आशा कार्यकर्ताओंं को जिला स्तर पर मलेरिया बुखार पर की गई उन्मुखीकरण

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गोपालगंज जिला के मलेरिया कार्यालय के सभागार में गोपालगंज ज़िला अंर्तगत छह प्रखण्ड जिसमे मांझा,बरौली, थावे, सदर ब्लॉक, हथुआ एवं सिधवलिया के आशा को मलेरिया बुखार पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकरी डॉक्टर शुष्मा शरण की अध्यक्षता में शुरुआत कि गई जैसे मलेरिया सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक है प्लास्मोडियम प्रोटोज़ोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है। केवल चार प्रकार के प्लास्मोडियम परजीवी मनुष्य को प्रभावित करते है जिनमें से सर्वाधिक खतरनाक प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम माने जाते है इसके अलावा प्लास्मोडियम विवैक्स माने जाते हैं,

मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफ़िलेज़ मच्छर है। इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर के बहुगुणित होते हैं जिससे रक्तहीनता (एनीमिया) के लक्षण उभरते हैं (चक्कर आना, साँस फूलना, लक्षण जैसे कि बुखार, सर्दी, और जुखाम जैसी अनुभूति भी देखे जाते हैं। गंभीर मामलों में मरीज का मृत्यु भी हो सकती है।

मलेरिया के फैलाव को रोकने के लिए कई उपाय किये जा सकते हैं। मच्छरदानी और कीड़े भगाने वाली दवाएं मच्छर काटने से बचाती हैं, तो कीटनाशक दवा के छिडकाव तथा स्थिर जल (जिस पर मच्छर अण्डे देते हैं) की निकासी से मच्छरों का नियन्त्रण किया जा सकता है।
मलेरिया के लक्षणों में शामिल हैं- ज्वर, कंपकंपी, जोड़ों में दर्द, उल्टी, रक्ताल्पता (रक्त विनाश से), मूत्र में हीमोग्लोबिन और दौरे। मलेरिया का सबसे आम लक्षण है अचानक तेज कंपकंपी के साथ शीत लगना, और पसीना आता है। पी. फैल्सीपैरम के संक्रमण में यह पूरी प्रक्रिया हर 36 से 48 घंटे में होती है ।

मलेरिया के गंभीर मामले लगभग हमेशा पी. फैल्सीपैरम से होते हैं। यह संक्रमण के 6 से 14 दिन बाद होता है। तिल्ली और यकृत का आकार बढ़ना, तीव्र सिरदर्द और (रक्त में ग्लूकोज़ की कमी) भी अन्य गंभीर लक्षण हैं। मूत्र में हीमोग्लोबिन का उत्सर्जन और इससे गुर्दों की विफलता तक हो सकती है, जिसे कालापानी बुखार ) कहते हैं। बच्चे तथा गर्भवती महिलाओं मे ऐसा होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। अत्यंत गंभीर मामलों में मृत्यु कुछ घंटों तक में हो सकती है।

पी. विवैक्स तथा पी. ओवेल परजीवी वर्षों तक यकृत मे छुपे रह सकते हैं। अतः रक्त से रोग मिट जाने पर भी रोग से पूर्णतया मुक्ति मिल गई है ऐसा मान लेना गलत है। पी. विवैक्स मे संक्रमण के 30 साल बाद तक फिर से मलेरिया हो सकता है। इस प्रशिक्षण में उपस्थित वीडीसीओ बिपिन कुमार, प्रशांत कुमार, वीबीडीसी अमित कुमार, डीसी तरुण ठाकुर एवं पीसीआई आरएमसी बच्चू आलम भी मौजूद थे।

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