आरा में अंगीभूत एवं सम्बद्ध कॉलेजों के शुल्क एक नही होने पर हंगामा,छात्राओं ने सड़क जाम कर किया प्रदर्शन

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अंगीभूत कॉलेजो को राज्य सरकार एवं यूजीसी से मिलती है करोड़ो करोड़ रुपये की राशि,सम्बद्धताप्राप्त कॉलेजों की आधारभूत संरचना के विकास का एकमात्र साधन है आंतरिक स्रोत

अंगीभूत एवं सम्बद्ध कॉलेजो के शुल्क में असमानता स्वाभाविक,शुल्क तय करने की शक्ति कॉलेज प्रबंधन एवं शासी निकाय के पास,शासी निकाय की शक्ति को कोई नही दे सकता है चुनौती
शाहाबाद संवाददाता
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के अंगीभूत एवं सम्बद्धताप्राप्त कॉलेजों में चार वर्षीय स्नातक कोर्स के पहले सेमेस्टर की परीक्षा के। ऑनलाइन फॉर्म भरने के साथ अब परीक्षा फार्म की छाया प्रति के साथ अन्य कागजातों के सत्यापन का कार्य भी शुरू हो गया है।स्नातक सत्र 2023-27 के पहले सेमेस्टर के परीक्षा के लिए जहां ऑनलाइन शुल्क 600 रुपये लिए जा रहे हैं वहीं परीक्षा फार्म के साथ अन्य कागजातों के कॉलेजो में सत्यापन के लिए अलग से अलग शुल्क लिए जा रहे हैं।अंगीभूत कॉलेजों में  सत्यापन को लेकर कहीं 300 रुपये लिए जा रहे हैं तो कहीं 400 रुपये लिए जा रहे हैं।उधर सम्बद्धताप्राप्त  कॉलेजों में यह शुल्क 1000 रुपये से 1500 रुपये लिए जा रहे हैं।कहीं कहीं सम्बद्धताप्राप्त कॉलेजों में इससे अधिक भी राशि छात्र छात्राओं से ली जा रही है।
अंगीभूत और सम्बद्धताप्राप्त कॉलेजो में सत्यापन को लेकर लिए जा रहे  अलग अलग शुल्क के पीछे की वजह यह है कि अंगीभूत कॉलेजों को जहां राज्य सरकार और यूजीसी सहित कई माध्यमों से करोड़ो करोड़ रुपया कॉलेज के शिक्षक एवं कर्मियों के वेतन भुगतान एवं आधारभूत संरचना के विकास के लिए मिलता है वही संबद्धताप्राप्त कॉलेजो के शिक्षकों और कर्मियों को राज्य सरकार द्वारा वेतन के मद में साल में एकबार  सिर्फ अनुदान की राशि मिलती है।ऐसे सम्बद्ध कॉलेजो के आधारभूत संरचना के विकास का एकमात्र साधन छात्र छात्राओं से ली जाने वाली नामांकन  शुल्क व अन्य शुल्क से प्राप्त हुई राशि ही है।स्वाभाविक है कि अंगीभूत कॉलेजों की अपेक्षा में सम्बद्धताप्राप्त कॉलेजों के सभी शुल्कों में असमानता होगी और अंगीभूत कॉलेज की तुलना में सम्बद्धताप्राप्त कॉलेजों में   शुल्क थोड़ा अधिक होगा।
सम्बद्धताप्राप्त कॉलेजो में सत्यापन के लिए ली जा रही ऐसी ही राशि को अंगीभूत कॉलेजो की राशि से अधिक बताते हुए आरा के सम्बद्ध  डिग्री कॉलेज तपेश्वर सिंह इंदु महिला महाविद्यालय में छात्राओं ने हंगामा किया और कॉलेज से बाहर निकलकर सड़क जाम कर दिया।छात्राओं के सड़क जाम से आवागमन बाधित हो गया और सूचना पर पहुंची नवादा थाना की पुलिस से कॉलेज प्रबंधन से बातचीत कर  सड़क जाम को खत्म कराया।
छात्राओं के हो हंगामे को देखते हुए कॉलेज प्रबंधन ने डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया और प्रैक्टिकल और गैर प्रैक्टिकल विषयो के परीक्षा फार्म सत्यापित करने का शुल्क घटाकर 1500 रुपये के बजाय 1200 से 1000 रुपये कर दिया।कॉलेज प्रबंधन ने छात्राओं के हो हंगामे को लेकर शुल्क तो कम कर दिए लेकिन इसका सीधा असर कॉलेज की वित्तीय स्थिति पर पड़ेगा और वित्तीय स्थिति चरमराई तो कई तरह के विकास कार्यों पर ग्रहण लग सकता है।
दूसरी तरफ कॉलेज के सभी विभागों ने छात्राओं की इस करतूत को अनुशासनहीनता करार दिया है और कहा है कि छात्राओं के मिड टर्म की परीक्षा स्वच्छ एवं निष्पक्ष कराई जाएगी।किसी भी तरह के कदाचार को होने से रोका जाएगा।
मिड टर्म की परीक्षा में परीक्षा अधिनियम के तहत  मोबाइल फोन,गेस पेपर या अन्य कदाचार संबंधी सामग्रियों के परीक्षा भवन में प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगाया जाएगा।बिहार सरकार के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी केके पाठक एवं महामहिम  राज्यपाल के निर्देशानुसार वर्ग में  बिना 75 प्रतिशत उपस्थिति के परीक्षा फार्म नही अपडेट किया जाएगा और एडमिट कार्ड डाउनलोड करने की प्रक्रिया रोक दी जाएगी।
तपेश्वर सिंह इंदु महिला महाविद्यालय शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रामेश्वर सिंह ने कहा कि छात्राओं की अनुशासनहीनता बर्दास्त नही की जाएगी।कॉलेज का पठन पाठन एवं परीक्षा संबंधी सभी कार्य नियमानुकूल होंगे।
छात्राओं को पढ़ाई एवं परीक्षा के नाम पर मनमानी की छूट कोई भी विभाग नही देगा।

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