गयाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गंगा जल आपूर्ति योजना की शुरुआत की, इस मौके पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गया-बोधगया में गंगा जल आपूर्ति योजना की शुरुआत की गई है। हमलोगों ने जल-जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत 2019 में की। इसके लिए सभी पार्टियों के एमएलए-एमएलसी की बैठक कर चर्चा की गई। इसी को ध्यान में रखकर अनेक कार्य शुरु किए गए। इसी के तहत गया, बोधगया और नवादा में गंगाजल आपूर्ति का निर्णय लिया गया। यहां जलसंकट व्याप्त था गर्मी के दिनों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इसी को लेकर हर घर तक गंगा जल की आपूर्ति शुरु करायी जा रही है। कंवेंशन सेंटर के समीप निर्माणाधीन स्टेट गेस्ट हाउस नए साल की शुरुआत में कंप्लीट हो जाएगा। उसके निर्माण से बोधगया में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। हर घर तक गंगा जल को पहुंचाना है। गंगा जल की कितनी इज्जत करते हैं। बहुत पहले भी ट्राई किए थे। लेकिन, डिपार्टमेंट ने ध्यान नहीं दिया। 2019 में हमने कहा कि हर हाल में गंगाजल गया में उपलब्ध कराना है। गंगा जल की आपूर्ति शुरु होने के बाद कभी भी पेयजल का संकट नहीं रहेगा। प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इससे दिनचर्या के हर कार्य को पूरा किया जा सकेगा। गंगा जल की उपलब्धता के बाद लोगों को भूगर्भीय जल से निर्भरता समाप्त हो जाएगी। जितने लोग गया-बोधगया आते हैं। मंदिर पर 2013 में हमला हुआ। इसके बाद सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की गई। ताकि किसी को किसी प्रकार की असुविधा न हो। अब गया में भी सुविधाओं में वृद्धि हुई है। इसके कारण पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ी है। मोकामा से पाइपलाइन के जरिए नवादा, राजगीर, गया-बोधगया आ रहा है गंगाजल। शीघ्र ही नवादा में भी शुरु होगी गंगा जल की आपूर्ति। कंवेंशन सेंटर के सामने खाली पड़े भूखंड को शीघ्र विकसित किया जाएगा। बोधगया में सारा इंतजाम हो जाएगा। तो लोग यहां रहने लगेंगे। सरकार के प्रयासों से बिहार में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। पर्यटकों के बढ़ने से रोजगार बढ़ेगा और लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी। गया-बोधगया ऐतिहासिक व पौराणिक स्थल है। इसलिए इसके विकास के लिए लगातार सरकार काम कर रही है। मेरे प्रयासों से जल्द पूरी हुई गंगाजल आपूर्ति योजना। 4175 करोड़ रुपए खर्च हुए। इसके मेंटेनेंस की भी व्यवस्था करायी जा रही है। गया नगर निगम के 53 व बोधगया के 9 वार्डों में काम पूरा कराया जा चुका है। शीघ्र ही जलापूर्ति शुरु हो जाएगी। गया जी में लाखों लोग पूर्वजों के पिंडदान के लिए आते हैं। इसके लिए विष्णुपद मंदिर के समीप फल्गु नदी में रबर डैम का निर्माण कराया गया। इससे तीर्थयात्रियों को काफी सुविधा हुई और उनमें काफी प्रसन्नता है। आज योजना का उद्घाटन करते हुए काफी प्रसन्नता हो रही है।बोधगया में और ज्यादा लोगों को रोजगार का मौका उपलब्ध कराया जाएगा। जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि योजना के क्रियान्वयन पर नजर रखें। कुछ लोग आपस में विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। आपस में प्रेम और भाईचारा के साथ रहे। सरकार सभी के विकास के लिए कार्य कर रही है। पूरे बिहार के विकास के लिए सरकार काम कर रही है। लोगों के रोजगार के लिए नए-नए मौके उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जल्दी से जल्दी लोगों को नौकरी उपलब्ध कराने के क्षेत्र में सरकार काम कर रही है।
विशिष्ट कार्य करने वालों को किया गया सम्मानितः
1. ईश्वरचंद ठाकुर, अभियंता प्रमुख, सिंचाई सृजन, जल संसाधन विभाग
- संजय तिवारी, सेवानिवृत अभियंता
- रविंद्र कुमार झा, सेवानिवृत अधीक्षण अभियंता
- आलोक कुमार, अधीक्षण अभियंता
- रविंद्र नाथ सिन्हा, अधीक्षण अभियंता, सिंचाई अंचल, गया।
- अमरेंद्र कुमार चौधरी, कार्यपालक अभियंता
- जितेंद्र चौधरी, कार्यपालक अभियंता
- तनय कुमार, सहायक अभियंता
- अजीत कुमार, अवर प्रमंडल पदाधिकारी
- कुणाल सिंह, अवर प्रमंडल पदाधिकारी, तिलैया नहर परियोजना, वजीरगंज
- अखिलेश कुमार, कनीय नहर अभियंता
- संतोष कुमार, कनीय अभियंता
- सीएचपी सुबैया, वी. श्रीनिवास संवेदक कंपनी
- संजीव हंस, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव
- संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, जल संसाधन विभाग
- डॉ. त्यागराजन एसएम, डीएम, गया।
वहीं अन्य वक्ताओं ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि गंगाजल भगवान बुद्ध की पवित्र धरती पर आने से भगवान बुद्ध और मां गंगा का संगम होने से यह प्रतीत होता है कि यहीं से स्वर्ग का निर्माण होगा। डिप्टी सीएम से आग्रह है कि कंवेंशन हॉल के दूसरी ओर सरकारी भूमि की नारकीय स्थिति है। उक्त भूमि पर स्थानीय लोगों और देश-विदेश के पर्यटकों के रोजगार और पर्यटन के विकास के लिए कार्य करें। कोशिश कर हल निकलेगा, आज नहीं तो कल निकलेगा। दृढ़ निश्चय से मेहनत कर, सूखी भूमि से भी गंगाजल निकलेगा। गंगाजल योजना अपने आप में अनूठी योजना है। यह यात्रा काफी चुनौतीपूर्ण रही है। लेकिन सीएम के दिशा-निर्देश में सभी चुनौतियों को दूर किया गया। योजना को पूर्ण करने के लिए नगर विकास विभाग और संवेदकों तथा अभियंताओं को धन्यवाद। जिला प्रशासन और पुलिस ने योजना के क्रियान्वयन में काफी मदद की।