सुशील मोदी ने कहा- लालू-राहुल की भेंट JDU को किनारे लगाने के संकेत

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बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की भेंट, बिहार में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को किनारे…

पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की भेंट, बिहार में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को किनारे लगाने का संकेत है।

सुशील मोदी ने बयान जारी कर कहा कि मोदी सरनेम वाले सभी व्यक्तियों को चोर बताने वाली गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी के कारण राहुल गांधी की सजा पर सर्वोच्च न्यायालय ने सिर्फ रोक लगाई है, उन्हें दोषमुक्त नहीं किया है। इससे उन्हें मिली तात्कालिक राहत पर लालू प्रसाद सबसे ज्यादा खुश और नीतीश कुमार सबसे ज्यादा दुखी होंगे। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी ने सबसे पहले सिर्फ लालू प्रसाद से भेंट की और जदयू को दरकिनार रखा।

भाजपा सांसद ने कहा कि उत्साहित कांग्रेस अब राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के अघोषित उम्मीदवार के रूप में खुल कर प्रोजेक्ट करेगी। उसके बढ़ते प्रभाव वाले गठबंधन में नीतीश कुमार, शरद पवार और ममता बनर्जी को ज्यादा तरजीह क्यों मिलेगी। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु बैठक में ही जब कांग्रेस ने नीतीश कुमार की उपेक्षा शुरू कर दी थी, तब मुम्बई बैठक में विपक्षी गठबंधन का संयोजक पद ऐसे व्यक्ति को मिलना मुश्किल है, जो स्वयं दूल्हा बनना चाहता हो।

वहीं मोदी ने कहा कि राहुल गांधी और लालू प्रसाद मिलकर जब संसदीय चुनाव के लिए टिकट का बंटवारा करेंगे, तब जदयू को किनारे ही लगाएंगे। उन्होंने कहा कि कानून की नजर में राहुल गांधी अब भी मानहानि के मामले में सजायाफ्ता हैं, यह अलग बात है कि सजा पर रोक लगने से फिलहाल उनकी संसद-सदस्यता बहाल हो सकती है।

भाजपा सांसद ने कहा कि जो लोग उच्चतम न्यायालय के फैसले पर खुशी से इतरा रहे हैं, उन्हें उसी फैसले में राहुल गांधी के बयान पर न्यायालय की हिदायत और टिप्पणी भी पढनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को एक मामले में फौरी राहत मिली है जबकि सावरकर पर टिप्पणी करने और नेशनल हेराल्ड की सम्पत्ति हड़पने जैसे मामलों में फैसला आना बाकी है। दूसरे मामलों में राहुल गांधी को ऐसी सजा नहीं मिलेगी, इसकी गारंटी कोई नहीं ले सकता।

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