- Nitu Sinha/ Editor/TheInkk
ईद एक ऐसा त्यौहार है, जिसमें लोग अपने सभी गिले-शिकवे भूलाकर एक-दूसरे के साथ मिलकर जश्न मनाते हैं। इस मौके पर लोग अपने घरों में तरह-तरह के पकवानों का लुफ्त उठाते हैं। साथ ही दोस्त और रिश्तेदारों से मिलने जाते हैं। लेकिन हमारे बीच कई ऐसे लोग हैं, जो इस मौके पर किन्हीं कारणों से अपने परिवार, मित्र या फिर पार्टनर के साथ ईद का जश्न नहीं मना पाते हैं। ईद को ईद उल-फ़ित्र भी कहा जाता है। यह उत्सव यक्म शवाल अल-मुकर्रम्म को मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी। इस जीत के मौके पर हर किसी को मीठा खिलाया गया था। इसी दिन से मीठी ईद या ईद-उल-फितर की शुरुआत हुई थी। ईद आते ही मस्जिदों से लेकर बाजारों में जो रौनक और लोगों में उत्साह देखने को मिलता है, वो तो देखने लायक है। हर कोई एक दूसरे को गले लगाकर ईद मुबारक बोलकर बधाइयां देते है। अल्लाह की रहमत और बरकत से रमजान करीब 1 महीने से चल रहा है। जिसका अब आखिरी चरण चल रहा है। अब, बस लोगों को चांद के दिखने का इंतजार है। चांद दिखने के साथ ही इस बार का रमजान का महीना ईद के साथ पूरा हो जाएगा। (इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक रमजान के 10वें शव्वल की पहली तारीख को ईद मनाई जाती है। इस बार ईद-उल-फितर 2 मई की शाम को शुरू होगी और चांद का दीदार होने पर 3 मई को ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जा रहा है। मुस्लिम समुदाय के बड़े त्योहारों में से एक ईद-उल-फितर है। रमजान के पाक माह के बाद ईद का त्योहार देशभर में धूम-धाम से मनाया जाता है। ईद का त्योहार अमन और भाईचारे का पैगाम लेकर आता है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनकर नमाज अदा करते हैं। अमन और चैन की दुआ मांगते हैं।