डुमरांव नगर परिषद चुनाव में शुभांक 9 का बन रहा संयोग

देश
  • 9 जून को चुनाव की तारीख और 9 नंबर है मंजू देवी,  09 अंक का संबंध मंगल से होता है। जिसके चलते ये जातक उत्साह और ऊर्जा से भरे रहते हैं। चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति हो ये, सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। 

डुमरांव (बक्सर): डुमरांव नगर परिषद का परिसिमन बदला तो यहां चेयरमैन का चुनाव भी नए परिसिमन वाले इलाके के साथ हो रहा है। इसमें जहां कल तक केवल डुमरांव तक ही दयारा सीमित था इसमें अब भोजपुर क्षेत्र भी शामिल हो गया है। इस बार के चुनाव पर फोकस करें तो शुभांक 9 के संयोग बनते दिख रहे हैं। एक तरफ 9 जून को जहां चुनाव है वहीं 9 नंबर पर प्रत्याशी मंजू देवी का चुनाव चिन्ह भी है। इस जरिए से देखा जाए जब संयोग जुटता है तभी इस तरह का माहौल बनता है। अगर ऐसा नहीं होता तो घर में रहने वाली मंजू देवी को अचानक से जनसमर्थन के बाद मैदान में उतारा जाना भी इस 9 की ओर इशारा करना है।

यह डुमरांव नगर परिषद के शहरवासियों और संबंधित वार्ड के मतदाताओं और प्रत्याशियों को भी बख़ूबी पता है। अंकों की दुनियां में प्रत्येक अंक और इन अंकों के समूह से बनने वाले अंकों का विशेष महत्व दिया गया है। कीरो- जिन्होने अंकों के बारे में अपनी एक पुस्तक में काफी कुछ बताया है। इस चुनाव में भी अंकों का संयोग बनते दिख रहा है, महज अंकों का यह एक संयोग ही है।

शुभांक 9 का भी बन रहा चुनाव में संयोग

डुमरांव नगर परिषद के अबतक को छोड़ कर जितनी बार भी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव और शपथ ग्रहण हुए हैं। उसमें 9 तारीख की प्रमुखता रही है। यह महज संयोग ही है कि इस बार भी चुनाव की तारीख 9 जून है। शुभांक 9 श्रेष्ठ माना गया है। ऐसे में शुभांक 9 का भी इस चुनाव में संयोग कुछ और ही संकेत दे रहा है। डुमरांव नगर परिषद की जनता और जागरूक मतदाता भली भांति जानते हैं कि मतदान का क्या महत्व है और काफी समझ कर ही मतदान करते हैं। जहां तक बात इस चुनाव की हो समय शेष रहते जो फैसला जो जनता सुनाएगी, उसे सबको स्वीकार करना होगा। क्योंकि डुमरांव नगर के मतदाता खुलकर कुछ भी मीडिया के सामने जाहिर नहीं कर रहे।

जनसंपर्क अभियान मायने रख रहा, प्रचार नहीं

चुनाव प्रचार से अधिक जनसंपर्क अभियान मायने रख रहा है। निवर्तमान प्रतिनिधि भी अपने अपने तरीके से कोशिश में लगे हुए हैं। ऐसे में स्वच्छ छवि की मंजू देवी और उनके पति श्याम जी प्रसाद गुप्ता कहीं से दागदार नहीं हैं। ना ही इनका परिवार को किसी लूट खसोट से ताल्लुकात है। श्याम जी प्रसाद के परिवार में बड़े पिताजी स्व0गोपाल प्रसाद के पुत्र रामजी प्रसाद हेडमास्टर से अवकाश प्राप्त हैं, वहीं दूसरे भाई पूर्व वार्ड पार्षद स्व0 कन्हैया प्रसाद के बड़े पुत्र श्याम जी प्रसाद गुप्ता अपने पुश्तैनी दुकान को संभालकर पूरे परिवार को एक कड़ी में पिरोकर निरंतर आगे बढ़ते रहे हैं। इनके बाद वाले भाई बिनोद प्रसाद हों या प्रमोद गुप्ता जी इनलोगों ने भी भाई के साथ कदम ताल किया है। जबकि अन्य दो छोटे भाईयों में दीपक कुमार उर्फ बब्लू प्रधानाध्यापक हैं तो सबसे छोटे भाई उत्तम कुमार रेलवे अधिकारी हैं। इस परिवार की सबसे जो खास बात है वो है आपसी मिल्लत। इस परिवार में कभी भी जाति, धर्म, ऊंच नीच का भाव नहीं देखा गया है। सबसे ताज्जुब की बात है कि कभी भी इस परिवार ने कोई ऐसा कदम नहीं उठाया जिससे किसी का अपमान हो सके। ऐसी परिस्थिति में अगर कभी जरुरत हुई तो व्यवसायी वर्ग हों, डुमरांव के किसी वर्ग की जनता हो, बहु-बेटियां को उसकी सुरक्षा की लड़ाई भी हमेशा लड़ते रहे हैं। अब ऐसे में 9 के संयोग को देखते हुए डुमरांव नगर परिषद क्षेत्र की जनता निश्चिततौर पर सोच समझकर ऐसे लोगों को बागडोर सौंप सकती है।

फिर भी अप्रत्यक्ष रूप से मुकाबला अन्य प्रत्याशियों से देखने को मिल रहा है। वहीं राजनिती सिर्फ संभावनाओं का खेल है। इस बार के निर्णय से यह स्पष्ट हो जाएगा की डुमरांव नगर परिषद की जनता अपने इलाके का कितना विकास चाहती है। स्वच्छ छवि को अपना नेतृत्व सौंपती है या फिर गलती करके फिर पछताना चाहती है, ये तो उसके हाथ में हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *