बिहार की लोककला एवं समकालीन कला के 42 महिला कलाकारों की कृतियों की प्रदर्शनी 10 अप्रैल तक, प्रवेश निःशुल्क

मनोरंजन

पटनाः बिहार म्यूजियम के सभा कक्ष में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बिहार के लोक एवं समकालीन महिला कलाकारों की कलाकृतियों एवं चित्रों की प्रदर्शनी हर महिला कुछ खास का शुभारम्भ मंत्री, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार जितेन्द्र कुमार राय के द्वारा किया गया बिहार की लोककला एवं समकालीन कला के कुछ बयालिस महिला कलाकारों की कृतियों की यह प्रदर्शनी 10 अप्रैल 2023 तक आयोजित रहेगी, जिसमें आम दर्शकों का प्रवेश निःशुल्क रहेगा।

इस उद्घाटन समारोह में पदमश्री से सम्मानित गोदावरी दत्त बौआ देवी, दुलारी देवी, सुभद्रा देवी, ब्रहमदेव राम पंडित और श्याम शर्मा ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करायी।

इस प्रदर्शनी में लोककला की विभिन्न विधाओं यथा मधुबनी पेंटिंग, पेपरमेसी, मंजूषा पेंटिंग, टिकुली पेंटिंग, सुजनी शिल्प एप्लिक, कशीदाकारी, सिक्की कला और समकालीन कला से नामचीन महिला कलाकारों की कृतियाँ प्रदर्शित की जा रही है। इस प्रदर्शनी की विशेषताओं यह भी उल्लेखनीय है कि कला में 1970 में राष्ट्रीय पुरस्कार एवं 1975 में पद्मश्री से सम्मानित होने वाली पहली महिला कलाकार स्व० जगदम्बा देवी की मिथिला पेंटिंग के चित्रों की भी यह पहली प्रदर्शनी है उनके दस चित्र यहाँ प्रदर्शित हैं।

प्रदर्शनी के दौरान कार्यशालाओं का भी आयोजन किया गया है 11 एवं 12 मार्च, 2023 को मधुबनी पेंटिंग पर कार्यशाला आयोजित है जिनमें किलकारी, रेनदो होम्स और आशादीप स्कूल के करीब सौ छात्र छात्रायें शामिल है। बिहार संग्रहालय के द्वारा इन्हें पद्मश्री से सम्मानित कलाकारों से पेंटिंग सीखने का सुअवसर उपलब्ध कराया गया है। 18 एवं 19 मार्च, 2023 को समकालीन कला की कार्यशाला आयोजित है जिसमें कला एवं शिल्प महाविद्यालय, पटना के सौ छात्र छात्रायें शामिल होंगी। उद्घाटन समारोह की शुरुआत अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। दीप प्रज्ज्वलन के पूर्व बिहार संग्रहालय के अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने सभी आगत अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने अपने स्वागत संबोधन में इस सारस्वत आयोजन के औचित्य को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि महिलायें आदिकाल से कलाओं की संरक्षिका के रूप में कार्य करती रही है और अनवरत कला सृजन में सलग्न भी इन विशिष्ट कलाकारों की कृतियों को आम लोगों के लिए प्रदर्शित कर बिहार संग्रहालय महिला दिवस को एक नये रूप रंग में सेलिब्रेट कर गौरवान्वित हो रहा है। श्री सिन्हा कुछ विशिष्ट कलाकारों से जुड़े अनछुये सस्मरणों का भी उल्लेख किया। आज के आयोजन में प्रदर्शनी के कैटलॉग का भी विमोचन किया गया जिसका कार्यक्रम के दौरान सुभद्रा देवी ने अपने संबोधन में अपनी कला यात्रा का उल्लेख करते सभी का आभार जताया दुलारी देवी ने भी सभी को अपना आर्शीवाद देते हुए कहा कि यहाँ आना उनके लिये अपार खुशी का पल है। गोदावरी दत्त ने कहा कि जो कला पहले केवल विवाह आदि में एक परम्परागत कला के रूप में थी उसे हम सभी ने समाज के लिए ही नहीं वरन पूरे विश्व के लिए उजागर एवं प्रस्तुत किया। बौआ देवी ने भी सभी को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार म्यूजियम के महानिदेशक का हम सभी कलाकारों को आगे बढ़ाने में बहुत-बहुत योगदान रहा है और हम उनका आभार प्रकट करते हैं।

कला संस्कृति एवं युवा विभाग की सचिव बदना प्रयथी ने कहा कि आज का आयोजन उनके जीवन का बहुत ही अविस्मरणीय दिवस के रूप में अंकित रहेगा। उन्होंने विशेष रूप से संग्रहालय के महानिदेशक अजनी कुमार सिंह के योगदान को रेखांकित किया, वंदना जी विभाग द्वारा किये गये कार्यों के साथ आगामी योजनाओं का भी उल्लेख किया।

बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि का कार्यक्रम बिहार की महिला कलाकारों की ताकत के साथ उनकी कला के विरासत को दर्शाने का एक रचनात्मक प्रयास है। उन्होंने कहा कि इन महिला कलाकारों की कला यात्रा की खूबसूरती की पृष्ठभूमि में उनका सघन संघर्ष रहा है. इसे भी देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन विशिष्ट कलाकारों से कार्यशाला में नयी पीढ़ी को प्रशिक्षित कर कला से जोड़ा जा रहा है।

कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री जितेन्द्र कुमार राय ने इस आयोजन को आज के लिए एक महती कार्यक्रम बताया। उन्होंने कहा कि हमारी ये महिला कलाकार हमारे लिए गर्व हैं। बिहार म्यूजियम के द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम आगे भी अपना क्रम जारी रहे. हमारा सहयोग रहेगा। धन्यवाद ज्ञापन अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने किया।

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