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दिल्लीः भारत-बांग्लादेश संयुक्त नदी आयोग की 38वीं मंत्री स्तरीय बैठक 25 अगस्त, 2022 को नई दिल्ली में हुई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने की। बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जल संसाधन राज्यमंत्री ज़हीद फ़ारूक़ कर रहे थे। बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल में जल संसाधन उप मंत्री श्री एकेएम इनामुल हक शमीमी भी शामिल थे। इस बैठक का महत्त्व इसलिये है क्योंकि 12 वर्षों के अंतराल के बाद इसका आयोजन किया गया था, हालांकि इस दौरान संयुक्त नदी आयोग के प्रारूप के तहत दोनों पक्षों के बीच तकनीकी बातचीत चलती रही। इस बैठक के पहले दोनों पक्षों के जल संसाधन सचिवों के स्तर पर एक बैठक मंगलवार 23 अगस्त, 2022 को हुई थी।
इस द्विपक्षीय बैठक के दौरान आपसी हितों से सम्बंधित पहले से चल रहे तमाम द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें दोनों देशों में मौजूद नदियों के जल को साझा करना, बाढ़ के आंकड़ों को साझा करना, नदी के प्रदूषण को रोकना, नदियों में गाद जमा होने व उसके प्रबंधन पर संयुक्त अध्ययन करना, नदियों के तटों की सुरक्षा के लिये कार्य करना आदि शामिल था। दोनों पक्षों ने कुशियारा नदी के पानी को अंतरिम तौर पर साझा करने के लिये समझौता-ज्ञापन के मसौदे को भी अंतिम रूप दिया। दोनों पक्षों ने त्रिपुरा में सबरूम टाउन की पेयजल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये फेनी नदी से पानी लेने वाले स्थान तथा उसकी तकनीकी अवसंरचना के डिजाइन को अंतिम रूप दिये जाने का स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि इस बारे में अक्टूबर 2019 में दोनों देशों के बीच समझौता-ज्ञापन अस्तित्व में आया था।
भारत जिन महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में बांग्लादेश का सहयोग कर रहा है, उनमें बाढ़ के वास्तविक समय के आंकड़ों को साझा करना भी है। भारत ने हाल में अप्रत्याशित बाढ़ की परिस्थितियों से निपटने में बांग्लादेश की सहायता करने के लिये 15 अक्टूबर के बाद के बाढ़ आंकड़ों को साझा किया था।
भारत और बांग्लादेश आपस में 54 नदियों को साझा करते हैं, जिनमें ऐसी सात नदियों को पहले ही चिह्नित कर लिया गया था, जिनके सम्बंध में जल के बंटवारे पर प्राथमिकता के आधार पर प्रारूप तैयार किया जाना है। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की कि पहले से जारी सहयोग के इस क्षेत्र को विस्तार दिया जाये। इसके सम्बंध में आंकड़ों के आदान-प्रदान के लिये आठ नदियों को और जोड़ दिया जाये। इस विषय पर संयुक्त नदी आयोग की तकनीकी समिति इस पर आगे चर्चा करेगी।

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