तबीयत अस्वस्थ होने पर “अवसर ट्रस्ट” के डायरेक्टर ने अपने सफल स्टूडेंट्स के नाम लिखा दिल को छू लेने वाला पत्र, पढकर आप भी करेंगे सलाम—-
नाम और प्रसिद्धि हमारे सफलता के मुख्य तत्व हैं, लेकिन यदि जब आप अस्वस्थ होते हैं तो मन और दिमाग सोचता है की आप सभी नाम और प्रसिद्धि के साथ क्या करने जा रहे हैं। प्रसिद्धि अस्थायी है, आपको इसे समझना चाहिए और जीवन में अपने वास्तविक संबंधों और स्वास्थ लाभ को महत्व देना चाहिए यदि आप वास्तव में खुश रहना चाहते हैं। किसी को संतुलित और यथार्थवादी होना चाहिए और ऐसा व्यक्ति निश्चित रूप से प्यार पाता है ।
प्रिय शिष्य,
आज आप सभी को ये पत्र लिखते हुए एक अजीब सा अहसास के साथ हमे गर्व भी हो रहा है। जिस समय आप सभी “अवसर ट्रस्ट” के सानिध्य में रहकर जब शिक्षा ग्रहण करते समय हमारे सारी बातों को सर आँखों पर लेते थे, आशा है आज भी आप हमारी बातो को मानते हुए एक बेहतर समाज निर्माण में अपना पूरा योगदान देंगे। आपको खत लिखते समय ऐसा अहसास हो रहा कि शायद इसे शब्दों में बांधना मुश्किल है। फिर भी आज मेरा मन किया कि आपको कुछ बताना चाहिए तब मैंने सोचा चलो, लिख ही देता हूं, जो दिल में मेरे है आज। वैसे आप सभी सात सफल स्टूडेंट्स को जानकारी भी होगा की “अवसर ट्रस्ट” के चेयरमैन श्री आरके सिन्हा मेरे जीवन में फरिश्ता बनकर आए हैं, मुझे एक बेटे की तरह प्यार देते हैं, शायद इस युग में ऐसे इंसान मिलना मुश्किल है। मैं आपको ऐसा इसलिए बता रहा हूं कि सफलता का मापदंड केवल इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में सफलता पाकर अपना कैरियर सवारना ही नहीं होता है बल्कि अपने जीवन काल में बेहतर इंसान बनकर यह दिखाना होता है कि आपने समाज के लिए क्या किया,
अवसर ट्रस्ट के हमारे सभी प्रिय स्टूडेंट अब आप सभी आईआईटी,एनआईटी ,ट्रिपल आईटी जैसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में जाकर अपने जीवन को संवार रहे हैं। आपके कॉलेज खुले भी काफी दिन हो गए हैं और कुछ वर्षों बाद तुम एक कुशल इंजीनियर सहित अन्य प्रतिष्ठित पदों एवम बड़ी कम्पनियो में कार्यरत भी हो जाओगे। दुनिया तुम्हारे लिए बाहें फैलाए खड़ी रहेगी। लेकिन जीवन के इस सफर और भागदौड़ के जीवन में अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान रखना क्योंकि यह एक ऐसा अनमोल धन है जब तबीयत अस्वस्थ होता है तभी याद आता है कि मैंने अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दिया,इसके अलावा अपने जीवन के सफलता के मुकाम पर पहुंचने के बाद तुम जरूरतमंदों को मदद जरूर करना।
आज जब मैं तुमसे इस पत्र के माध्यम से बात कर संदेश पहुचाने की कोशिश कर रहा हूं तो ऐसा लगता है कि मुझे तुमसे कुछ बातें साझा करनी चाहिए। जरुरतमंदो की सेवा करना एक बहुत ही खूबसूरत एहसास है। दुनिया ने पहली बार कोरोना जैसे महामारी को भी देखा है, कोरोना के भयावह दृश्य को शायद आप लोग भी देखे होंगे, हां यह सत्य है कि लोग धीरे-धीरे भूल रहे हैं, क्योंकि भूलना हमारी आदत बन चुका है। लेकिन जो लोग भूलते नहीं वही इतिहास रचते है। पूरे देश में कोरोना के कारण कितने ने अपनो को खोया है, कही हॉस्पिटल में बेड न मिलने तो कही ऑक्सिजन की कमी की खबरे प्रतिदिन सुनने को मिल रहा था। यहां तक की वैसे बहुत सारे लोग थे जिन्हें भरपेट भोजन नही मिल रहा था। प्रिय स्टूडेंट्स आप सोच रहे होंगे की ये सब बाते मै आपको क्यू बता रहा हूँ। क्युकी मुझे लगा की जब आप लोगो को “अवसर ट्रस्ट” की जरुरत थी तो अवसर ट्रस्ट ने पूरे 2 वर्षों तक नि:शुल्क शिक्षा के अलावा रहने खाने की सारी व्यवस्थाएं नि:शुल्क दिया, यहां तक कि आपको एक परिवार के तहत वह सब जरूरी सुविधाएं दिया जो आपके जीवन के लिए जरूरी था, यहां तक कि आपके इंजीनियरिंग कॉलेज का सेमेस्टर शुल्क भी, आपको सारी नि:शुल्क व्यवस्था देकर संस्था ने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में