पटना, 1 जुलाई : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि 2014 से पहले देश की बड़ी आबादी, जिसमें खासकर महिलायें थीं, का बैंक खाते तक नहीं थे, लेकिन अब मोदी जी की सरकार ने आठ सालों में 45 करोड़ से ज्यादा जनधन खाते खुलवाकर देश के गरीब जन को भी मुख्यधारा के अर्थतंत्र का हिस्सा बनाया। यह आर्थिक समावेशन का अद्वितीय मिसाल है।
वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना बिहार के लिए बना वरदान साबित हो रहा है। इसके तहत सबसे अधिक बिहार के 15,729 लोगों ने राज्य के बाहर राशन लिया। इस योजना का उद्देश्य जहां देश में फर्जी राशन कार्ड के इस्तेमाल को रोकना है, वहीं किसी भी राज्य के राशन कार्डधारी को देश के किसी भी दूसरे राज्य में कोटे का राशन उपलब्ध कराना है। साथ ही गरीब प्रवासी को खाद्य सुरक्षा मुहैया कराना भी है। एक समय था जब राशनकार्ड होने के बावजूद भी प्रवासी बिहार वासियों को अनाज नहीं मिलता था। लेकिन अब एक देश एक राशन कार्ड जैसी योजना से देश के हर कोने में प्रवासी बिहार वासियों को कम दर पर और मुफ्त अनाज वितरण का लाभ मिल रहा है।
श्री अरविन्द ने कहा है कि एक समय था कि 2014 से पहले साठ सालों में सिर्फ 55 प्रतिशत घरों तक ही रसोई गैस की पहुँच थी। लेकिन अब 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद आठ सालों से देश के लगभग शत-प्रतिशत परिवारों को इस दायरे में लाने का सफल प्रयास किया है।
कांग्रेश राजद के लालटेन युग में जिन गरीबों के पास रहने के लिए बारिश में भी टपकता आश्रय था। वहीं अब वैसे जरूरतमंद 2 करोड़ 39 लाख गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर की चाबी दे दी गई है।
वहीं दूसरी ओर पहली बार उद्यमशीलता के क्षेत्र में बिहार को मिला है देश में दूसरा स्थान। पिछले डेढ़ साल में बिहार में 36 हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव है। एमएसएमई MSME कंपनियों की संख्या डेढ़ साल में आठ गुना बढ़ी है, जिसमें चार हजार इकाइयों में उत्पादन शुरू हुआ है। न्यू इंडिया ने अपनाया डिजिटल पेमेंट्स।