैक मूल्यांकन से जुड़ी प्रक्रियाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।नैक के नवीनतम दिशा निर्देशों पर भी प्रकाश डाला गया।
नैक मूल्यांकन को लेकर अंगीभूत कॉलेज के प्राचार्यों के साथ कार्यशाला जहां यूनिवर्सिटी के सभागार में आयोजित किया गया वहीं सम्बद्धताप्राप्त एवं बीएड कॉलेजो और बीएड विभागों के नैक मूल्यांकन के लिए कार्यशाला महन्थ महादेवानन्द महिला कॉलेज में आयोजित किया गया।
दो दिवसीय कार्यशाला में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ भी मौजूद थे।उन्होंने कार्यशाला में शामिल अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों एवं पीजी विभागाध्यक्षों को नैक के उद्देश्यों को विस्तार से समझाते हुए कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर योजना बनाई जा रही है।अब नैक का इसीलिए महत्व भी बढ़ गया है।यूजीसी,रूसा और राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त करने के लिए अब कॉलेजों को नैक से जुड़ना अनिवार्य हो गया है।
उन्होंने वीकेएसयू के एआईएसएचई के पोर्टल पर डाटा अपलोड करने में अग्रणी भूमिका निभाने और बेहतर प्रदर्शन करने को लेकर विवि की सराहना भी की।
उच्च शिक्षा विभाग के सचिव ने कहा कि कॉलेज नैक की तैयारी में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि एआईएसएचई के पोर्टल पर अपलोड किए गए डाटा और नैक डाटा में एकरूपता रहे।
दोनों के डाटा में अंतर होने पर नैक मूल्यांकन में समस्या खड़ी हो सकती है और ऐसे कॉलेज मूल्यांकन से वंचित रह सकते हैं।
उन्होंने कॉलेजों में रिसर्च,सेमिनार, पठन पाठन,शिक्षा की गुणवत्ता विकसित करने पर भी बल दिया और कहा कि कॉलेजों को अपनी आधारभूत संरचना के विकास के साथ साथ छात्रों को क्वालिटी की शिक्षा भी उपलब्ध करानी होगी।
विवि के आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो.केसी सिन्हा ने किया।स्वागत भाषण कुलसचिव प्रो.धीरेंद्र कुमार सिंह ने और विषय प्रवर्तन विवि नैक नोडल अधिकारी एवं यूनिवर्सिटी के सीसीडीसी प्रो.नीरज कुमार ने किया।
वीकेएसयू में आयोजित कार्यशाला में नैक की बारीकियों से अवगत कराने के लिए उच्चतर शिक्षा परिषद(रूसा),शिक्षा विभाग और नैक के एक्सपर्ट शामिल हुए।
रूसा के एकेडमिक सलाहकार प्रो.एनके अग्रवाल ने नैक मूल्यांकन के हर एक विंदु पर विस्तार से चर्चा की।कार्यशाला में आये अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों एवं पीजी के विभागाध्यक्षों के सभी सवालों के जवाब भी दिए।उन्होंने कहा कि परीक्षाफल के माध्यम से छात्रों की गुणवत्ता का आकलन किया जाता है।
इसी आधार पर कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के मूल्यांकन के लिए राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ग्रेडिंग आवश्यक है।
उन्होंने कॉलेज से लेकर विवि स्तर तक शैक्षणिक कैलेंडर बनाने की बात कही और कहा कि इससे छात्रों को शिक्षा प्रदान करने की कार्य योजना पहले से ही तय की जा सकेगी।
शिक्षा और परीक्षा मामलों के विशेषज्ञ डॉ. फ्रांसिस सी पीटर ने कहा कि सरकार राज्य के सभी उच्चतर शिक्षा संस्थानों को अनुदान दे रही है और अनुदान के माध्यम से कॉलेजों और विवि की आधारभूत संरचना को विकसित कर रही है।
उन्होंने कहा कि बावजूद इसके उच्च शिक्षा संस्थान सही तरिके से इस अनुदान का उपयोग नही कर रहे हैं और शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के मामले में पिछड़ जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नैक मूल्यांकन से सरकार को यह रिपोर्ट मिल जाएगा कि किस कॉलेज में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर कितने कार्य हुए हैं।
सरकार इसी आधार पर तय करेगी कि किस संस्थान को अनुदान की आवश्यकता है और सरकार नैक मूल्यांकन के आधार पर ही अब अनुदान की राशि देने पर विचार करेगी।
रूसा के एकेडमिक अधिकारी गौरव सिक्का ने भी कार्यशाला को संबोधित किया और कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों को अब सरकार नैक मूल्यांकन के आधार पर ही अनुदान देगी इसलिए अब उच्च शिक्षा संस्थानों को हर हाल में नैक मूल्यांकन के लिए गंभीर होना पड़ेगा।
वीकेएसयू के कुलपति प्रो.केसी सिन्हा ने भी कार्यशाला को संबोधित किया और कहा कि नैक के नए पैटर्न के तहत तैयारी करने पर ही हमें बेहतर ग्रेड मिल सकेगा।उन्होंने कहा कि नैक यूनिवर्सिटी में रिसर्च के स्तर और कॉलेजों में पठन पाठन के स्तर का मूल्यांकन कर अपनी रिपोर्ट देती है।इसलिए विभागाध्यक्ष विभागों में रिसर्च पर जोर दें एवं रिसर्च में तेजी लाएं।
वीकेएसयू के सीसीडीसी सह नैक मूल्यांकन के नोडल अधिकारी प्रो.नीरज कुमार ने दो दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन शुक्रवार को बताया कि विवि,सभी अंगीभूत और सम्बद्धताप्राप्त कॉलेजो और बीएड कॉलेजों को नैक से मूल्यांकन कराने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि कुलपति प्रो.केसी सिन्हा के मार्गदर्शन में वे स्वयं,प्रतिकुलपति प्रो.सीएस चौधरी और कुलसचिव प्रो.धीरेंद्र कुमार सिंह सभी अंगीभूत एवं सम्बद्धताप्राप्त कॉलेजो के साथ ही बीएड कॉलेजो व विभागों में नैक मूल्यांकन पूरा कराने के कार्यों में मदद करेंगे।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को आयोजित कार्यशाला में एमएम महिला कॉलेज के सभागार में 49 सम्बद्धताप्राप्त कॉलेजों के प्राचार्य,18 बीएड कॉलेजों के प्राचार्य एवं तीन बीएड विभागों के प्राचार्य शामिल हुए।