चांद के और करीब पहुंचा चंद्रयान, चंद्रयान3 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कराने की प्रक्रिया हुई शुरू

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चंद्रयान 3 को लेकर बड़ी अपटेड सामने आ रही है। चंद्रयान 3 चांद के और करीब पहुंच गया है। चंद्रयान 3 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है

चंद्रयान 3 को लेकर बड़ी अपटेड सामने आ रही है। चंद्रयान 3 चांद के और करीब पहुंच गया है। चंद्रयान 3 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसरो (ISRO) ने चंद्रयान को मैसेज भेजा है।  चंद्रयान-3 को लॉन्च किए जाने के बाद से उसे कक्षा में ऊपर उठाने की प्रक्रिया को पांच बार सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। एक अगस्त को अंतिरक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से ऊपर उठाकर चंद्रमा की ओर बढ़ाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया गया और यान को ‘ट्रांसलूनर कक्षा’ में डाल दिया गया।

इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने तीसरे चंद्रमा मिशन में एक और मील का पत्थर को चिह्नित करते हुए शुक्रवार को कहा कि अंतरिक्ष यान चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर ली है।  एक अगस्त को सफल ट्रांस-लूनर इंजेक्शन (टीएलआई) के बाद, अंतरिक्ष यान अब चंद्र स्थानांतरण प्रक्षेपवक्र पर है, जो चंद्रमा के आसपास की ओर बढ़ रहा है। 

गौरतलब है कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने 14 जुलाई को लॉन्च होने के बाद से पांच ऑर्बिट बढ़ाने के युद्धाभ्यास को पूरा करने के बाद 1 अगस्त की आधी रात को चंद्रयान -3 को ट्रांसलूनर ऑर्बिट में सफलतापूर्वक इंजेक्ट किया था। इसरो ने ट्वीट किया,‘‘इस्ट्रैक में एक सफल पेरिगी-फायरिंग की गई, इसरो ने अंतरिक्ष यान को ट्रांसलूनर कक्षा में स्थापित कर दिया है।‘’

इसरो ने चंद्रमा की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए कहा,‘‘अगला पड़ाव: चंद्रमा‘‘। इसरो ने कहा कि जैसे ही यह चंद्रमा पर पहुंचेगा, अगले चंद्र-कक्षा सम्मिलन (एलओआई) की योजना 05 अगस्त, 2023 को बनाई गई है। 23 अगस्त को शाम 17.47 बजे चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की योजना है।  

चंद्र कक्षा में प्रवेश के बाद, चंद्रमा के अब तक अज्ञात दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र का पता लगाने के लिए 23 अगस्त की शाम को साफ्ट लैंडिंग के लिए अंतरिक्ष यान की कक्षा को आगे बढ़ाया जाएगा। कल के लिए निर्धारित एलओआई चंद्र-केंद्रित चरण की शुरुआत को चिह्नित करेगा, जिसके दौरान अंतरिक्ष यान चंद्रमा की चार बार परिक्रमा करेगा और प्रत्येक कक्षा के साथ चंद्र सतह के और करीब आएगा। 

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