विभीषणकृतं हनुमत्स्तोत्रम्
–आचार्य मोहित पाण्डेय, लखनऊ नमो हनुमते तुभ्यं नमो मारुतसूनवे। नमः श्रीरामभक्ताय श्यामास्याय च ते नमः॥१॥श्रीहनुमान! आपको नमस्कार है।मारुतनन्दन! आपको प्रणाम है। श्रीराम-भक्त! आपको अभिवादन है। आपके मुख का वर्ण श्याम है, आपको बारंबार नमस्कार है॥१॥ नमो वानरवीराय सुग्रीवसख्यकारिणे।लङ्काविदाहनार्थाय हेलासागरतारिणे ॥२॥आप सुग्रीव के साथ (भगवान् श्रीराम की) मैत्री के संस्थापक और लंका को भस्म कर देने […]
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