अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्नमूलन दिवस पर विधिक जागरूकता शिविर, दी गई जानकारी

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डुमरांव (बक्सर):  डुमरांव अनुमंडल के आरियांव पंचायत गांव में पोखरा के निकट मस्जिद के पास विधिक जागरूकता का शिविर लगाया गया जिसमें गरीबी उन्नमूलन योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। 17 अक्टूबर को सम्पूर्ण दुनिया में “अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्नमूलन दिवस” के रूप में मनाया गया। जिसमें लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। बक्सर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार तिवारी के निर्देश पर नालसा के अंतर्गत गरीबी उन्नमूलन योजनाओं को प्रभावी क्रियान्वयन के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक इसकी जानकारी एवं लाभ ले सके।डालसा के पैनल अधिवक्ता मनोज कुमार श्रीवास्तव एवं पीएलवी अनिशा भारती द्वारा आरिआवँ पंचायत में विधिक सेवा जागरूकता शिविर आयोजित किया गया।जिसका विषय था ” गरीबी उन्नमूलन योजनाओं का  प्रभावी क्रियान्वयन।”

      पैनल अधिवक्ता मनोज कुमार श्रीवास्तव ने आम जनता को बताया कि 22 दिसम्बर 1992 को अपनाये गए संकल्प 47/196 के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 अक्टूबर को गरीबी उन्नमूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया।तब से पूरा विश्व 17 अक्टूबर को “अंतराष्ट्रीय गरीबी उन्नमूलन दिवस”मनाया जाता है। यह दिवस गरीबी में रह रहे लोगों के संघर्ष को जानने, समझने और उनकी कठिनाईयों  को दूर करने के के प्रयासों को मौका देता है।

         गरीबी उन्नमूलन कार्यक्रम का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को भोजन,मौद्रिक सहायता और बुनियादी आवश्यक चीजों तक उचित पहुंच प्रदान कर देश में गरीबी को दर को कम करना।इसके लिए मुफ्त शिक्षा, बच्चों के लिए मुफ्त स्कूली भोजन, छोटे किसानों को कर्ज राहत,मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जा रहा है।

   भारत में गरीबी व्यापक है। विश्व की सम्पूर्ण गरीब आदमी का तीसरा हिस्सा भारत में है।साल 2011की जनगणना के आधार पर देश की करीब 22 %आबादी गरीबी रेखा के नीचे है।हर पांच साल में गरीबी रेखा की गणना की जाती है। वर्तमान में नीति आयोग भारत सरकार की आधिकारिक एजेंसी है जो राज्यों और पूरे देश के लिए समग्र रूप से गरीबी रेखा से नीचे के लोगों का आकलन करने का कार्य करती है।

     पैनल अधिवक्ता मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि भारत में गरीबी उन्नमूलन एवं जीवन स्तर को उठाने के विभिन्न योजनायें संचालित है।जैसे-अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत,प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि,जन-धन योजना, प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन पेंशन योजना, मनरेगा, ग्रामीण श्रम रोजगार गारंटी योजना,मातृत्व लाभ योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना,स्वच्छ भारत मिशन,प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना आदि।

     लगभग 68.8 % भारतीय जनसंख्या 2 डॉलर प्रतिदिन से कम पर गुजारा करती है। 30%से अधिक के पास 1.25 डॉलर से कम उपलब्ध है।दुनिया का सबसे गरीब देश हैती(HAITI) है।यहां की कुल आबादी का 77% हिस्सा गरीबी रेखा के नीचे है।कुल जनसंख्या 1.06 करोड़ है।दुनिया में 11%से अधिक आबादी अत्यधिक गरीबी में गुजारा करती है। गरीबी से निजात दिलाने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार समय समय पर गरीबी रेखा से ऊपर उठाने का अनेकों कार्यक्रम चला रही है।

   गरीबी के मुख्य कारण– तेजी से बढ़ती जनसंख्या का दबाव,अशिक्षा एवं निम्न मानव विकास, लगातार बढ़ती बेरोजगारी, देशों में पूंजी की कमी,मूल्य में वृद्धि,अर्थव्यवस्था का पारंपरिक स्वरूप,पर्याप्त कौशल का विकास का न होना,उद्यमिता का विकास न होना,भ्रष्टाचार, आधारभूत संरचना की कमी,गरीबी का दुष्चक्र, समुचित औद्योगिकरण का अभाव, अल्प विकास/अल्पविकसित अर्थव्यवस्था आदि।

      विश्व आर्थिक मंच द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2030 तक गरीबी कम होने के आसार नजर आ रहे हैं।गरीबी 15%से घटकर 5%रह जायेगा।सरकारी कार्यक्रमों की जानकारी गरीबो तक नहीं पहुंच रही जिसके कारण सरकारी लाभ से वंचित हैं।सरकारी महकमा भी कोई रुचि नहीं दिख रहे हैं और उनको मिलने वाली लाभ वे स्वयं ले जाते हैं।

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