गंगा जल आपूर्ति योजना को जल्द से जल्द पूर्ण करें: मुख्यमंत्री

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  • मुख्यमंत्री ने बाढ़ पूर्व की तैयारियों एवं गंगा जल आपूर्ति योजना की समीक्षा की

• राजगीर, गया, बोधगया एवं नवादा में गंगा का जल शुद्ध पेयजल के रूप में पहुंचने से लोगों को काफी सुविधा होगी और भूजल स्तर भी मेंटेन रहेगा।

• नदियों के गाद एवं सिल्ट प्रबंधन को लेकर अध्ययन और आकलन करायें ।

• सात निश्चय – 2 के अंतर्गत हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करें।

• छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने की योजना बनाएं। छोटी

  • नदियों के आपस में जुड़ने से जल संरक्षित रहेगा और इससे सिंचाई कार्य में भी सुविधा होगी।

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में जल संसाधन विभाग की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की। बैठक में बाढ़ पूर्व की तैयारियों एवं गंगा जल आपूर्ति योजना की विस्तृत समीक्षा की गई।

जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जल संसाधन विभाग की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की कार्य प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने गंगा जल आपूर्ति योजना के तहत इंटेक बेल सह पंप हाऊस, डिटेंशन टैंक सह पंप हाऊस की भौतिक कार्य प्रगति की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी तथा बताया कि पाइप लाइन का 97 प्रतिशत काम पूर्ण हो गया है। उन्होंने बताया कि गंगाजल आपूर्ति योजना के तहत राजगीर, गया, बोधगया एवं नवादा में सभी लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है।

सचिव जल संसाधन विभाग ने बाढ़ पूर्व तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को तेजी से पूर्ण किया जा रहा है। • समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा जल आपूर्ति योजना को जल्द से जल्द पूर्ण करें। गंगा जल के स्टोरेज, शुद्धिकरण एवं सप्लाई कार्य प्रगति की निरंतर निगरानी करें। पदाधिकारी एवं अभियंता जमीनी स्तर पर इसे देखें पाइप लाइन की सुरक्षा की भी पूरी व्यवस्था रखें। जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग तथा नगर विकास एवं आवास विभाग आपस में समन्वय बनाकर तेजी से कार्य पूर्ण करें। गंगा जल आपूर्ति योजना के क्रियान्वयन में आम लोगों का काफी सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि राजगीर, गया, बोधगया एवं नवादा में

गंगा के जल को शुद्ध कर पेयजल के रूप में जल्द से जल्द सभी लोगों तक पहुंचाने के लिए कार्य करें। इससे लोगों को सुविधा होगी और भू-जल स्तर भी मेंटेन रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ससमय बाढ़ पूर्व सुरक्षात्मक कार्यों को पूर्ण करें। बाढ़ अवधि में

कराए जानेवाले कार्यों की पूरी तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि सात निश्चय-2 के अंतर्गत हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करें। छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने की योजना बनाएं, इसको लेकर व्यावहारिक आकलन कराएं। छोटी नदियों के आपस में जुड़ने से जल संरक्षित रहेगा और इससे लोगों को सिंचाई कार्य में भी सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि कृषि रोड मैप बनाया गया और कृषि के क्षेत्र में कई कार्य किए गए हैं जिससे फसलों का उत्पादन दुगुना हुआ है। हर खेत तक सिंचाई उपलब्ध हो जाने पर किसानों को कृषि कार्यों में और सहूलियत होगी। नदियों के गाद एवं सिल्ट प्रबंधन को लेकर अध्ययन और आकलन करायें।

बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, अभियंता प्रमुख (बाढ़) शैलेंद्र कुमार तथा अभियंता प्रमुख (सिंचाई) आई०सी० ठाकुर उपस्थित थे।

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