सर्विलांस एवं लैब टेस्टिंग के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण
पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि मंकीपॉक्स के संभावित खतरे को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार विशेष कदम उठा रही है। इसको लेकर विभाग स्वास्थ्यकर्मियों के क्षमतावर्द्धन पर विशेष ध्यान दे रहा है। मंकीपॉक्स की गंभीरता को देखते हुए इसके प्रभावी सर्विलांस एवं लैब टेस्टिंग पर विभाग द्वारा विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके लिए हर जिले के माइक्रोबायलोजिस्ट और लैब टेक्नीशियन को बुधवार को पटना में प्रशिक्षण दिया गया है।
श्री पांडेय ने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों के माइक्रोबायलॉजी के विभागाध्यक्ष, एपीडीमीलॉजिस्ट, सभी जिला से एक-एक लैब टेक्नीशियन और प्रदेश के सभी जिला अस्पताल के एक-एक डेटा एन्ट्री ऑपरेटर को मंकीपॉक्स बीमारी को लेकर जानकारी दी गयी है। साथ ही उन्हें इस नई बीमारी के लक्षण और सैंपल कलेक्शन के बारे में प्रशिक्षित किया गया है। विभाग द्वारा सभी जिलों को मंकीपॉक्स के संभावित मरीजों की त्वरित रूप से सैंपल कलेक्शन करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सैंपल कलेक्शन के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा सभी सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य रूप से करने की सलाह दी गयी है। संदिग्ध मरीजों में मंकीपॉक्स की पुष्टि के लिए एकत्रित सैंपल दिल्ली भेजे जाएंगे।
श्री पांडेय ने कहा कि मंकीपॉक्स की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा चौकन्ना है और प्रभावी कदम उठा रहा है। देश में 13 जुलाई को मंकीपॉक्स का पहला संक्रमित मरीज मिला, बिहार से अब तक संक्रमित मरीज सामने नहीं आए हैं। लिहाजा बीमारी की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऐहितयात बरती जा रही है।