गया में CM ने पितृपक्ष मेले से पहले किया रबर डैम का लोकार्पण

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गयाः मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा-फल्गु नदी में निर्मित गया जी डैम के उद्घाटन में उपस्थित लोगों का स्वागत है। गया में पूरे देश तथा विदेशों से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री पिंडदान के लिए आते हैं। गया का अपना विशेष स्थान है। गया मोक्ष की भूमि है। यहां हर वर्ष पितृपक्ष मेला का आयोजन होता है। जब सीएम बने ही थे। उसी दौरान दिल्ली जाने के दौरान एक महिला ने कहा कि पितृपक्ष मेला के दौरान व्यवस्था ठीक नहीं रहती है। 15 दिन में 6-8 लाख लोग यहां आते हैं। इसके लिए सभी तैयारियां की जानी जरुरी होती है। इसके लिए नौ प्वाइंट पर मीटिंग कर सभी तैयारी देखते हैं। बाहर से आने वाले लोगों के आवासन की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। जब बाहर से आने वाले लोगों को यहां सुविधा मिलेगी। तो वे यहां की प्रशंसा बाहर भी करेंगे। पिछले दो साल से कोरोना का दौर चल रहा था। फल्गु नदी में पानी खत्म हो जाने के कारण तीर्थयात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए देश का सबसे बड़ा रबर डैम का निर्माण यहां कराया गया। अब फल्गु में कभी भी पानी समाप्त नहीं होगा। कल से पितृपक्ष मेला शुरु हो जाएगा। आने वाले लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके लिए फल्गु नदी में पूरे वर्ष पानी उपलब्ध रखने की व्यवस्था की गई है। फल्गु नदी में केवल रबर डैम नहीं बल्कि श्रद्धालुओं को सीताकुंड जाने के लिए पुल और नाला का भी व्यवस्था किया गया है। 324 करोड़ रुपए की लागत आई है। आईआईटी, रुड़की की तकनीकि सेवा का लाभ लिया गया है। गया सबसे पौराणिक जगह है। इस पूरे इलाके को गया जी कहते हैं। इसीलिए इस रबर डैम का नाम गया जी डैम रखा गया। 15 दिन में विभाग के द्वारा पुल से सीताकुंड तक का पहुंच पथ का भी निर्माण कराया गया।

गंगाजल पहुंचाने की योजना काफी समय से मेरे मन में थी। 2019 में शुरु हुए जल-जीवन-हरियाली अभियान के कारण सूबे में पर्यावरण की स्थिति में काफी बदलाव आया है। सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से गया, बोधगया, राजगीर और नवादा में गंगाजल पहुंचाने का निर्णय लिया गया था। गया, बोधगया में इसी साल हर घर में गंगा जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह काम काफी तेजी से किया जा रहा है। विभाग ने अक्तूबर के अंत तक यह योजना पूरा करने का भरोसा दिलाया है। गंगाजल को दूर-दूर से लोग लेकर आते हैं। अब आपके घर में ही गंगाजल उपलब्ध रहेगा। गया में पूर्वजों के पिंडदान के लिए आने वाले लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। रबर डैम के बन जाने के बाद यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी होगी। तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की परशानी न हो। इसके लिए सरकार सदा प्रयासरत है।

वित्त, वाणिज्य कर व संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अपने संबोधन में कहा जब नेतृत्व साधारण होता है तो उपलब्धियां भी साधारण होती है। नेतृत्व असाधारण होता है तो उपलब्धियां भी असाधारण होती हैं। ऑस्ट्रिया से आकर इंजीनियरों ने इसे मूर्त्त रुप दिया है। सीएम गया-नवादा के लिए असाधारण कार्य करने जा रहे हैं। पुरानी कहावत है उल्टी गंगा बहाना। गंगा आज तक पहाड़ों से समतल स्थान पर बहती थी,लेकिन अब सीएम गंगा को समतल से पहाड़ों पर ले जा रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहाअब नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री कहना ज्यादा अच्छा रहेगा। जब नीतीश पीएम बनेंगे तो बिहार के सीएम तेजस्वी ही बनेंगे। गया का कलंक था अंत:सलिला फल्गु उसे सतत सलिला बना दिया गया। फल्गु में जल उपलब्ध हो जाने के कारण अब यहां आने वाले तीर्थयात्रियों को काफी सुविधा होगी। फल्गु नदी को सोन नदी से मिलाया जाए, तो गया का कल्याण हो जाएगा। जैस बिहार को 17-18 साल में चमकाए हैं। वैसे ही देश को चमकाएं।

