वज्रपात से सुरक्षा हेतु लोगों के बीच इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं:मुख्यमंत्री

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·      आपदा की स्थिति में त्वरित एवं प्रभावी ढंग से राहत एवं बचाव कार्यों के संचालन के लिए स्थायी तौर पर कार्य करें।

·      एस0डी0आर0एफ0 में कर्मियों की संख्या और बढ़ाएं तथा उनका बेहतर प्रशिक्षण कराएं।

·      प्रभावित क्षेत्रों के आकलन के आधार पर स्थल चयन कर और एस0डी0आर0एफ0 सेंटर की स्थापना करें।

·      उन्यन बिहार के पाठ्यक्रम में वज्रपात से सुरक्षा संबंधित जानकारी को भी शामिल करें।
 
पटना: मुख्यमंत्री के समक्ष 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में आपदा प्रबंधन विभाग एवं बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने वज्रपात के कारण होनेवाली मानव क्षति को कम करने हेतु तैयार की गई कार्य योजना की प्रस्तुति दी।
                                            आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों के लिए बनायी गई कार्य योजना, एस0डी0आर0एफ0 के आवासन की व्यवस्था आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
                                            बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष उदयकांत मिश्रा ने पिछले दो वर्षों में  वज्रपात से होने वाली मृत्यु की जिलावार मासिकवार जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वज्रपात/ ठनका से बचाव को लेकर जोखिम न्यूनीकरण की कार्य योजना पर काम किया जा रहा है। इंद्र वज्र मोबाइल अप्लिकेशन के द्वारा प्रारंभिक दौर में 8 जिलों में चेतावनी दी जा रही है, जबकि अन्य जिलों में इसको स्थापित करने की योजना पर काम किया जा रहा है।
                                            बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हमेशा आपदा से प्रभावित रहता है, कभी बाढ़ तो कभी सूखाड़ की स्थिति बनी रहती है। आपदा में किसी को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इसका हमलोग पूरा ध्यान रखते हैं। एन0डी0आर0एफ0 की टीम को हमलोगों ने पहले राज्य में मंगवाया और उनके आवासन एवं अन्य सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था की। एस0डी0आर0एफ0 का भी गठन किया गया।
                                            मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की स्थिति में त्वरित एवं प्रभावी ढंग से राहत एवं बचाव कार्यों के संचालन के लिए स्थायी तौर पर कार्य करें। पहले किए गए पुराने कार्यों एवं अनुभव को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना बनाकर काम करें। उन्होंने कहा कि एस0डी0आर0एफ0 में कर्मियों की संख्या और बढ़ाएं तथा उनका बेहतर प्रशिक्षण कराएं। पिछले 14 वर्षों में प्रभावित क्षेत्रों के आकलन के आधार पर स्थल चयन कर और एस0डी0आर0एफ0 सेंटर स्थापित करें ताकि आपदा की स्थिति में जल्द से जल्द लोगों को राहत मिले।
                                            मुख्यमंत्री ने कहा कि वज्रपात से होनेवाली क्षति को कम करने के लिए कार्य करें। वज्रपात से सुरक्षा हेतु सभी लोगों के साथ-साथ बच्चे एवं बच्चियों को पूरी जानकारी दें। लोगों के बीच इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं, सरल भाषा में इसके संबंध में जानकारी दें। उन्होंने कहा कि उन्यन बिहार के पाठ्यक्रम में वज्रपात से सुरक्षा से संबंधित जानकारी को भी शामिल करें।
                                            बैठक में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष उदयकांत मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य पी0एन0राय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस0सिद्धार्थ, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य मनीष कुमार वर्मा, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे।
 

·      वज्रपात से होनेवाली क्षति को कम करने के लिए कार्य करें।

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