नीतीश नीति के कारण संभव हुई निकाय चुनावों में युवाओं व महिलाओं की सफलता : प्रो. रणबीर नंदन

देश

पटना. बिहार में नगर निकाय के चुनावों का पहला फेज समाप्त हो चुका है। उसके नतीजे भी घोषित हो चुके हैं। 156 नगर निकायों में हुए इस चुनाव में 70 से 80 फीसदी युवाओं ने जीत दर्ज की है तो महिलाओं के जीत का प्रतिशत 60 प्रतिशत से उपर है। इन आंकड़ों पर जदयू के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधान पार्षद प्रो. रणबीर नंदन ने बताया कि बिहार में महिलाओं और युवाओं के नेतृत्व में आगे बढ़ना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ही देन है।

पटना के 10 नगर परिषद के 327 पदों के लिए हुए चुनाव में सभी जीते उम्मीदवारों को प्रो. नंदन ने बधाई दी। प्रो. नंदन ने बताया कि 327 में से 231 नए उम्मीदवार जीते हैं। साथ पटना में 12 नगर निकायों में से 9 में नए चेहरे आए हैं। यह बताता है कि इन उम्मीदवारों ने उन्हें हराया है जो निकायों को अपनी परम्परागत सीट मान बैठे थे। इन 231 नए उम्मीदवारों की उम्र का दायरा भी 35 से 45 के बीच है। यानि बिहार की जनता ने उन एमपी, एलएलए और एमएलसी के रिश्तेदारों की बजाय काम करने की सोच वाले युवाओं को प्राथमिकता दी है।

प्रो. नंदन ने कहा कि पटना में महिलाओं ने 65 फीसदी से अधिक सीटें जीतीं है। यह सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की देन है। स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं के लिए 50 फीसदी हिस्सेदारी तय कर देने के सीएम नीतीश कुमार के फैसले ने महिलाओं में राजनीतिक चेतना का संचार किया है। आज प्रदेश में मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष से लेकर नगर निगम के मेयर तक के पद पर महिलाओं का कब्जा हो रहा है। वे निकायों में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। प्रदेश को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का कार्य कर रही हैं। महिलाओं के विकास के लिए सरकारी नौकरियों में भी मुख्यमंत्री ने 35 फीसदी आरक्षण का निर्णय लिया है। यह महिलाओं को सही मायनों में सशक्त कर रहा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने भरसक प्रयास किया था कि नगर निकाय चुनाव न हो। लेकिन हमारे मुख्यमंत्री ने हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान किया है। इसलिए भाजपा को इस प्रयास में भी मुंह की खानी होगी। भाजपा की दोरंगी नीति पूरी तरह विफल रही। तमाम बाधाओं के बावजूद नीतीश जी ने चुनाव करा दिया और भाजपा बस मुंह ताकते रह गई।

प्रो. नंदन ने कहा कि राज्य में शराबबंदी महिलाओं की इच्छा के सम्मान के साथ युवाओं को बुरी लत से बचाने के लिए भी है। नगर निकाय के चुनाव में आज अगर सामान्य व युवा महिलाएं व पुरुष चुनावी व्यवस्था में अपनी जगह बना सकें हैं तो इसका कारण शराबबंदी भी है। क्योंकि सभी जानते हैं कि पहले शराब का इस्तेमाल कर वोटिंग को प्रभावित करने के लिए किया जाता था। लेकिन अब ये सब बंद हो चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *