दिल्लीः एक नई विकसित तकनीक से अब उच्च उत्पादकता और ऊर्जा-सक्षम सामग्री को हटाने की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से उन्नत ग्राइंडिंग अनुप्रयोगों के लिए नई पीढ़ी के मल्टी-पॉइंट/सिंगल-लेयर सुपर–अब्रेसिव उपकरणों का उत्पादन किया जा सकता है।
घिसाई / पीसने वाले उद्योगों ने ऐसे उन्नत सुपरअब्रेसिव सीबीएन/डायमंड टूल्स विकसित करने के लिए अपनी आवाज उठाई है जो उच्च उत्पादकता और ऊर्जा सक्षम सामग्री को हटाने की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ ही स्थानीय जरूरतों के आधार पर अनुकूलन भी करते हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास में डॉ. अमिताभ घोष के नेतृत्व में एक शोध दल ने स्वदेशी रूप से विकसित अर्ध–स्वचालित ग्रिट-प्रिंटिंग डिवाइस द्वारा फिलर सामग्री के अनुप्रयोग -विशिष्ट अभिनव प्रविधि और टूल्स पर खांचों के नियंत्रित अंतर के साथ उन्नत रासायनिक संयोजन तकनीक का उपयोग किया है।
टीम इस तरह की नई पीढ़ी के सुपरअब्रेसिव टूल्स को विकसित करने के लिए एप्लिकेशन-विशिष्ट-उन्नत कोटिंग्स की अनुशंसा करती है। यह अभिनव प्रविधि उपकरण की सुदृढ़ता, उसकी पकड़ और सहजता वाली विशेषताओं का एक उत्कृष्ट सम्मिश्रण अर्थात धातुओ को जोड़ने के दौरान ब्रेजिंग के समय ठोस सुपरअब्रेसिव्स पर कम संपर्क कोण के साथ तरल अवस्था में अच्छी तरह फैलाने की क्षमता प्रदान करती है। घिसाई / पिसाई वाले ग्राइंडिंग व्हील की सतह पर खांचे उकेरने (ग्रिट-प्लांटिंग) के लिए पूर्व-निर्धारित को-ऑर्डिनेट पोजीशन में खांचे उकेरने का सेटअप किसी भी निर्माता को इस एप्लिकेशन की आवश्यकता के अनुरूप अनुकूलित पैटर्न में ग्रिट प्रिंट करने की सुविधा देता है। साथ ही अनुशंसित कोटिंग जोड़ स्थायित्व को बढ़ाता है, और इस प्रकार विकसित उपकरणों के जीवन काल को बढ़ा देती है।
संक्षेप में कहें तो इन सुपरब्रेसिव टूल्स को सक्रिय ब्रेज़िंग तकनीक का उपयोग करके संयोजन स्तर से ऊपर उच्च क्रिस्टल एक्सपोजर की उल्लेखनीय सटीक विशेषताओं के साथ उत्पादित किया जा सकता है इन उपकरणों के संयोजन की संयुक्त सुदृढ़ता और पकड़ के लिए प्रतिरोधी विशेषताएं उनके वाणिज्यिक समकक्षों की तुलना में बेहतर हैं। ये उपकरण अधिक शक्ति से पिसाई कर सकने के साथ ही उपकरण के अधिक जीवनकाल की भी पेशकश कर सकते हैं और अत्यधिक उच्च सामग्री को हटाने की दर के साथ कठोर सामग्री के लोड मुक्त पिसाई का कार्य भी आसानी से कर सकते हैं।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक वैधानिक निकाय, विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड की प्रमुख शोध अनुमति द्वारा समर्थित यह स्वदेशी उपकरण एक बेहतर गुणवत्ता वाले उपकरण के साथ एक प्रतिस्पर्धी लागत प्रदान करता है और इसे विमानन, वाहन उद्योग, खनन और दंत शल्य चिकित्सा जैसे उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया गया है।
यह प्रौद्योगिकी बहुमुखी ज्यामिति के साथ नई पीढ़ी के उपकरण तैयार कर सकती है। विभिन्न उपकरणों के प्रोटोटाइप को प्रयोगशाला में विकसित किया गया है और औद्योगिक परिस्थितियों में इसका प्रयोगात्मक रूप से परीक्षण-अनुकरण किया जा रहा है। सुपरअब्रेसिव टूल्स के निर्माण की नई प्रविधि को प्रदर्शित करने का यह अभिनव प्रकार हाल ही में ” जर्नल ऑफ मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस” में प्रकाशित हुआ है और इसके पेटेंट अनुमोदन के लिए दायर किया गया आवेदन समीक्षा के अधीन हैं।
मेक–इन-इंडिया राष्ट्रीय मिशन की आवश्यकताओं को पूरा करने वाली यह प्रौद्योगिकी वर्तमान में प्रयोगशाला सत्यापन के अधीन है और पूर्ण पैमाने पर लॉन्च किए जाने के लिए स्टार्ट-अप्स अथवा किसी भी उद्योग द्वारा शुरू करने के लिए तैयार है। अत्याधुनिक सक्रिय- ब्रेजिंग तकनीक के माध्यम से धातु सब्सट्रेट में सुपरअब्रेसिव्स को जोड़ने के लिए सक्रिय फिलर्स का अनुप्रयोग विशिष्ट स्वदेशी सूत्रीकरण एक ऐसा महत्वपूर्ण नवाचार है जिसका उपयोग बड़े पैमाने पर विनिर्माण उद्योगों के लिए किया जा सकता है।