पटना: राजधानी के डाकबंगला चौराहे पर 22 अगस्त को शिक्षक अभ्यर्थी के प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था. इसी दौरान एडीएम कृष्ण कन्हैया सिंह के द्वारा हाथ में तिरंगा लेकर प्रदर्शन कर रहे एक अभ्यर्थी पर जमकर लाठियां बरसाई गई थी. मामला सामने आने के बाद पटना डीएम ने जांच के आदेश दिए थे. इस मामले में दो सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया था. जांच दल को दो दिन में रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया था. अब इस मामले में जांच के लिए पांच दिन का और समय दिया गया है.
जिलाधिकारी ने दिए थे जांच के आदेश: 2 दिनों के बाद पटना जिला प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार गठित जांच टीम के द्वारा पटना जिला प्रशासन को मिले उस दिन के वीडियो से संबंधित एडीएम से पूछताछ और उनका पक्ष सुनने के बाद घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी के अवलोकन और कुछ इस तथ्य को जांच प्रतिवेदन में समर्पित करने के लिए पटना जिला प्रशासन ने 5 दिनों का समय दो सदस्यीय जांच दल को दिया है.
एडीएम द्वारा शिक्षक अभ्यर्थी की पिटाई: गौरतलब हो कि 22 अगस्त को पटना के डाकबंगला चौराहे पर सातवें चरण में स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी एकजुट हुए थे. घंटों तक प्रदर्शन करने के बाद मौके पर मौजूद एडीएम लॉयन ऑर्डर कृष्ण कन्हैया ने भीड़ से खींचकर एक शिक्षक अभ्यर्थी की लाठी से बुरी तरह पिटाई कर दी थी. एडीएम जब युवक की पिटाई कर रहे थे, उस वक्त युवक ने अपने बचाव में गिरते हुए तिरंगा झंडा लेकर झंडे का हवाला भी एडीएम को दिया. बावजूद इसके एडीएम नहीं माने और पिटाई करते रहे.तेजी से वायरल हुआ था वीडियो: इस घटना का वीडियो बड़ी तेजी के साथ वायरल हुआ था और इस मामले की गंभीरता को समझते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इस पूरे मामले की निंदा की थी. वहीं, इस मामले में दोषी अधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई करने के आदेश जारी किए थे. उसके बाद पटना डीए ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया था कि इस मामले में 2 सदस्य टीम गठित की गई है, जो इस पूरे मामले की जांच कर रही है. डीएम ने जांच रिपोर्ट 2 दिनों के अंदर देने के आदेश जारी किए गए थे.
जांच के लिए 5 दिन का दिया गया अतिरिक्त समय: पटना जिला अधिकारी के द्वारा दिए आदेश के 2 दिन पूरे होने के बाद जब इस पूरे मामले की जांच पूरी नहीं हो पाई तो पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने 2 सदस्यीय टीम को पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर इस पूरे मामले में तथ्यों के आलोक में जांच प्रतिवेदन समर्पित करने के लिए 5 दिनों का अतिरिक्त समय दिया है.