महंगाई के मुद्दे पर मोदी को कितना शिकस्त दे पाएंगे नीतीश

आलेख

  • मुरली मनोहर श्रीवास्तव

देश की सत्ता पाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाने के लिए भाजपा के खिलाफ बगावत का स्वर गुंजने लगा है।वहीं विपक्षी दलों में कई नेता सुप्रीमो बनने की फिराक में अपनी गोटी जोड़ने में व्यस्त हैं।

कांग्रेस को शिकस्त देने के लिए विपक्ष हुआ एकजुट

कभी कांग्रेस को गद्दी से हटाने के लिए भाजपा सहित अन्य दल एक साथ आए थे और अपना नेता वर्ष 1989 में विश्वनाथ प्रसाद सिंह को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर आसीन किए थे। वीपी सिंह के पीछे से लालू प्रसाद, मुलायम सिंह और रामविलास पासवान जैसे लोग रिमोट कंट्रोल से संचालित कर रहे थे। उस समय की सियासत पर बात करें तो पिछड़ों को आरक्षण दिलाने के लिए सवर्ण वीपी सिंह को सत्ता की बागडोर सौंप दी गई थी।

सत्ता परिवर्तन में बिहार की अहम भूमिका

इस बार की राजनीति भी बिहार से ही होकर गुजरने की उम्मीद जतायी जा रही है। वैसे इंदिरा को सत्ता से उखाड़ फेंकने में जेपी का 1974 का आंदोलन, 1989 में कांग्रेस को सत्ता से बाहर करना हो या फिर 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने पूरी तरह से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काबिज हुई और पुनः भारी बहुमत से 2019 में भी सत्ता में बने रह गए।

विपक्ष का चेहरा होंगे नीतीश!

बिहार में फिर से इसकी लौ नीतीश कुमार ने जलायी है। यानि केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ आगे आए हैं और इनका साथ निभा रही राजद सहित कई अन्य दल। हालांकि अगर बिहार के बदलाव को दीगर करें तो क्या नीतीश कुमार पिछले रिकॉर्ड को कायम करने में सफल हो पाएंगे। क्योंकि देश में नीतीश कुमार की तरह कई अन्य दलों के नेताओं ने भी उम्मीद पाल रखी है।

विकास के बूते मैदान में नीतीश

2024 लोकसभा चुनाव में मोदी बनाम नीतीश बनने का क्यास लगाया जा रहा है। नीतीश कुमार के नाम पर महागठबंधन ने मुहर भी लगा दी है। हम दोनों पहलू पर गौर करें तो पता चलता है कि नीतीश कुमार ने विकसित बिहार की परिभाषा लिखने में कामयाब रहे हैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि बिहार को हर स्तर पर विकास की दौड़ में शामिल कर दिया है, जिसकी प्रशंसा देश से लेकर दुनिया में हो रही है। वर्ष 2016 में शराबबंदी कानून लागू कर देश के लिए उदाहरण बन गए हैं। हालांकि 1978 में कर्पूरी ठाकुर ने भी शराबबंदी लागू की थी, लेकिन कुछ ही दिनों में इसको खोल देना पड़ा था। मगर नीतीश कुमार 2016 से निरंतर बिहार में शराबबंदी लागू है। जहां बिहार में नदी,सरोवर तालाब, पईन, आहर को अतिक्रमणमुक्त कराया वहीं जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाकर बिहार के हरित आवरण क्षेत्र को बढ़ाया। बिजली-पानी-सड़क के साथ-साथ बिहार के 38 जिलों में मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेज खोलकर नवप्रयोग को सफल बनाया है।

दुनिया की बड़ी पार्टी भाजपा

नरेंद्र मोदी देश ही नहीं दुनिया में पूरी तरह से पॉपूलर चेहरों में शामिल हैं। इनके नेतृत्व में भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक दल बनकर उभरी है। विदेश नीति, डिजिटल इंडिया, सड़क जोड़ो योजना, नदी जोड़ो योजना, सड़क एक्सप्रेस-वे, उद्यमिता को बढ़ावा देने में सफल रहे हैं। मोदी सरकार को सबसे अधिक चुनौती का सामना करना है उसमें सबसे बड़ा मुद्दा है महंगाई। इस मुद्दे से आम से लेकर खास तक परेशान हैं। वहीं ट्रेनों की बात करें तो कोरोना काल में जिन ट्रेनों को इन्होंने बंद किया उसकी शुरुआत तो नहीं हो सकी वीआईपी क्लास के लिए गाड़ियों को जरुर बढ़ाए हैं। इन सभी मुद्दों पर विपक्ष इनको घेरने में कामयाब हो जाती हैं और नीतीश के समर्थन में सभी विपक्ष एकजुट हो जाते हैं तो इतना तय मानिए कि मोदी को नीतीश कुमार जबरदस्त टक्कर दे सकते हैं और सत्ता परिवर्तन हो सकती है। राजनीतिक इतिहास पर गौर करें तो 1974, 2014 में अगर सत्ता बदली है तो 2024 में सत्ता परिवर्तन से इंकार नहीं किया जा सकता है। अब आगे क्या होगा देखिए होता है क्या।

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