बक्सर के सभी पंचायतों में नालसा की विभिन्न योजनाओं की जानकारी पैनल अधिवक्ता मनोज कुमार श्रीवास्तव ने दी

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बक्सरः  जिला विधिक सेवा प्राधिकार बक्सर द्वारा 31 अक्टूबर से 13 नवम्बर तक अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह, सचिव सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र कुमार तिवारी के निर्देशन में जिले के सभी पंचायतों में नालसा के विभिन्न योजनाओं की जानकारी पैनल अधिवक्ता एवं पीएलवी द्वारा दी गई। डुमरांव प्रखंड के पंचायतों में पैनल अधिवक्ता मनोज कुमार श्रीवास्तव एवं पीएलवी अनिशा भारती द्वारा सभी ग्रामीणों को शिविर के माध्यम से विधिक जानकारी दी गई।

      पैनल अधिवक्ता मनोज कुमार श्रीवास्तव एवं पीएलवी अनिशा भारती ने लोगों को विषय-हक हमारा भी तो है, तेजाब हमला, वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण,श्रम विभाग,महिलाओं केअधिकार,उनके साथ छेड़छाड़, कार्य स्थल पर यौन शोषण, मुफ्त कानूनी सलाह, घरेलू हिंसा,बैंक ऋण, बिजली बिल,बच्चों को विधिक सेवा,गरीबी उन्नमूलन योजनाओं,बलात्कार,मौद्रिक सहायता,भूमि विवाद, दीवानी,फौजदारी, राजस्व से सम्बंधित अनेकों तरह की जानकारी दी गई।

      जब लोगों से लोक अदालत की विधिवत जानकारी देते हुए पैनल वकील मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि लोक अदालत जनता की अदालत है।इसमें तीन तरह से न्याय मिलता है-सुलह,मदयस्थता एवं न्यायिक समझौता द्वारा।वकील का खर्चा, कोर्ट फीस नहीं लगता है।मुवावजा एवं हर्जाना तुरंत मिल जाता है।यहाँ किसी को सजा नहीं होती बल्कि बातचीत द्वारा सुलह समझौते से हल किया जाता है।लोगों को ऐसी जानकारी मिलने से खुशी देखी गईं।

     सचिव धर्मेन्द्र कुमार तिवारी के मेहनत,परिश्रम का फल है कि इतने कम समय में लोक अदालत हमेशा तेजी से आगे बढ़ रहा है।इनकी उत्कृष्ट कार्य करने को लेकर बक्सर जिला को नालसा/बालसा की तरफ से सम्मान पत्र मिला।धर्मेंद्र तिवारी के नेतृत्व में बक्सर जिला को सम्मान मिलना जिलेवासियों के लिए गौरव की बात है।जनता के बीच धर्मेन्द्र

जनता के बीच धर्मेन्द्र तिवारी की खूब चर्चा हो रही है।पैनल अधिवक्ताओं एवं पीएलवी को कार्य करने ,जनता के बीच उनके अधिकारों को समझाना एवं उन्हें उत्साहित करना बखूबी बताते हैं।आनेवाले दिनों में बक्सर जिला राष्ट्रीय स्तर पर धर्मेंद्र तिवारी के नेतृत्व में अपना कामयाबी का परचम लहराएगा।

     ग्रामीणों को जब पैनल अधिवक्ता मनोज कुमार श्रीवास्तव  से विधिक जानकारी मिली तो बताया कि ऐसी जानकारी नहीं होने के कारण कोर्ट जाने से डर लगता था,खर्चा से भी घबड़ाते थे लेकिन अब लोक अदालत में जाएंगे जहाँ बिना खर्च के न्याय मिलता है।गरीबों के लिए इससे अच्छा न्यायालय अब कोई दूसरा नहीं है।ऐसी जानकारी मिलने से हिम्मत बढ़ी है।वास्तव में लोक अदालत जनता की अदालत है।

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