सफलता दिलाया। कुछ वर्षों बाद आप सभी एक कुशल इंजीनियर बनकर लाखो की सैलरी पा रहे होंगे। इसलिये हमें लगा की आप सभी पर मेरा हक है और जैसे अवसर ट्रस्ट में पढते समय मेरी बातो को सर आखो पर लेते थे। आशा है आज भी आप सभी वैसे ही होंगे। आप सभी प्रिय स्टूडेंट्स से आग्रह है की आप सभी जहाँ भी रहेंगे जरुरतमंद लोगो की खुलकर मदद करेंगे। जब आप सक्षम हो जाए तो अपने नेक कार्यों, चाहे वह हॉस्पिटल में बेड दिलाना हो या ऑक्सिजन की व्यवस्था कराना हो या किसी भूखे को भोजन कराना हो , या शिक्षा में किसी को मदद करना हो इत्यादि कार्यों में आप सभी जरूर मदद के लिये आगे आयेंगे ऐसा मुझे पुरा विश्वास है।
समाज सेवा से जो सुकून मिलता है जिसका वर्णन शब्दो मे करना काफी मुश्किल है। उस दिन को तुम याद करना जब गरीबी के दिन तुम्हारे रहे होंगे। लेकिन आज तुम देश के प्रतिष्ठित इंजीनियर कॉलेज में पहूंचकर अपने सपने को पंख लगा रहे हो, कॉलेज से पास होने के बाद जरूर तुम इस योग्य हो चुके रहोगे की अपने आस पास के जरुरतमंदो की मदद कर सके।आशा ही नही पूर्ण विश्वास है तुम संकट में लोगो की मदद कर समाज के लिए एक मिशाल बनोगे।
दरअसल, यह बड़े दिलवालों का काम है।
अब भला तुम ही सोचो कि क्या कोई किसी को कभी तकलीफ में देखकर खुश कैसे रह सकता है। मैने अवसर ट्रस्ट के चेयरमैन से बहुत कुछ सीखा और नजदीक से देश के लोगो की तकलिफो को देखा तो लगा की आप सभी प्रिय स्टूडेंट्स को एक पत्र लिखना चाहिये। एक छोटे मदद के हाथ कई के घर को रौशन कर देते है।
याद करो वह दिन जब तुम अवसर ट्रस्ट के आंगन में शिक्षा ग्रहण करते होंगे।उस समय पढ़ाई के अलावा प्रत्येक दिन मैं आपलोगो को एक नेक इंसान बनने की सलाह देता था और हमेशा बोलता था की आप जब एक सफल इंसान बनकर अपने बल पर खड़ा हो जावोगे तो हमेशा जरूरतमंदों की मदद करना और दूसरों को सलाह भी देना। हमे आप सभी पर गर्व होगा यदि आप सभी को आज भी हमारी सभी बाते याद होगा और आप सभी एक बेतहर समाज निर्माण में अपना योगदान देंगे। आज देश को आप जैसे युवायो की मदद की जरुरत है। समाज के दानव को उखाड़ फेकने में अपना बहुमूल्य योगदान देंगे। और यह तभी होगा जब आप खुद आगे आकर लोगो की मदद करेंगे।
हमलोग इतना अमानवीय हो भी कैसे सकते हैं कि लोगो को तड़पता देख अपने घर में बैठे रहे। ये तो मेरा गुरुजनों और बड़े का दिया हुआ संस्कार है कि उन्होंने मुझे देना सिखाया न कि किसी से कुछ लेना।
ना जाने क्यों, मुझे ऐसा लगता है कि मुझे एक बार फिर से यह बात दोहरानी चाहिए कि तुम संकट में लोगो की मदद जरूर करना ।
अगर तुम ऐसा करोगे तब लोग कहेंगे-‘ वाह क्या बात है, देखो अवसर ट्रस्ट के स्टूडेंट्स ने समाज में क्या मिशाल कायम किया,
हमे पूर्ण विश्वास है आप सभी हमारे पत्र पढ़ने के बाद यह संकल्प लेंगे की हमेशा संकट की घड़ी में मदद के लिये आगे आयेंगे। यदि आप ऐसे करते है तो आने वाले पीढ़ी को भी आपके नेक कार्यो से सबक मिलेगा।
आपका
आर के श्रीवास्तवा
कौन है आरके श्रीवास्तव—-
आपको बता दे की आरके श्रीवास्तव बिहार के एक प्रसिद्ध शिक्षक है जो आईआईटी,एनआईटी, बीसीईसीई इत्यादि इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिये प्रशिक्षित करते है। उन्होने एक शिक्षक के रूप में कई लोगो के भविष्य को बदल दिया, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस , इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी उनका नाम दर्ज है।
आरके श्रीवास्तव अब लाखों युवाओं के रोल मॉडल बन गए हैं। अपने कड़ी मेहनत, पक्का इरादा और ऊंची सोच के दम पर ही शीर्ष स्थान को प्राप्त कर लिया है।
करीब एक दशकों से भी अधिक समय से आरके श्रीवास्तव देश के शिखर शिक्षक बने हुए है। देश के टॉप 10 शिक्षकों में भी इन बिहारी शिक्षकों का नाम है। इनके शैक्षणिक कार्यशैली एक दशकों से चर्चा का विषय बना हुआ है।