दिल्लीः खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने आगरा में चर्म प्रायोगिक परियोजना के तहत पादुकायें बनाने वाली मशीनों तथा बाराबंकी जनपद में ‘ग्रामोद्योग विकास योजना’ के तहत मधुमक्खी पालने वाले बक्सों का वितरण किया। यह कार्य 13 दिसंबर, 2022 को डिजिटल स्वरूप में पूरा किया गया।
लाभार्थियों को पांच दिनों का प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण बाराबंकी जनपद के दो स्व-सहायता समूहों ‘वैष्णव और ज्ञान’ ने दिया था। आज इन समहों को मधु मिशन के तहत 200 मधुमक्खी पालने वाले बक्से और उपकरण वितरित किये गये।
इस अवसर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष ने मधुमक्खी पालन से जुड़ी समस्याओं पर लाभार्थियों से बातचीत की और उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में मधुमक्खी पालन को आगे बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित किया। बाद में उनके बारे में फीडबैक भी लिया गया तथा उन्हें प्रेरित किया गया कि वे अपने काम को आगे बढ़ायें।
इसके अलावा, मनोज कुमार ने चर्मकला मिशन के तहत 10 लाभार्थियों को पादुकायें बनाने वाली मशीनें और उपकरण भी वितरित किये। इन लाभार्थियों को आगरा के केंद्रीय पादुका प्रशिक्षण संस्थान में 50 दिनों का प्रशिक्षण दिया गया है। लाभार्थियों से बातचीत करते हुये आयोग के अध्यक्ष ने लाभार्थियों को प्राप्त होने वाले प्रशिक्षण की जानकारी ली तथा उन्हें प्रेरित किया कि वे इस परियोजना का लाभ उठाकर चमड़ा उद्योग स्थापित करें। आयोग के अध्यक्ष ने आत्मनिर्भर भारत के बारे में प्रधानमंत्री के स्वप्न को पूरा करने तथा खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं के जरिये स्वरोजागर के नये अवसर बनाने पर जोर दिया। इस अवसर पर लखनऊ राज्य कार्यालय व मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारी, उत्तरप्रदेश खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड तथा सीएसआईआर के प्रतिनिधि उपस्थित थे।