- मनोज कुमार श्रीवास्तव
बेरोजगारी भी युवाओं के भटकाव की एक बड़ी वजह है लेकिन जब इसको लेकर रिसर्च किया गया तो हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए।इन आंकड़ों से पता चलता है कि देश के युवाओं की रुचि नौकरी की जगह पोर्न वीडियो में ज्यादा है।भारत ने पोर्न से जुड़ी 857 वेबसाइट को बैन किया हुआ है बावजूद इसके बाद भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वाले लगभग 90% लोग अपने मोबाइल फोन पर वीडियो देखा जा रहा है। अमेरिका और ब्रिटेन के बाद सबसे ज्यादा भारत में पोर्न वीडियो देखें जा रहे हैं।
भारत में 18 से 24 साल के44% युवा सप्ताह में कम से कम दो बार अपने मोबाइल पर पोर्न देखते हैं।35 से 44 साल के 6% और 45 से 54 साल के 3% युवा अपने फोन पर पोर्न वीडियो देख रहे हैं। भारत में 10 अगस्त से 20 अगस्त 2024 के बीच गूगल सर्च में पोर्न को सर्च करने का एवरेज रूचि 90.8% है जबकि 17.4% भारतीय युवा ने नौकरी को सर्च किया है।वहीं 30.3% ने पश्चिम बंगाल को सर्च किया है।
सोंचने वाली बात यह है कि गूगल पर इस बीच में महिला डॉक्टर के साथ हुई रेप वीडियो मो भी सर्च किया जो बेहद शर्मनाक और हैरान करने वाली बात है।यही नहीं कुछ लोगों ने मृत महिला डॉक्टर का नाम लिखकर उसके रेप का वीडियो खोज रहे हैं।पिछले 6 महीने में गूगल पर पोर्न खोजने का औसत रुचि 84.1% और 16.6%ने नौकरी सर्च किया।पिछले दो सालों में भारत में 80%से अधिक पोर्न सर्च किये गए हैं जबकि नौकरी के को करीब 20%सर्च किया गया है।
भारत में पोर्न वेबसाइट पर एक यूजर औसतन 8 मिनट22 सेकेंड तक औनलाइन रहता है।असम में 9 मिनट 16 सेकेंड,चंडीगढ़ में 9 मिनट08 सेकेंड ऑफ पश्चिम बंगाल में 9 मिनट 05 सेकेंड तक पोर्न देखने के लिए एक्टिव रहता है।देश में महिलाओं के खिलाफ बाद रहे हिंसा के पीछे एक बड़ी वजह प0रन वीडियो को मन जा रहा है।कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ जो दुष्कर्म और हत्या की घटना हुई उसके लिए पोर्न वीडियो को जिम्मेदार माना जा रहा है क्योंकि उस घटना से पहले आरोपी हिंसक पोर्न वीडियो देखे थे।।इस घटना के बाद एक बड़ा सवाल उठ गया है कि भारत में क्या पोर्न वीडियो एक समस्या बन गयी है।
भारत सरकार ने 18 ऐसे OTT प्लेटफॉर्म को बैन कर दिया है जो अश्लील और वयस्क वीडियो बनाते और इंटरनेट पर प्रसारित करते थे।भारत के सूचना और प्रसारण मंत्रालय (I & B) ने पहले ही आईटी अधिनियम का उल्लंघन के लिए 18 OTT प्लेटफॉर्म,19 वेबसाइट,10 एप्लिकेशन्स और 57 सोशल मीडिया हैंडल्स के खिलाफ कारवाई की है।भारत सरकार ने इन्फॉर्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग मिनिस्ट्री ने गूगल प्ले और एप्पल ऐप स्टोर को भी इन ऐप्स को अपने -अपने प्लेटफार्म्स से हटाने का आदेश दिया है।
बैन हुए 18 OTT ऐप्स की सूची—ड्रीम्स फिल्म्स,वुवी,एस्मा,अनकट अड्डा,ट्राई फ्लिक्स,एक्स प्राइम,नियॉन एक्स वीआइपी बेशऱमस्, हंटर्स, रैबिट, एक्सट्रामूड,न्यूफ्लिक्स,मूडएकस,मोजफ्लिक्स,हार्टशार्ट्स,वीआईपी, फुगी,चिकुफ्लिक्स,प्राइमप्ले।सरकार ने सभी प्लेटफार्म को बैन करने के अलावे इनके तमाम सोशलमीडिया हैंडल्स को भी ब्लॉक कर दिया है।भारत के माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी 2015 में दिए अपने एक फैसले में कहा था कि देश में एडल्ट मीडिया को शेयर करना और वितरण करना प्रतिबंधित है।
आजकल इंटरनेट के जमाने में हर चीज ऑनलाइन उपलब्ध है।चाहे वह किसी बात की जानकारी ही क्यों न हो।लोगों का कहना है कि देश में महिला के खिलाफ हिंसा का एक कारण यह भी है।जब कोई इंसान किसी चीज को देखता है तो उसको पाने की इच्छा उसके मन में जागती है।कई रिसर्च तक में यह बात सामने आई है कि लोग पोर्न वेबसाइट पर भी रेप की वीडियो देखने में लगे हुए हैं। पोर्न में आक्रामक यौन हिंसा करने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है।ऐसे में सोच किसी दूसरी चीज पर ध्यान नहीं दे पाती और नाही भविष्य के बारे में सोंच पाती।
एक व्यक्ति नौकरी या पढाई छोड़कर अपने तन की भूख मिटाने में लगा रहता है।यहाँ तक कि स्त्री पर गलत नजर भी डालने लगता है।ज्यादा अश्लील कंटेंट देखना दिमाग को भटका सकता है और मन में तरह-तरह के गंदे ख्याल ला सकता है।