आपसी मिल्लत की मिसाल है मसूढ़ी गांव का काली पूजाः धीरज कुमार सिंह उर्फ लव सिंह

धर्म ज्योतिष

आराः जगदीशपुर अनुमंडल के मसूढ़ी गांव में शनिवार को नगर पंचित काली पूजनोत्सव धूमधाम के साथ किया गया। इस मौके पर मसूढ़ी गांव के श्रद्धालुओं का हुजूम पूरे दिन मंदिर परिसर में उमड़ा रहा। देवी के पूजनोत्सव में आयोजित चौबीस घंटें का अखंड हरिनाम संकीर्तन कराया गया, जिसमें कई चर्चित कीर्तन मंडलियों के कलाकारों ने राममयी धून से लोगों को मंत्रमुग्ध किया। पूरे गांव में ध्वनि विस्तारक संयंत्रों के जरिए वैदिक मंत्रोच्चारण से वातावरण गुंजायमान हुआ। इस दौरान मां काली के जयघोष से मसूढ़ी गांव सहित पूरे इलाके में भक्ति का माहौल कायम रहा।
बाबू कुंवर सिंह जी के जगदीशपुर किले से महज 3 किमी दूर मसूढ़ी गांव में वर्ष 2001 में सप्तमी तिथि को मसूढ़ी गांव के स्व.बाबू प्रभुनाथ सिंह और उनकी धर्मपत्नी स्व.पतिराजो देवी के द्वारा स्थापित किया गया था। इस वार्षिक पूजन में 151 कुंवारी को खिलाया जाता है। 2013 में प्रभुनाथ सिंह जी के निधन के उपरांत उनके पुत्र कृष्ण बिहारी सिंह इस पूजनोत्सव का आयोजन करते आ रहे हैं।

इस अवसर पर कुंवर वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष धीरज कुमार सिंह ने गांव के संदर्भ में बताया कि मसूढ़ी गांव का नामकरण मुस्लिम बाबा मसूढ़ी के नाम पर पड़ा है। इन्होंने इसी स्थान पर समाधि ले ली थी। बाबा को गांव के हर जाति-धर्म के लोग इनको पूजते हैं। इस दौरान पारंपरिक डिहवार का पूजा आयोजित होता है, जिसको रामजी पासवान के द्वारा किया जाता है।

गांव के सभी लोग आपस में मिलजुलकर रहते हैं और प्रतिवर्ष काली मां की वार्षिकोत्सव पर पूजा-अर्चना में शामिल होते हैं। मां काली के वार्षिक पूजनोत्सव को लेकर पूरे गांव में काफी चहल-पहल का माहौल रहा। मसूढ़ी गांव स्थित मंदिर परिसर के बाहर मेला का नजारा बना रहा। इस पूजा-अर्चना से गांव में खुशहाली के साथ लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होने की बातें भी मानी जाती हैं।
इस पूजनोत्सव सह मेला में गोपाल सिंह, रामसुभग यादव, नंदजी सिंह, लक्ष्मण कुशवाहा, अक्षय कुशवाहा, लोटन यादव, सुनील मिश्रा, नरेंद्र राम, इमरान खान, कमलेश मिश्रा, क्षत्रपति राम, पुरोहित शिवकुमार मिश्र सहित महिलाएं और बच्चे भी पूजा में शामिल हुए।

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