पटना: जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधान पार्षद प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि प्रदेश के हर टोले तक अब सरकार की योजनाएं पहुंच रही हैं। इसका कारण नीतीश कुमार की प्रभावी नीति है। अब सरकार का संपर्क हर घर तक है। गांव की इकॉनोमी को बढ़ाने में सड़कों का योगदान सबसे अधिक है। हर टोले तक सड़कों का संपर्क स्थापित करने में पिछले 16 सालों में नीतीश कुमार ने सफलता दर्ज की है। इसका कारण प्रदेश में कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। वर्ष 2005 से पहले गांवों के करीब से गुजरने वाली डिस्ट्रिक्ट बोर्ड की सड़क ही सबसे बड़ा कनेक्टिविटी का माध्यम होती थी। गांवों में सड़कों के नाम पर कच्ची पगडंडी ही बड़ा माध्यम थी। लेकिन, अब स्थिति में बदलाव हो गया है। अब हर गांव-टोले तक पक्की सड़कों का निर्माण किया गया है। हर घर के आगे तक अब पक्की सड़क का जाल बिछाया जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने एक विजन, एक सोच के साथ काम करना शुरू किया और परिणाम सामने है।
प्रो. नंदन ने कहा कि विकास का आधार नीतीश कुमार हैं। उन्होंने ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियरिंग सेक्शन को मजबूत कर गांवों की सूरत ही बदल दी है। अब गांवों के उत्पाद को बाजार तक पहुंचाने के लिए विशेष कार्यक्रम तैयार किया। एक समय था, जब प्रदेश का वित्तीय वर्ष 2004-05 का कुल बजट 23885.47 करोड़ का था। वर्ष 2004-05 में कुल खर्च करीब 20 हजार करोड़ का हुआ था। वित्तीय वर्ष 2021-22 में ग्रामीण कार्य विभाग ने सबसे अधिक खर्च के मामले में टॉप 10 विभागों में नौवां स्थान हासिल किया। इससे साफ है कि मुख्यमंत्री ग्रामीण इलाके की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने की योजना पर काम करने की नीति रखते हैं। पूर्व की सरकारों ने ग्रामीण विकास को केवल नारे में स्थान दिया। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में काम ही नहीं किया गया। यही कारण रहा है कि ग्रामीण इलाके में अर्थव्यवस्था जस की तस बनी रही।
प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में ग्रामीण कार्य विभाग ने 5780.82 करोड़ रुपये खर्च किए। वर्ष 2004-05 के कुल बजट का यह एक चौथाई भाग रहा। साफ है, अगर साफ नीति के साथ काम किया जाए तो स्थिति में बदलाव साफ तौर पर देखा जा सकता है। ग्रामीण कार्य विभाग के तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने की योजना पर भी काम काफी बेहतर तरीके से कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मनरेगा का उदाहरण सबसे बड़ा है। ग्रामीण इलाके में लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में इस योजना को नीतीश कुमार ने प्रभावी तरीके से लागू कराया। ग्रामीण सड़कों के साथ पुल-पुलिया आदि के निर्माण ने भी बड़ी भूमिका निभाई है। शहरों से अब गांव की दूरी कम हो रही है। इसका परिणाम अब ग्रामीण पलायन के रुकने के रूप में देखा जा सकता है।