भारत की दलीय राजनीति की चर्चा विदेश में करना, देशहित में नहीं : डॉ. रणबीर नंदन

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पटना: पूर्व विधान पार्षद डॉ. रणबीर नंदन का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति विदेश में जाकर दलीय राजनीति की चर्चा विदेश में करता है तो यह देशहित में नहीं है। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए डॉ. नंदन ने कहा कि मेरा निजी मत है कि विदेश में जाने पर या किसी भी विदेशी व्यक्ति से मिलने पर हमारा वही स्टैंड होना चाहिए, जो एक भारतीय का होना चाहिए। कौन किस दल में है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। विदेश में या विदेशी लोगों के बीच हमारी एक ही पहचान है कि हम भारतीय हैं। इसलिए देश की दलीय राजनीति में हम किसके खिलाफ हैं, इससे किसी विदेशी को कोई मतलब नहीं है। इसलिए हमें हर हाल में भारतीयता का ही प्रदर्शन करना चाहिए। दुखद स्थिति यह है कि इस बात को कांग्रेस नेता राहुल गांधी बार बार अपनी नासमझी से गलती कर रहे हैं।

डॉ. नंदन ने कहा कि राहुल गांधी विदेशों में जो गलती कर रहे हैं, उसका लाभ भारत विरोधी ताकतें उठा सकती हैं। उन्हें इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार से सीखना होगा। अभी जी 20 डिनर में पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के साथ जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन में मिले। तो यह कोई नहीं कह सकता कि मोदी जी या नीतीश जी ने अपने बीच की राजनीतिक दूरी का जिक्र उनसे किया होगा। इस मामले में राहुल गांधी को समझना होगा कि देश की चुनावी राजनीति और विदेशी कूटनीति का फर्क क्या है। हर मंच को चुनावी मंच नहीं बनाया जा सकता। राहुल गांधी भी वही गलती कर रहे हैं जो कांग्रेस के उनके पूर्वजों ने की है। देश की बात पर कोई मतभेद हो ही नहीं सकता, यह समझना होगा।

उन्होंने कहा कि मेरा निजी विचार है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। दोनों ही राजनीति में वंशवाद के पोषक नहीं हैं। ईमानदारी में दोनों के दामन पर कोई दाग नहीं है। लेकिन देश की विरोधी ताकतें ईमानदार नेताओं की एकजुटता नहीं चाहती है। ईश्वर से तो मेरी यह प्रार्थना है कि नरेंद्र मोदी जी,और नीतीश कुमार जी, एक साथ हो जाएं,तो फिर भारत को किसी भी क्षेत्र में आगे आने से कोई नहीं रोक सकता। देशहित में यह मेरे निजी विचार हैं। वैसे मेरे चाहने से अलग यह यथार्थ भी है कि मतभेद चाहे कितने भी हों, लेकिन ईमानदार लोगों के बीच के संबंध हमेशा मधुर होते हैं और यही मोदी जी और नीतीश जी के साथ दिख रहा है।

डॉ. नंदन ने कहा कि कांग्रेस की इस पीढ़ी को और राहुल गाँधी को नरेंद्र मोदी जी और नीतीश कुमार जी से सीख लेकर राजनीतिक कदम बढ़ाने चाहिए,क्योंकि पूर्व में इंदिरा गांधी जी का जेपी के प्रति जो व्यवहार रहा था,वह स्पष्ट करता है, कि कांग्रेस विरोधियों का सर्वनाश चाहती है। चाहे विरोधी कितना भी सही हो। जिस जेपी ने इंदिरा गांधी को पुत्री का दर्जा दिया, उसी इंदिरा जी ने जेपी को ऐसी यातनाएं दी कि जेल में ही उन्हें गंभीर बीमारियां हो गईं, ईलाज नहीं हुआ और उनकी मौत किडनी फेलियर से हो गई। राहुल गांधी कांग्रेस के दागदार इतिहास से ध्यान भटकाने के लिए भारत की छवि को ताक पर रख रहें हैँ, जिसे भारत की जनता देख रही है!

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