-मनोज कुमार श्रीवास्तव
पाकिस्तान को हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय जिल्लत का सामना करना पड़ा जब सात देशों ने कुल 258 पाकिस्तानियों को अपने देश से निष्कासित कर दिया।इनमें सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और चीन जैसे प्रमुख देश शामिल हैं।कराची के जिन्ना अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि इन निष्कासितों में से केवल 14 लोगों के पास वैध पाकिस्तानी पासपोर्ट थे जबकि बाकी 244 को इमरजेंसी यात्रा दस्तावेजों पर वापस भेज गया।
सऊदी अरब और यूएई से निष्कासित लोगों में कई अवैध रूप से प्रायोजक (स्पॉन्सर) के काम कर रहे थे।प्रवक्ता ने बताया कि चार लोगों को ड्रग्स से जुड़े मामलों में शामिल होने के कारण निर्वासित किया गया।सऊदी अरब और यूएई के अलावा चीन,कतर, इंडोनेशिया, साइप्रस और नाइजीरिया से भी एक-एक व्यक्ति को वापस भेजा गया।इन निष्कासनों नें पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को और नुकसान पहुंचाया।प्रवक्ता ने बताया कि हाल के महीनों में पाकिस्तानियों के निर्वासन का ट्रेंड काफी बढ़ा है।
सऊदी अरब जैसे मुस्लिम देश भी अब पाकिस्तान की भिखारियों और अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों से नाराज है।सऊदी अरब से निष्कासित 9 लोग पेशेवर भिखारी हैं।
वर्ल्ड जस्टिस प्रोजेक्ट रूल ऑफ लॉ इंडेक्स 2024 की रिपोर्ट में पाकिस्तान सबसे खतरनाक देशों की सूची में टॉप 3 में शामिल है।पाकिस्तान की बेइज्जती दुनिया के लिए कोई नया नहीं है।हर मुद्दे पर पूरी दुनिया में पाकिस्तान की किरकिरी होती है फिर भी पाकिस्तान को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।पाकिस्तान फिर एक बार दुनिया में अपनी बेइज्जती करवाने के झंडे बुलंद किया है।वर्ल्ड जस्टिस प्रोजेक्ट (WJP) रूल ऑफ लॉ इंडेक्स 2024 में पाकिस्तान का हालत बहुत ही बदतर है।इस सूची में दुनिया के 142 देश शामिल है जिसमें पाकिस्तान 140 वें न0 पर है।
पाकिस्तान में कानून व्यवस्था इतनी खराब है कि इसे दुनिया का तीसरा सबसे खराब देश माना गया है।कानून और सुरक्षा के मामले में पाकिस्तान से नीचे की रैंकिंग वाले केवल माली और नाइजीरिया जैसे ही देश है।इस रैकिंग में टॉप 5 में क्रमशःडेनमार्क,नार्वे, फिनलैंड, स्वीडेन और जर्मनी का नार्वेस्थान है।यह सूची WJP द्वारा जारी किया गया है।यह सूची हर साल जारी होता है।जिसमें विभिन्न कारकों के आधार पर देशों का मूल्यांकन किया जाता है।जिमें आठ प्रमुख कारकों को ध्यान में रखा जाता है।इनमें सरकारी शक्तियों पर प्रतिबंध,भ्रष्टाचार की अनुपस्थिति, खुली सरकार, मौलिक अधिकार, व्यवस्था और सुरक्षा, नियामक प्रवर्तन, नागरिक न्याय और आपराधिक न्याय शामिल है।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को लेकर अमेरिका के पूर्व NSA ने बयान दिया कि पड़ोसी देश को आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह है।पाकिस्तान की हरकतों से पूरी दुनिया वाकिफ है।कई देशों ने उसे आतंकी देश घोषित कर रखा है।अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) लेफ्टिनेंट जनरल (सेवा निवृत्त) एच आर मैकमास्टर ने पाकिस्तान की पोल खोल दी है।पाक की ISI का आतंकी चेहरा सामने रखा है।इसमें किसी तरह का संदेह नहीं है कि आतंकी संगठनों के साथ ISI के साथ मिलीभगत रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान व्हाइट हाउस को पाकिस्तान के लिए सुरक्षा सहायता को लेकर विदेश विभाग और पेंटागन के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था।मैकमास्टर ने अपनी पुस्तक”एट वार विद अवर्सेलवस: माई टूर आफ ड्यूटी इस थे ट्रम्प हाउस” में कई अहम जानकारी दी है।पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान को आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह देना बंद के साथ सभी मदद को रोकने का निर्देश दिया था।
अंतराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान हमेशा कश्मीर का राग अलापते रहता है।लेकिन उसे सिवाय बेइज्जती के और कुछ नहीं मिलता।बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको नवम्बर 2024 में पाकिस्तान के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे।इस बीच इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने उनसे मुलाकात की और कश्मीर मुद्दा उठाया।लुकाशेंको ने साफ कर दिया कि वह किसी राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा करने नहीं आये हैं, मैं यहां सिर्फ व्यापार और द्विपक्षीय सहयोग पर बात करने आया हूं।बेलारूस के राष्ट्रपति के स्पष्ट रुख ने पाकिस्तान के कूटनीतिक प्रयासों पर सवाल खड़ा कर दिये और दुनिया के सामने पाकिस्तान की फजीहत हुई।
पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी ने कहा है कि कश्मीर का मुद्दा को मंच पर उठाना पाकिस्तान की राजनीति और कूटनीति का हिस्सा बन गया है लेकिन लुकाशेंको के जबाब से पता चलता है कि सभी देश इस मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ नही देंगे।बाल्टीमोर में पाकिस्तानी मूल के कारोबारी सांईड तरार ने कहा है कि पाकिस्तान इस वक़्त भयंकर आर्थिम सहमत से गुजर रहा है।पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर सहित देश के कई हिस्सों में अशांति पैदा हो गई है।महंगाई चरम पर पहुंच गई है।उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि पाकिस्तान में जमीनी स्तर के मुद्दों को सुलझाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।आतंकवाद पर नियंत्रण कैसे लाया जाये, कानून व्यवस्था में सुधार कैसे हो इन मुद्दों पर चर्च और काम किया जाना चाहिए।
WJP के अनुसार, कानून के शासन वाले सूचकांक में पाकिस्तान 142 देशों में से 129 वें,सरकारी शक्तियों पर प्रतिबंधों के लिए पाक 103 वें,भ्रष्टाचार के लिए 120 वें,लोकतांत्रिक सरकार के लिए 106 वें,मौलिम अधिकार के लिए 128 वें,अपराधी न्याय के लिए 98 वें स्थान पर रखा गया है।इस इंडेक्स के 6 साउथ एशियाई देशों में पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही सबसे निचले रैंक पर है।भारत इस सूची में 142 देशों की रैंकिंग में 98 वें स्थान पर है।