तेजस्वी यादव, उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रबर डैम के निर्माण के लिए तहे दिल से मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए उनके विजन को सैल्यूट करते हैं। किसी ने कल्पना नहीं की थी कि फल्गु नदी में इस प्रकार का दृश्य देखने को मिलेगा। इस कार्य को पूरा करने वाले जल संसाधन विभाग के अभियंता व अधिकारियों तथा संवेदक को धन्यवाद देते हैं। कल से पूरे विश्व से लाखों श्रद्धालु यहां आएंगे। जब वे यह दृश्य देखेंगे तो हमलोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा। अपनी हर जिम्मेवारियों को पूरा करेंगे। किसी भी योजना में किसी प्रकार की कमी नहीं होने देंगे। पढ़ाई, दवाई, सुनवाई, सिंचाई सभी क्षेत्रों में कार्य हो रहा है। सभी विभागों को सीएम ने नौकरी की उपलब्धता के लिए निर्देशित कर दिया है। जो काम किसी ने नहीं किया वह सीएम करके दिखाएंगे। हमें जो जिम्मेवारी मिली है। वह काफी भारी है। और कोई इच्छा नहीं है। नीतीश कुमार जिस प्रकार से लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्हें हर संभव सहयोग करेंगे। जब महागठबंधन बन गया है तो कोई कंफ्यूजन नहीं है। इनके नेतृत्व में बिहार को एक नए पायदान पर पहुंचाया जाएगा। बिहार सरकार जुमलेबाजी वाली सरकार नहीं है। 2014 में जो भारत सरकार में आए उन्होंने देश की सभी नदियों को जोड़ने और वाराणसी को क्वेटो बनाने का सपना दिखाया था। यह जो फल्गु नदी में जल दिख रहा है। यह कोई नहीं कर सकता था। इंटरनेशनल कांट्रेक्टर्स के द्वारा दो साल के कोरोना काल के बावजूद इस कार्य को एक साल पहले पूर्ण करा लिया गया। हमलोग कथनी पर नहीं करनी पर विश्वास रखते हैं। 2016 में सीएम के साथ पहला साझा कार्यक्रम घुघरीटांड़ फ्लाइओवर का उद्घाटन करने आए। आज इस कार्य में भी हम आए हैं।

संजय अग्रवाल, सचिव जल संसाधन विभाग ने अपने संबोधन में कहा कि जब भी सीएम गया भ्रमण करते थे। उन्हें फल्गु नदी में जल का प्रवाह करने की चिंता रहती थी। आज उनकी चिंता दूर हो गई है। जल संसाधन विभाग के अभियंताओं ने लगातार इस कार्य को पूरा करने के लिए मेहनत की, बल्कि उसे समय से पहले पूरा किया। फल्गु नदी घाट के अलावा सीताकुंड जाने के लिए पुल का भी निर्माण किया गया। घाट की चौड़ाई बढ़ाई गई है ताकि श्रद्धालुओं को पिंडदान के दौरान परेशानी न झेलनी पड़े। मनसरवा नाला का भूमिगत निर्माण किया गया। फल्गु नदी की धारा को निर्मल बनाए रखने का संकल्प लेना होगा। ताकि बाहर से आने वाले लोग अच्छी भावना लेकर यहां से जाएं। एक समय था जब यहां जल पाने के लिए गड्ढा खोदना पड़ता था। आज वह संकट दूर हो गया है।

1.     संजय कुमार तिवारी, सेवानिवृत अधीक्षण अभियंता, योजना की रुप रेखा तैयार करने के लिए सम्मानित

2.     अजय कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता

3.     जितेंद्र कुमार, कार्यपालक अभियंता

4.     एसएससी लिमिटेड, संवेदक

5.     प्रैक्टिबल इंजीनियरिंग प्रा. लि., परामर्शी, डीपीआर

संजय कुमार झा, जल संसाधन एवं सूचना जनसंपर्क मंत्री

इस योजना की चर्चा देश-दुनिया में हो रही है। गया अक्षय मोक्ष की जगह है। यहां कभी पानी नहीं रहता था। सीएम की इच्छा थी कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि फल्गु में हमेशा पानी रहे। देश का सबसे बड़ा रबर डैम गया में गया जी डैम बना है। 55 दिन में मनसरवा नाला का भी निर्माण किया गया। यह योजना 2023 में पूरी करनी थी, लेकिन सीएम ने इसे 2022 के पितृपक्ष मेला के पहले पूर्ण करने का निर्देश दिया। आज माता सीता की पूजा कर सीएम ने अंत:सलिला को उनके श्राप से मुक्ति दिलाई।

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